Mahashivratri 2022 Date: महाशिवरात्रि कब है 2022 में, जानें चारों पहर की पूजा का समय और व‍िध‍ि

Mahashivratri 2022 Date, Tithi, Puja Samay, Puja Vidhi: महाशिवरात्रि के व्रत की बड़ी मह‍िमा मानी जाती है। इस द‍िन चार पहर में भोलेनाथ की पूजा का व‍िधान है। जानें 2022 में महाश‍िवरात्र‍ि कब आ रही है और चारों पहर की पूजा का समय क्‍या रहेगा।

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महाशिवरात्रि 2022 में कब है 
मुख्य बातें
  • महाशिवरात्रि के पर्व की श‍िव भक्‍तों में बहुत धूम रहती है।
  • मान्‍यता है क‍ि इस दिन भोलेनाथ ने वैराग्य जीवन त्यागकर गृहस्थ जीवन अपनाया था।
  • महाशिवरात्रि के दिन चार पहर की पूजा का है विशेष महत्व, मिलता है भगवान शिव का आशीर्वाद।

Mahashivratri 2022 Date, Tithi, Puja Samay, Puja Vidhi: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। यूं तो हर महीने मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है, लेकिन फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि (Maha shivratri 2022) का एक अलग ही महत्व है। मान्‍यता है क‍ि इस महापर्व पर श‍िव और पार्वती का व‍िवाह हुआ था और भोलेनाथ ने वैराग्य जीवन त्यागकर गृहस्थ जीवन अपनाया था। वहीं कुछ पौराणिक ग्रंथों में ये भी माना गया है क‍ि इस दिन भगवान शिव दिव्य ज्योर्तिलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि (Maha shivratri 2022 Date) का पावन पर्व 1 मार्च 2022, मंगलवार को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि विधान से भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और सभी कष्टों का निवारण होता है।

महाशिवरात्रि के दिन चार पहर की पूजा का विधान है। इस दिन रात्रि पूजन भी किया जाता है, लेकिन इससे महत्वपूर्ण चार पहर की पूजा होती है। मान्यता है कि चार पहर की पूजा करने से व्यक्ति जीवन के चारों पापों से मुक्त हो जाता है। तथा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि के दिन चार पहर की पूजा संध्या काल से शुरू होकर अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त तक की जाती है। 

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हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि (Maha shivratri 2022 date and puja muhurat) का पावन पर्व मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि 1 मार्च 2022, मंगलवार को है। चतुर्दशी तिथि सुबह 03 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 2 मार्च, बुधवार को सुबह 1 बजे समाप्त होगी। आइए जानते हैं इस दिन चार पहर की पूजा का समय।

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Mahashivratri Date And Puja Muhurat 2022: महाशिवरात्रि 2022 तिथि, पूजा मुहूर्त और चारों पहर की पूजा समय

  • महाशिवरात्रि 2022 - 1 मार्च 2022, मंगलवार
  • चतुर्दशी तिथि प्रारंभ – 1 मार्च 2022, 3:16 AM से
  • चतुर्दशी तिथि समापन – 2 मार्च 2022, बुधवार को 1 AM तक
  • महाशिवरात्रि पहले पहर की पूजा – 1 मार्च 2022 को शाम 6:21 से 9:27 तक
  • महाशिवरात्रि दूसरे पहर की पूजा – 1 मार्च को रात्रि 9:27 से 12:33 तक
  • महाशिवरात्रि तीसरे पहर की पूजा – 2 मार्च को रात्रि 12:33 से सुबह 3:39 तक
  • महाशिवरात्रि चौथे पहर की पूजा – 2 मार्च 2022 को सुबह 3:39 से 6:45 तक
  • व्रत का पारण – 2 मार्च 2022, बुधवार को सुबह 6:45 बजे

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महाशिवरात्रि 2022: पहले पहर की पूजा का समय और महत्‍व 

महाशिवरात्रि के दिन प्रथम पहर की पूजा सूर्यास्त के बाद की जाती है। पहले पहर की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:21 से शुरू होकर रात में 09 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी। मान्यता है कि इस दौरान विधि विधान से भगवान शिव की पूजा अर्चना करने व मंत्रों का जाप करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और समस्त पापों का नाश होता है। इससे आपका धर्म मजबूत होता है।

महाशिवरात्रि 2022: दूसरे पहर की पूजा का समय और महत्‍व 

वहीं दूसरे पहर की पूजा रात में शुरू होती है। दूसरे पहर की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 9 बजकर 27 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक है। इस दौरान विधिवत भोलेनाथ की पूजा अर्चना के साथ दही से अभिषेक किया जाता है। ध्यान रहे दूसरे पहर में शिव मंत्रों का जाप अवश्य करें, इससे धन प्राप्ति के मार्ग में वृद्धि होती है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पहर में भगवान शिव की स्तुति करना अत्यंत शुभ माना जाता है। 
 
महाशिवरात्रि 2022: तीसरे पहर की पूजा का समय और महत्‍व

तीसरे पहर की पूजा मध्यरात्रि में की जाती है। मान्यता है कि तीसरे पहर की पूजा में भगवान शिव को गाय का शुद्ध घी अर्पित करना चाहिए तथा इस दौरान रुद्राष्टक का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पौराणिक ग्रंथों में रात्रि के चारों पहर की पूजा को विशेष फलदायी माना गया है।

महाशिवरात्रि 2022: चौथे पहर की पूजा का समय और महत्‍व
 
ध्यान रहे चौथे पहर की पूजा अगले दिन भोर में की जाती है। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 3:39 से 6:45 तक है। इस दौरान शहद से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। 
 

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