Shiv Ji Ki Aarti: सावन माह की पूजा में रोज पढ़ें यह आरती, देखें जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा आरती लिरिक्स

Shiv Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi (ॐ जय शिव ओंकारा ): हर पूजा में आरती नियमित रूप से गाई जाती है, हिंदू धर्म के अनुसार, आरती करने से पूजा का फल पूरा मिलता है। सावन मास में शिव पूजन में भी आरती को शामिल किया जाता है। शिव महिमा का बखान करने वाली शिव जी की आरती ॐ जय शिव ओंकारा के हिंदी लिरिक्स।

Shiv Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi, Om Jai Shiv Omkara Aarti Lyrics in Hindi
Shiv Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi 

Shiv Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi, Om Jai Shiv Omkara Aarti: वर्ष 2022 में सावन का पवित्र महीना 14 जुलाई से प्रारंभ हो गया है। सावन मास में शिव जी का विधिवत जलाभिषेक और पूजन किया जाता है। पूरा माहौल बोलबम के नारों से गूंजित रहता है। सावन मास में सोमवार को शिव पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। अगर आप नियमित शिव पूजा करते हैं तो इसके समापन से पहले आरती भी करें। शिव शंकर की आरती (Om Jai shiv omkara arti in hindi) में उनकी पूरी महिमा का बखान किया गया है। यहां आप शिव जी आरती (Om Jai shiv omkara aarti lyrics in hindi) जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा (Om Jai shiv omkara) के हिंदी लिरिक्स देख सकते हैं।

Shiv Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा  
    ।।ॐ जय शिव..॥

  एकानन चतुरानन पंचानन राजे
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे
          ।।ॐ जय शिव..॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे
       ॥ ॐ जय शिव..॥

 अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
 चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी
       ॥ ॐ जय शिव..॥

  श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे
       ॥ ॐ जय शिव..॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता
     ॥ ॐ जय शिव..॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका
   ॥ ॐ जय शिव..॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी
        ॥ ॐ जय शिव..॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे
        ॥ ॐ जय शिव..॥

श‍िव जी की पूजा विधि

शिव शंकर को भोलेनाथ, गंगाधर, नीलकंठ  आदि नामों से भी पुकारा जाता है। उनकी पूजा में फूल, दूध, गंगाजल, पंचामृत, बेलपत्र, धतूरा और सफेद मिठाई आदि जरूर शामिल करें। शिव जी को सावन में पांच अनाज भी चढ़ाए जाते हैं जिनमें चावल, काला तिल, अरहर की दाल, गेहूं और हरी मूंग शामिल रहते हैं।

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