Nag Panchami Mantra 2022: इन मंत्रों के जाप से होंगी सभी मनोकामनाएं पूरी, सर्प दोष से भी मिलेगी मुक्ति

Nag Panchami 2022 Date, Time And Mantra In Hindi: भारत में कल धूमधाम के साथ नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है, कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से कुंडली से सर्प दोष हमेशा के लिए खत्म हो जाता है।

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Nag Panchami 2022 Mantra (Pic: iStock) 
मुख्य बातें
  • भारत में कल मनाई जाएगी नाग पंचमी
  • इस दिन विधि-विधान से की जाती है नाग देवता की पूजा
  • इन मंत्रों का जाप करने से बेहद प्रसन्न होते है नाग देवता

Nag Panchami 2022 Date, Time, Mantra In Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार नाग पंचमी हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। भारत में नाग पंचमी का पर्व कल यानी 2 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन कुछ जगहों पर बड़े-बड़े धार्मिक आयोजन किए जाते है। हिंदू धर्म में नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है, कि इस नागों की पूजा करने से सर्प दोषों से मुक्ति मिलती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं। 

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शास्त्र के अनुसार, नागों की पूजा करने से भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते है। यदि आप भी नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करते है या करने की सोच रहे हैं, तो उनकी पूजा में इन मंत्रों का जाप अवश्य करें। इन मंत्रों को पढ़ने से आपको इस पूजा का दुगना फल प्राप्त हो सकता है। ऐसा कहा जाता है, कि इस मंत्र से नाग देवता बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। तो आइए जान लें नाग पंचमी का मंत्र।

नाग पंचमी 2022 मंत्र

वासुकिः तक्षकश्चैव कालियो मणिभद्रकः।

ऐरावतो धृतराष्ट्रः कार्कोटकधनंजयौ ॥

एतेऽभयं प्रयच्छन्ति प्राणिनां प्राणजीविनाम् ॥

अर्थ- नाग पंचमी के दिन इन अष्ट नागों - वासुकि, तक्षक, कालिया, मणिभद्रक, ऐरावत, धृतराष्ट्र, कार्कोटक और धनंजय की पूजा का विधान है। 

नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथ्वीमनु।

येऽ अंतरिक्षे ये दिवितेभ्य: सर्पेभ्यो नम:।।

अर्थ- जो सर्प और नाग देवता पृथ्वी के अंदर एंवम अंतरिक्ष और स्वर्ग में रहते हैं, उन सभी को नमस्कार है। राक्षसों के लिए बाण के समान और वनस्पति के अनुकूल तथा जंगलों में रहने वाले नागों को बारंबार नमस्कार है।

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ये वामी रोचने दिवो ये वा सूर्यस्य रश्मिषु।

येषामपसु सदस्कृतं तेभ्य: सर्वेभ्यो: नम:।।

अर्थ-  जो सूर्य की किरणों में सूर्य की ओर मुख करके चलते रहते हैं, जो सागरों में समूह रूप से रहते है, उन सभी नागों को नमस्कार है, तीनो लोक में जो भी नाग देवता हैं, उन सब को बारंबार नमस्कार है।

नाग देवता को जल्द प्रसन्न करने के मंत्र

ऊँ सर्पाय नमः। ऊँ अनन्ताय नमः। 

ऊँ नागाय नमः। ऊँ अनन्ताय नमः। 

    ऊँ पृथ्वीधराय नमः।

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