Ram Ji Ki Aarti: राम जी की आरती हिंदी में, पूजा के लिए यहां देखें श्री राम चंद्र कृपालु भजु मन के लिरिक्स

Ram Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi (श्री राम चंद्र कृपालु भजु मन): स्कंद पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार बिना आरती व व्रत कथा के राम नवमी की पूजा को संपूर्ण नहीं माना जाता। इसलिए राम नवमी पर व्रत कथा का पाठ करने के बाद भगवान राम की आरती अवश्य करें। कहा जाता है कि राजा राम चंद्र भगवान की आरती सुनने मात्र से सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है।

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Ram Navami 2022 Ram Ji Ki Aarti 
मुख्य बातें
  • आज राम नवमी का पावन पर्व है।
  • भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है।
  • भगवान राम की आरती सुनने मात्र से होता है सभी समस्याओं का समाधान।

Ram Ki Aarti Lyrics In Hindi,  Shri Ram Chandra Krupalu Bhaju Man Aarti: आज राम नवमी का पावन पर्व है। भारतवर्ष में राम नवमी का पर्व मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, त्रेतायुग में चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम का जन्म हुआ था। साथ ही इस दिन नवरात्रि का समापन भी होता है। हर घर में हवन पूजन कर लोग मां सिद्धिदात्री और राम जी की पूजा करते हैं। मान्यता है कि राम नवमी के दिन विधि विधान से भगवान राम की पूजा अर्चना करने से संपूर्ण कष्टों का नाश होता है और जीवन में आने वाली सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है।

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स्कंद पुरांण में वर्णित एक कथा के अनुसार बिना आरती व व्रत कथा के पूजा को संपूर्ण नहीं माना जाता। इसलिए व्रत कथा का पाठ करने के बाद भगवान राम की आरती (Bhagwan Sri Ram Aarti) अवश्य करें। कहा जाता है कि राजा रामचंद्र भगवान की आरती सुनने मात्र से सभी समस्याओं का समाधान होता है तथा नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में नीचे क्लिक कर आप भगवान राम की आरती का पाठ सकते हैं।

Bhagwan Sri Ram Aarti, भगवान श्री राम की आरती:

श्री राम चंद्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणम्।
नव कंजलोचन, कंज-मुख, कर-कंज, पद कंजारुणम्।।

कन्दर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।

भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्यवंश निकन्दनम्।।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।

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सिर मुकुट कुंडल तिलक चारू उदारु अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर सग्राम जित खरदूषणं।।

इति वदित तुलसीदास शंकर-शेष-मुनि-मन रंजनम्।
मम ह्रदय –कंच निवास कुरु कामादि खलदल-गंजनम्।।

मनु जाहिं राचेउ मिलहि सो बरु सहज सुन्दर सांवरो।
करुना निधान सुजान सिलु सनेहु जानत रावरो।।

एही भांति गौरी असीस सुनी सिया सहित हियं हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजी पुनी पुनी मन मन्दिर चली।।

दोहा

जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु ना जाइ ककहि।
मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे।।

ध्यान रहे आरती के ऊपर दिए भगवान राम के इस दोहे का उच्चारण अवश्य करें। इसके बाद ही पूजा को संपूर्ण माना जाता है।

भगवान राम की आरती का महत्व

भगवान राम की आरती के बिना पूजा को संपूर्ण नहीं माना जाता। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की आरती करने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही माता धन की देवी माता लक्ष्मी का वास होता है। वहीं हनुमान जी भी अत्यंत प्रसन्न होते हैं, उनका आशीर्वाद अपने भक्तों के साथ सदैव बना रहता है।

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