Chanakya Niti For Family: घर के मुखिया में ये गुण होना बेहद जरूरी, नहीं तो परिवार हो जाता है पूरी तरह बर्बाद

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्‍त्र में मनुष्‍य जीवन व घर-परिवार को संभालने के लिए बहुत सारी जानकारी दी है। इनके द्वारा बताए गए उपाय को अपनाने वाला व्‍यक्ति जीवन की कठिनाइयों को आसानी से पार कर सकता है। आचार्य चाणक्‍य ने अपने नीति शास्त्र में घर के मुखिया के लिए भी कई बातें बताई हैं।

Chanakya Niti
परिवार चलाने के लिए घर के मुखिया में ये गुण जरूरी   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • घर के मुखिया में पूरे परिवार को साथ लेकर चलने का होना चाहिए गुण
  • मुखिया के लिए अपने भाई-बंधु से अच्‍छा रिश्‍ता बनाना बेहद जरूरी
  • मुखिया को परिवार के बेहतर भविष्‍य के लिए फिजूलखर्ची से बचना चाहिए

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवन व घर-परिवार को संभालने के लिए बहुत सारी जानकारी दी है। उन्‍होंने मनुष्‍य जीवन में सफलता प्राप्‍त करने से लेकर किसी भी समस्‍या को खत्‍म करने के कई उपाय बताएं हैं। आचार्य चाणक्‍य ने अपने नीतिशास्‍त्र में उन नीतियों का भी जिक्र किया है, जो मनुष्य में अपने परिवार को चालने के लिए जरूरी होत हैं। नीतिशास्त्र में घर के मुखिया के लिए कुछ ऐसी बातें भी बताई गई हैं, जो उनके लिए जरूरी होती हैं।

भाई के साथ अच्‍छा संबंध बनाना

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, घर के मुखिया की जिम्‍मेदारी होती है कि वो अपने भाई-बंधुओं से अच्छे रिश्ते बनाए रखे। अगर परिवार का मुखिया अपने भाई व परिवार के अन्‍य लोगों से संबंध अच्छे नहीं बना पाएगा तो पूरे परिवार में तनाव का माहौल बना रहेगा और नेतृत्‍व पर भी सवाल खड़े होंगे। इसलिए सबको साथ लेकर चलने का गुण घर के मुखिया में होना चाहिए।

अन्न का सम्‍मान करने का गुण

आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी परिवार में छोटे बच्चे वही सीखते हैं जो वो अपने बड़ों को करते देखते हैं। इसलिए, घर के मुखिया को कभी भी अन्न की बर्बादी नहीं करनी चाहिए। क्‍योंकि, आपको ऐसा करते देखकर बच्चे भी अन्न का अपमान करेंगे। इससे घर से सुख-समृद्धि दूर हो जाएगी। मुखिया को हमेशा अन्‍न का सम्‍मान करना चाहिए और दूसरे लोगों को भी यह सिखाना चाहिए।

परिवार के हर सदस्‍य से बात करें

आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि, यह मुखिया की जिम्‍मेदारी होती है कि वो अपने परिवार के सभी सदस्‍यों से बात करता रहे। जब मुखिया परिवार के लोगों से बात करेगा, तभी वह उसको अपनी समस्‍याएं बता सकेंगे और साथ बैठकर उसका हल निकालने की कोशिश करेंगे। मुखिया को अपने परिवार के सभी सदस्‍यों से हर मुद्दे पर खुलकर बातचीत करनी चाहिए।

फिजूलखर्ची न करें

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, परिवार का मुखिया हमेशा अपने परिवार व बच्चों के भविष्य की चिंता करके चलने वाला होना चाहिए। परिवार के अनुसार भविष्‍य की योजनाएं बनानी चाहिए। घर के मुखिया को फिजूलखर्ची से जितना हो सके उतना बचना चाहिए। जिससे भावी पीढ़ी के लिए बचत हो सके और उनकी जरूरतों की पूर्ति हो सके।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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