Chaturdashi Shradh 2022: कब है चतुर्दशी का श्राद्ध? जानें इस दिन किन पितरों का किया जाता है पिंडदान

Pitru Paksha 2022: इस साल पितृपक्ष 10 सितंबर से लेकर 25 सितंबर तक रहने वाला है। इस दौरान 24 सितंबर को चतुर्दशी का श्राद्ध मनाया जाएगा। श्राद्धकर्म के लिहाज से यह दिन बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन कुछ विशेष पितरों का ही श्राद्ध संपन्न किया जा सकता है।

Chaturdashi shradh
चतुर्दशी के श्राद्ध पर कुछ विशेष पितरों का श्राद्ध ही संपन्न होता है 
मुख्य बातें
  • 24 सितंबर को है चतुर्दशी का श्राद्ध
  • इस दिन दुर्घटना में मरने वाले पितरों का होगा श्राद्ध
  • जानें, चतुर्दशी के श्राद्ध की विधि

Pitru Paksha 2022: पितृपक्ष चल रहा है और लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध करने पवित्र स्थलों पर जा रहे हैं। ऐसा कहते हैं कि पितृपक्ष में पितरों का पिंडदान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और हमारा जीवन भी सुखमय बना रहता है। इस बार पितृपक्ष 10 सिंतबर से लेकर 25 सितंबर तक रहेगा। इस बीच 24 सितंबर को चतुर्दशी का श्राद्ध किया जाएगा। श्राद्धपक्ष में इस दिन का विशेष महत्व बताया गया है। आइए जानते हैं कि चतुर्दशी तिथि के दिन किन लोगों का श्राद्ध किया जाता है और इस दिन श्राद्ध करने की विधि क्या होती है।

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चतुर्दशी को किसका होगा श्राद्ध?

चतुर्दशी तिथि पर कुछ विशेष पितरों का ही श्राद्ध किया जा सकता है। ज्योतिषियों की मानें तो चतुर्दशी तिथि पर केवल उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु चतुर्दशी को हुई हो या फिर वे अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए हों। यदि किसी इंसान की मृत्यु हथियार, सांप के काटने या वाहन दुर्घटना में हुई है तो उसका श्राद्ध इसी दिन किया जाएगा। इसलिए इसे घायल चतुर्दशी भी कहते हैं।

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चतुर्दशी का श्राद्ध करने की विधि
-  स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। इस दिन धोती और पवित्र धागा पहना जाता है।
- इसके बाद अंगुली में दरभा घास की अंगूठी धारण करें।
- चतुर्दशी के श्राद्ध के वक्त अनुष्ठान के दौरान अंगुली के पवित्र धागे को कई बार बदला जाता है।
-  भगवान विष्णु और यम देव की पूजा की जाती है।
- इस दिन पिंडदान और तर्पण करने का भी विधान है।
- इस दिन पहले गाय, कौआ, कुत्ता और चींटियों को भोजन दिया जाता है। इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है।
- श्राद्धकर्म के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को खाने या इस्तेमाल करने की चीजें दान दे सकते हैं।
- इसमें गुड़, घी, तिल और नमक का दान करना बहुत ही शुभ समझा जाता है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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