शत्रु बाधा से मुक्ति के लिए बहुत ही कारगर व अचूक मानी गई हैं मां बगलामुखी, जानें पूरी पूजा विधि 

आध्यात्म
Updated May 12, 2019 | 10:18 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Baglamukhi mata jayanti 2019: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मां बगलामुखी देवी की जयंती मनाई जाती है क्‍योंकि आज ही के दिन वह प्रकट हुईं थी। देवी मां की पूजा जब भी करें तो बड़ी ही सावधानी बरतें। 

Maa Bagulamukhi Jayanti
Maa Bagulamukhi Jayanti  

Baglamukhi Jayanti: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मां बगलामुखी देवी की जयंती मनाई जाती है क्‍योंकि आज ही के दिन वह प्रकट हुईं थी। मां बगुलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं। जैसे हर देवी देवता का एक अहम रंग होता है वैसे ही माता बगलामुखी का पसंदीदा रंग पीला है। ग्रंथों के अनुसार इन्‍हें पीला रंग पसंद है इसलिये इन्‍हें पितांबरा के नाम से भी पुकारा जाता है। इनकी पूजन सामग्री में पीले रंग की खास चीजं प्रयोग में लाई जाती हैं। 
मां बगलामुखी देवी की कृपा जिस पर भी पड़ती है उसके शत्रु का नाश हो जाता है और उसके जीवन में आई हर तरह की परेशानी दूर हो जाती है। यही नहीं इनकी कृपा से बुरी नजर और बुरी शक्तियों से भी बचाव होता है। देवी मां की पूजा जब भी करें तो बड़ी ही सावधानी बरतें। इनकी पूजा के लिये किसी ब्राह्मण का मार्गदार्शन चुनें। साथ ही, देवी के भक्तों को साफ-सफाई और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अब आइये जानते हैं मां बगलामुखी देवी की पूजा विधि एवं मंत्र जाप- 

पूजन विधि  

  • इस दिन सुबही उठ कर नहा धो लें और पीले रंग कें वस्त्र पहनें। 
  • पूजा स्थान को सर्वप्रथम गंगाजल से पवित्र कर लें। 
  • फिर उस जगह पर एक चौकी रखें और उस पर माता बगलामुखी की मूर्ति या फोटो रखें। 
  • फिर अपने हाथ में पीले फूल, हल्दी, चावल और दक्षिणा लेकर माता बगलामुखी व्रत का संकल्प करें। 
  • इसके बाद धूप, दीप और अगरबत्ती लगाएं। इसके बाद मां को पीली रंग की मिठाई का प्रसाद चढ़ाएं। 
  • व्रत रखें तो उस दिन कुछ न खाएं। सिर्फ फल का सेवन कर सकते हैं। अगले दिन पूजा करने के बाद ही भोजन करें।

मंत्र- श्रीं ह्रीं ऐं भगवती बगले मे श्रियं देहि देहि स्वाहा। इस मंत्र का जाप सही उच्चारण के साथ करें। अगर जाप करने में कोई परेशानी आ रही हो तो किसी अन्य ब्राह्मण से जाप करवा सकते हैं।

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