Palm Reading: दोनों हथेलियों को मिला कर अगर बनता है आधा चांद, तो इस मामले में बहुत लकी हैं आप 

आध्यात्म
Updated Mar 17, 2019 | 08:04 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

कई बार हथेलियों पर बने अर्धचंद्र को देखकर कई सवाल मन में उठते हैं। तो आइए इस अर्धचंद्र का राज आपको आज क्लियर करते हैं।

Palm Reading
Palm Reading  |  तस्वीर साभार: Getty Images

ज्योतिष शास्त्र और ग्रह-नश्त्रों की चाल को समझना थोड़ा मुश्किल होता हैं लेकिन हांथों की रेखाओं को अगर पढ़ने का तरीका आ जाए तो इससे अपने भविष्य को जानना थोड़ा आसान हो जाएगा। हाथों की रेखाएं न केवल भविष्य के बारे में बताती है बल्कि आपके स्वभाव और आपके साथी से जुड़ी भी कई बातों को बताती हैं।

ऐसी ही एक रेखा है होती है अर्धचंद्र की। दोनों हथेलियों को जोड़ने पर ये चांद कभी पूरी तरह से नजर आता है तो कभी इसकी शेप कुछ समतल, सीधी या तेढ़ीमेढ़ी दिखती है। इस चांद को देखकर तमाम कयास लगाए जाते हैं। लेकिन ये रेखाएं बहुत कुछ राज खोलती हैं।

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ऐसे बनाएं चंद्रमा

दोनों हथेलियों को जोड़ें ठीक उस तरह जैसे अंचुली बनाई जाती है। इससे आपको अपनी हथेलियों पर चंद्र बनता नजर आएगा। अब देखें की ये चंद्र किस तरह का पैटर्न में बन रहा है। यानी समतल, पूरा अर्ध चंद्र या सीधा। तो आइए जानें इस पैटर्न के जरिये अर्धचंद्र का ये राज।

आधा चंद्रमा

जिनकी हथेलियों पर अर्धचंद्र बनता है वह काफी अटरेक्टिव माने जाते हैं। इनका स्वभाव भी काफी प्रभावित करना होता है। ऐसे लोग जीवन में या तो अपने बचपन के दोस्त या अपने किसी प्रिय के साथ विदेश में रहने चले जाते है। ऐसे लोग प्रेमी प्रकृति के होते हैं लेकिन इसे दिखाते नहीं। काफी तेज दिमाग होता है इनका। ये काफी साहसी होते हैं और मुश्किलों से घबराते नहीं। इनमें नेतृत्व क्षमता जबरदस्त होती है।

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सीधी रेखा

अगर आपकी दोनों हथेलियों को जोड़ने पर सीधी रेखा बन रही तो आप काफी इमोश्नल हैं। शांत और दयालु प्रकृति के आप हैं। आपको काम करना अच्छा लगता है । आप एक बेहतर इंसान हैं।

जब रेखाएं नहीं मिलती

हथेलियों को जोड़ने पर अगर ये रेखाएं जुड़ती या तेढ़ी-मेढ़ी नजर आती हैं तो इसका मतलब ये है कह आपको उम्रदराज लोगों के साथ ही अच्छा लगता है। आप बेफिक्र माने जाते हैं यानी आपको किसी के कुछ कहने सुनने का फर्क नहीं पड़ता। आप अपनी सोच को सही मानते हैं।

हाथों की रेखाएं पढ़ना मुश्किल नहीं होता। बस उसे सही तरीके से समझने की जरूरत होती है। हालांकि रेखाओं के बारे में यह साफ तौर से कहा जाता है कि कर्म के अनुसार रेखाएं बदलती हैं। अगर आपके कर्म अच्छे होंगे तो रेखाएं भी अच्छी होती जाएंगी।

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