Surya Grahan Mantra: सूर्य ग्रहण के असर काटते हैं ये प्रभावशाली मंत्र, इस तरह करना चाह‍िए जाप

आध्यात्म
मेधा चावला
मेधा चावला | SENIOR ASSOCIATE EDITOR
Updated Jun 21, 2020 | 12:41 IST

Surya Grahan Mantra Jaap: सूर्य ग्रहण के प्रभाव को कम करने के ल‍िए कुछ मंत्रों का जाप लाभकारी बताया गया है। ये ग्रहण के अशुभ असर को काटने में सक्षम हैं।

Surya Grahan Mantra Jaap
सूर्य ग्रहण: जानें नक्षत्र और मंत्र से जुड़ी बातें  
मुख्य बातें
  • सूर्य ग्रहण कुछ जातकों पर बुरे प्रभाव भी डालता है ज‍िनके बारे में जानकारी जरूरी है
  • सूर्य ग्रहण के समय हर किसी को अपने इष्ट देवता को मन ही मन याद करना चाहिए
  • 21 जून को सूर्य ग्रहण के दौरान 6 ग्रह वक्री अवस्‍था में होंगे - गुरु, शन‍ि, मंगल, शुक्र, राहु और केतु

साल 2020 में 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण कई मामलों में अलग बताया जा रहा है। बता दें क‍ि ये चूड़ामणि ग्रहण है। वहीं इस दौरान बनने वाली ग्रह दशा करीब 500 साल के बाद आई है। कुछ राश‍ियों के ल‍िए ये ग्रहण अच्‍छे संकेत ला सकता हैं लेक‍िन ज्‍योतिष में ग्रहण को अच्‍छा नहीं माना जाता है। ऐसे में इसके प्रभाव को काटने के ल‍िए लगातार मंत्र जाप करना चाह‍िए।  

Surya Grahan June 2020 Time 
21 जून दिन रविवार को सूर्य ग्रहण को सुबह 10:13 से आरंभ होगा व दिन में 1:30 तक रहेगा। यह ग्रहण भारत में दृश्य है और थोड़े थोड़े अंतराल पर देश के व‍िभ‍िन्‍न ह‍िस्‍सों में नजर आएगा। ध्‍यान दें क‍ि इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल 20 जून, 2020 को रात्रि में 09:55 बजे से शुरू हो जाएगा, जो ग्रहण के मोक्ष काल यानी ग्रहण पूर्ण होने तक लागू रहेगा।      

Surya Grahan June 2020 Nakshatra
यह ग्रहण मृगशिरा एवं आद्रा नक्षत्र तथा मिथुन राशि पर रहेगा। ग्रहण के दौरान 6 ग्रह वक्री अवस्‍था में होंगे - गुरु, शन‍ि, मंगल, शुक्र, राहु और केतु। वहीं यह ग्रहण मेष, कन्या व मकर राशि पर बहुत ही शुभ रहेगा। 21 जून को रात 11:28 बजे सूर्य देव ग्रहण पूरा होने के बाद आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। माना जाता है क‍ि इस नक्षत्र में पृथ्वी रजस्वला होती है। बताते चलें क‍ि असम के कामाख्या शक्तिपीठ में इस दौरान तीन दिवसीय अम्बुवासी उत्सव शुरू होता है। 

सूर्य ग्रहण मंत्र (Surya Grahan Mantra)
माना जाता है क‍ि ग्रहण के खत्‍म होने के बाद भी कई द‍िनों तक इसका प्रभाव रहता है। ऐसे में इसके नकारात्‍मक प्रभाव को कम करने के ल‍िए ग्रहण के सूतक काल से ही मंत्रों का उच्‍चारण करना चाह‍िए। ऐसे में गायत्री मंत्र और महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप लाभप्रद बताया गया है। हालांक‍ि मंत्र भी राश‍िनुसार बताए जाते हैं लेकिन गायत्री मंत्र और महामृत्‍युंजय मंत्र सभी के ल‍िए बराबर फलदायी माने गए हैं। 

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