Mauni Amavasya 2022 Puja Vidhi, Muhurat, Mantra: मौनी अमावस्या 2022 के दिन इस मंत्र का करें जाप, जानिए पूजा व‍िधि,समय व सामग्री

Mauni Amavasya 2022 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Mantra, Aarti in Hindi: पौराणिक ग्रंथों के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ को अर्घ्य देकर 108 बार परिक्रमा करने का विधान है। इसके अलावा विधिवत भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

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मौनी अमावस्या 2022 कब है, जानें पूजा मंत्र, सामग्री, व‍िध‍ि  
मुख्य बातें
  • कल यानी 1 फरवरी 2022, मंगलवार को है मौनी अमावस्या।
  • मौनी अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान का है विशेष महत्व।
  • इस दिन पीपल को अर्घ्य देकर 108 बार करें परिक्रमा मनोकामना पूर्त‍ि वाला माना जाता है।

Mauni Amavasya 2022 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Mantra, Aarti:  हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार मौनी अमावस्या 1 फरवरी 2022, मंगलवार (Mauni Amavasya 2022 Date) को है। अमावस्या तिथि को मंगलवार पड़ने के कारण इसे भौमी अमावस्या भी कहते हैं। माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2022 ) के दिन गंगाजल अमृत के समान होता है, इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान कर किसी पात्र व्यक्ति या ब्राह्मणों को दान करने से सभी पापों का नाश होता है और समस्त सुखों को भोगने के बाद वैकुण्ठ लोक की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन दान आदि करने से व्यक्ति की कुंडली से ग्रह दोष भी समाप्त होते हैं और शनि मजबूत होता है।

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन विधिवत भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने व पीपल के पेड़ को अर्घ्य देकर 108 बार परिक्रमा करने का भी विधान है। मान्यता है ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और कष्टों का निवारण होता है। 

Mauni Amavasya 2022 Puja Muhurat

मौनी अमावस्‍या पर व‍िष्‍णु जी की पूजा का व‍िधान भी है। एक फरवरी को अभिजीत मुहूर्त और अमृत काल में श्री हर‍ि का पूजन क‍िया जा सकता है। तांत्रिक अनुष्ठान तथा माता काली पूजा न‍िशा मुहूर्त में होती है। ये पूजा रात्रि 11 बजकर 42 मिनट से लेकर पूरी रात्रि तक हो सकती है। 

अभिजीत मुहूर्त 12:09am से 12:50pm व‍िष्‍णु पूजन के ल‍िए उत्‍तम 
अमृत काल 04:20pm से 05:51pm व‍िष्‍णु पूजन के ल‍िए उत्‍तम, बृहस्पति तथा चंद्रमा के बीज मंत्र का जप करें
निशा मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 42 मिनट से लेकर पूरी रात्रि तक तांत्रिक अनुष्ठान तथा माता काली पूजा


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Mauni Amavasya 2022 Puja Vidhi, मौनी अमावस्या पूजा विधि

मौनी अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान का विशेष महत्व है, लेकिन यदि ऐसा संभव ना हो तो ब्रह्म मुहूर्त के दौरान पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। तांबे के लोटे में काला तिल व फूल डालकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें। इसके बाद लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर श्रीहरि भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें तथा विधिवत पूजा अर्चना करें। भगवान विष्णु को पीले फूल, केसर, घी, दीपक और चंदन अर्पित करें और पंचामृत का भोग लगाएं। अंत में व‍िष्‍णु जी की आरती करें। 

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन किसी पात्र व्यक्ति या ब्राम्हणों को दान करने का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि इससे भगवान विष्णु की कृपा अपने भक्तों पर सदैव बनी रहती है। साथ ही इस दिन पीपल के पेड़ को अर्घ्य दें और संभव हो तो 108 बार परिक्रमा करें, बता दें पीपल के पेड़ पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है।

Mauni Amavasya 2022 Date, Puja Vidhi, Muhurat: मौनी अमावस्या पर क्या है स्नान करने का महत्व

Mauni Amavasya 2022 Puja Mantra, मौनी अमावस्या पूजा मंत्र

अयोध्या, मथुरा, माया, काशी, कांचीर् अवन्तिका,
पुरी, द्वारावतीश्चैव: सप्तैता मोक्षदायिका।।

गंगे च यमुनेश्चैन गोदावरी, सरस्वती,
नर्मदा, सिंधू, कावेरी जलेस्मिनेसंनिधि कुरू।।

मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करते समय ऊपर दिए इन मंत्रों का जाप करें। शास्त्रों के अनुसार स्नान करते समय इन मंत्रों का जाप करने से गंगा स्नान का फल प्राप्त होता है।

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