Sheetla Mata Ki Aarti: शीतला माता की आरती हिंदी में, देखें ओम जय शीतला माता के लिरिक्स लिखित में

Sheetla Mata Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi (ॐ जय शीतला माता): हिंदू धर्म में शीतला अष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि माता शीतला की पूजा अर्चना सभी रोगों से मुक्ति दिलाती है। यहां आप शीतला माता की पवित्र आरती देखकर पढ़ सकते है।

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Sheetla Mata Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi 
मुख्य बातें
  • शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला की जाती है पूजा अर्चना
  • शीतला अष्टमी का व्रत करने से रोगों से मिलती है मुक्ति
  • हिंदू शास्त्र के अनुसार शीतला अष्टमी के बाद से ही ग्रीष्म ऋतु की हो जाती है शुरुआत

Sheetla Mata Ki Aarti Lyrics In Hindi, Om Jai Sheetla Mata Aarti: हिंदू शास्त्र में शीतला अष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी रोगों से मुक्ति मिल जाती हैं। यह हर साल होली के आठवें दिन यानी कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल शीतला अष्टमी का व्रत 25 मार्च यानी शुक्रवार को रखा जाएगा। इस दिन माता शीतला को बासी खाने से भोग लगाया जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बासी खाने का भोग लगाने से माता बहुत जल्द प्रसन्न होकर व्यक्ति की सभी पीड़ा को शीघ्र दूर कर देती हैं। भारत में शीतला अष्टमी को विसौड़ा के नाम से भी कुछ लोग पुकारते हैं। शीतला अष्टमी गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में काफी धूमधाम से मनाया जाता हैं। यहां आप शीतला अष्टमी की आरती हिंदी लिरिक्स के साथ देख कर पढ़ सकते हैं।

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शीतला अष्टमी की आरती हिंदी में ( Sheetla Mata Ki Aarti in hindi)

 ओम जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता,

आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता। जय शीतला माता...  

 रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता,

 ऋद्धि-सिद्धि चंवर ढुलावें, जगमग छवि छाता। जय शीतला माता...

         विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता,

 वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता। जय शीतला माता...

       इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा,

 सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता। जय शीतला माता...

ऐसे करें शीतला अष्टमी का व्रत व पूजन, आरोग्य जीवन का मिलेगा वरदान

      घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता,

 करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता। जय शीतला माता...

      ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता,

भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता। जय शीतला माता...

     जो भी ध्यान लगावें प्रेम भक्ति लाता,

  सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता। जय शीतला माता...

    रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता,

 कोढ़ी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता। जय शीतला माता...

   बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता,

 ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता। जय शीतला माता...

   शीतल करती जननी तू ही है जग त्राता,

 उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू सब की घाता। जय शीतला माता...

  दास विचित्र कर जोड़े सुन मेरी माता,

 भक्ति आपनी दीजै और न कुछ भाता।

         ओम जय शीतला माता...।

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