Shardiya Navratri 2022 Maa Durga 108 Namawali: शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व 26 सितंबर 2022 से शुरू होने वाला है। नवरात्रि के पूरे 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान मां दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त करने के लिए लोग पूजा-पाठ और व्रत करते हैं। इससे घर पर सुख-समृद्धि व खुशहाली का आगमन होता है और मां दुर्गा की कृपा से भक्तों को किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। नवरात्रि के शुभ मौके पर लोग सप्तशती, अर्गलास्त्रोत, कवच, महिषासुरमर्दिनी और दुर्गा चालीसा आदि का पाठ करते हैं। साथ ही नवरात्रि में मां दुर्गा के विशेष मंत्रों का जाप भी करना फलदायी होता है। लेकिन इसके साथ ही यदि आप शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के 108 नामों का जाप करते हैं तो इससे माता रानी प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। माता रानी के इन 108 नामों को अष्टोत्तरशतनामावली कहा जाता है। जानते हैं मां दुर्गा के 108 नामों के बारे में।
मां दुर्गा की 108 नामावली या अष्टोत्तरशतनामावली
1. सती, 2. साध्वी, 3. भवप्रीता, 4. भवानी, 5. भवमोचनी,
6. आर्या, 7. दुर्गा,8. जया, 9. आद्या, 10. त्रिनेत्रा, 11. शूलधारिणी, 12. पिनाकधारिणी, 13. चित्रा,14. बुद्धि, 15. महातपा,16. मन, 17. चंद्रघंटा,18. अहंकारा, 19. चित्तरूपा, 20. चिता, 21. अनंता,22. सर्वमंत्रमयी, 23. सत्ता, 24. सत्यानंदस्वरुपिणी, 25. चिति, 26. चिंता, 27. भव्या, 28. अभव्या, 29. भाविनी,30. शाम्भवी, 31. देवमाता, 32. सदागति,33. रत्नप्रिया,34. सर्वविद्या,35. दक्षकन्या, 36. दक्षयज्ञविनाशिनी, 37. अपर्णा,38. अनेकवर्णा,39. पाटला,40. पाटलावती,
41. पट्टाम्बरपरिधाना,42. कलमंजरीरंजिनी, 43. अमेयविक्रमा, 44. क्रूरा, 45. सुंदरी, 46. सुरसुंदरी, 47. वनदुर्गा, 48. मातंगी, 49. मतंगमुनिपूजिता, 50. माहेश्वरी, 26. चिंता, 27. भव्या, 28. अभव्या, 29. भाविनी, 30. शाम्भवी, 31. देवमाता, 32.सदागति, 33. रत्नप्रिया,34. सर्वविद्या,35. दक्षकन्या,36. दक्षयज्ञविनाशिनी,37. अपर्णा, 38. अनेकवर्णा, 39. पाटला, 40. पाटलावती, 41. पट्टाम्बरपरिधाना,42. कलमंजरीरंजिनी, 43. अमेयविक्रमा, 44. क्रूरा, 45. सुंदरी, 46. सुरसुंदरी, 47. वनदुर्गा,
48. मातंगी, 49. मतंगमुनिपूजिता, 50. माहेश्वरी, 76. अग्निज्वाला,
77. अनेकशस्त्रहस्ता, 78. अनेकास्त्रधारिणी, 79. कुमारी, 80. एककन्या,
81. कैशोरी, 82. युवती, 83. यति, 84. अप्रौढ़ा, 85. प्रौढ़ा, 86. वृद्धमाता,
87. बलप्रदा, 88. महोदरी, 89. मुक्तकेशी, 90. घोररूपा, 91. महाबला, 92. सर्वास्त्रधारिणी, 93. रौद्रमुखी, 94. कालरात्रि, 95. तपस्विनी, 96. नारायणी,
97. भद्रकाली, 98. विष्णुमाया, 99. जलोदरी, 100. परमेश्वरी, 101. कराली,
102. अनंता, 103. शिवदुती, 104. कात्यायनी, 105. सावित्री, 106. प्रत्यक्षा,
107. ब्रह्मावादिनी, 108. सुधा।
इस विधि से करें माता रानी के अष्टोत्तरशतनामावली का जाप
मां दुर्गा के 108 नामों का जाप करने के लिए नवरात्रि के दिनों में सुबह उठकर स्नानादि कर साफ कपड़े पहनें। फिर मंदिर जाकर या घर के पूजामंदिर में मां दुर्गा को फूल, सिंदूर, अक्षत, भोग आदि अर्पित करें और दीपक जलाएं। एक आसान बिछाकर बैठे और लाल चंदन की माला से माता के 108 नामों का जाप करें।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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