Shani Amavasya 2022: शनिश्चरी अमावस्या पर कर लें ये उपाय, शनि दोष, साढे़ साती और ढैय्या से मिलेगी मुक्ति

Shani Amavasya 2022: शनिदेव की पूजा-आराधना करने के लिए शनिश्चरी अमावस्या का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन कुछ विशेष उपायों को करने से शनि से संबंधित दोषों से मुक्ति मिलती है और साढ़ेसाती व ढैया से की परेशानियां भी दूर होती है।

Shani Amavasya 2022
शनि अमावस्या पर किए उपायों से साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव होगा कम 
मुख्य बातें
  • शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या कहलाती है शनिश्चरी अमावस्या
  • इस बार भाद्रपद अमावस्या पर 14 साल बाद विशेष संयोग
  • शनिश्चरी अमावस्या पर किए उपायों से प्रसन्न होते हैं शनिदेव

Shani Amavasya 2022 Upay: प्रत्येक माह अमावस्या तिथि पड़ती है। लेकिन शनिवार के दिन यदि अमावस्या पड़ती है तो उसे शनिश्चरी अमावस्या या शनि अमावस्या कहा जाता है। अमावस्या के दिन स्नान, दान, व्रत और तर्पण के लिए खास महत्व होता है। आज यानी 27 अगस्त 2022 को शनिश्चरी अमावस्या है। ज्योतिष के अनुसार, इस बार शनिश्चरी अमावस्या पर 14 साल बाद विशेष संयोग बन रहा है। इस खास संयोग में पूजा करने से पुण्यफल की प्राप्ति होगी। साथ ही इस दिन कुछ विशेष उपायों को करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से पीड़ित राशियों की परेशानियां भी दूर होंगी। जानते हैं शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव को प्रसन्न करने से जुड़े प्रभावी उपायों के बारे में।

साढ़े साती और ढैय्या से पीड़ित हैं ये राशियां (Shani Amavasya 2022)

शनिदेव इस समय मकर राशि में वक्री अवस्था में विराजमान हैं। ऐसे में इस समय धनु, मकर और कुंभ राशियों पर शनि की साढ़े साती चल रही है। इसके अलावा मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि की ढैया का प्रभाव है। शनि के प्रभाव से इन राशि के जातकों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। साढ़े साती और ढैय्या प्रभाव को कम करने के लिए आप शनिश्चरी अमावस्या पर इन उपायों को जरूर करें।

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शनिश्चरी अमावस्या पर करें ये उपाय

  • शनिश्चरी अमावस्या के दिन काली उड़द की दाल से इमरती बनाएं और इसे किसी शनि मंदिर के बाहर जरूरतमंद और गरीबों में बांटे।
  • शनिश्चरी अमावस्या के दिन एक तांबे के पात्र में सरसों का तेल और सिक्का डाल दें। अब इसमें अपनी परछाई देखें। इसके बाद इस तेल को किसी गरीब को दान कर दें। ऐसा करने से शनि दोष का प्रभाव कम होता है।
  • धार्मिक मान्यता है कि पीपल के पेड़ में शनि देव वास करते हैं। इसलिए शनिश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के पास सरसों तेल का दीपक जलाएं। यह उपाय आप लगातार पांच शनिवार तक करें। इससे आपको शीघ्र ही शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
  • शनि अमावस्या के दिन गरीबों में काली उड़द, लोहा, स्टील के बर्तन, काला तिल, चमड़े के चप्पल आदि का दान करें। इससे भी साढ़े साती का प्रभाव कम होता है।

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14 साल बाद शनिश्चरी अमावस्या पर विशेष संयोग

इस बार शनिश्चरी अमावस्या पर शनि अपनी ही राशि मकर में रहेंगे। ज्योतिष के अनुसार ऐसा संयोग फिर दो साल बाद आएगा। साथ ही भाद्रपद माह होने के कारण भी इस बार शनि अमावस्या पर किए उपायों से आपको विशेष लाभ मिलेगा।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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