Pitru Paksha 2022: इस साल पितृपक्ष 10 सितंबर से लेकर 25 सितंबर तक रहने वाले हैं। कहते हैं कि पितृपक्ष की अवधि में हमारे पूर्वज हमें आशीर्वाद देने धरती पर उतरते हैं। इस दौरान लोग अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं। उनकी आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं। दान-धर्म के कार्यों से पितरों का आशीर्वाद पाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पितृपक्ष में पांच खास तरह के पौधे लगाने से भी पितरों की अनुकंपा होती है। आइए आज आपको बताते हैं कि पांच कौन से पौधे लगाकर आप पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं।
पीपल
हिंदी धर्म में पीपल के पेड़ का विशेष महत्व बताया गया है। इसलिए हर व्रत, त्योहार पर पीपल के पेड़ की पूजा और उपाय बताए जाते हैं। पितृपक्ष में इसका पौधा लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। अगर कुंडली में गुरु चांडाल योग हो तो भी पीपल का पौधा जरूर लगाना चाहिए।
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बरगद
पितृपक्ष में बरगद का वृक्ष भी लगाया जा सकता है। इसे दीर्घायु के वरदान और मोक्ष की प्राप्ति के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए आपको बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
तुलसी
तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है, इसलिए पितृपक्ष में आप तुलसी का एक छोटा सा पौधा भी अपने घर के आंगन में लगा सकते हैं। इससे भी आपके पितृ प्रसन्न हो जाएंगे। पर ख्याल रखें कि तुलसी का पौधा मुरझाना नहीं चाहिए। ऐसा होने पर आपको उल्टे परिणाम मिलने लगेंगे।
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अशोक
ज्यातिष शास्त्र में अशोक के वृक्ष का भी विशेष महत्व बताया गया है। पितृपक्ष में आप अशोक का पौधा अपने घर के द्वार पर लगा सकते हैं। इसे घर के द्वार पर लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है।
बेल
भगवान शिव को बेल का पौधा बहुत प्रिय है। ऐसा कहते हैं कि पितृपक्ष में इसका पौधा लगाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। अमावस्या के दिन भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करने से मन की सारी इच्छाएं पूर्ण हो सकती हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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