Kark Sankranti: जानिए कब है सूर्य कर्क संक्रांति, जानिए शुभ मुहूर्त और कैसे करें इस दिन पूजा

Surya Kark Sankranti Shubh Muhurat: सूर्य कर्क संक्रांति 16 जुलाई दिन शनिवार को पड़ रहा है। सूर्य कर्क संक्रांति तब मनाई जाती है जब सूर्य मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करता है। इस दिन सूर्य की पूजा करना लाभदायक माना जाता है।

Sankranti 2022
surya kark sankranti  |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे सूर्य कर्क संक्रांति कहा जाता है
  • सूर्य कर्क संक्रांति 16 जुलाई को पड़ रहा है
  • शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव 12 राशियों में प्रवेश करते हैं

Surya Kark Sankranti 2022: हिंदू धर्म में सूर्य कर्क संक्रांति का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि जब सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे संक्रांति कहा जाता है। वहीं जब सूर्य मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे सूर्य कर्क संक्रांति कहा जाता है। सूर्य कर्क संक्रांति 16 जुलाई दिन शनिवार को पड़ रहा है।

शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव 12 राशियों में प्रवेश करते हैं। इसी कारण साल में कुल 12 संक्रांति आती है और उन्हीं में से एक संक्रांति है सूर्य कर्क संक्रांति। कर्क संक्रांति के दौरान सूर्य देव की विधि विधान से पूजा पाठ करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने व अपने राशि के अनुसार दान करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं कर्क संक्रांति का शुभ मुहूर्त व कैसे करें सूर्य की पूजा।

Also Read- Hariyali Teej 2022: हरियाली तीज में हरा रंग पहनने के पीछे है बड़ा कारण, शिव पार्वती से जुड़ी है वजह

कर्क संक्रांति शुभ मुहूर्त

कर्क संक्रांति 16 जुलाई दिन शनिवार, कर्क संक्रांति पुण्य काल - सुबह 05 बजकर 34 मिनट से शाम 05 बजकर 09 मिनट तक
संक्रांति महापुण्य काल - दोपहर 02 बजकर 51 मिनट से शाम 05 बजकर 09 मिनट तक,सूर्य का कर्क राशि में गोचर का समय - रात 10 बजकर 50 मिनट पर।

Also Read- Guru Purnima 2022 Puja Vidhi, Mantra: चार शुभ योग में मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा, देखें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त समेत मंत्र

इस तरह करें सूर्य की पूजा

सूर्य कर्क संक्रांति के दिन पूजा करने के लिए सूर्योदय से पहले स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद सूर्योदय होते हुए सूर्य के समक्ष कुश का आसन लगाएं। आसन पर खड़े होकर तांबे के पात्र में पवित्र जल ले। जल में मिश्री भी मिलाएं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को मीठा जल चढ़ाने से कुंडली के मंगल दोष दूर होता है। सूर्य को जल धीमी धीमी तरह से चढ़ाएं।

सूर्य को जल चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप 11 बार करें- 'ओम सूर्याय नमः, ओम वासुदेवाय नमः, ओम आदित्य नमः। इसके अलावा कर्क संक्रांति के दिन स्नान आदि करने के बाद लाल कपड़े पहनने चाहिए और 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:' मंत्र का जप की 3, 5 या 12 माला करनी चाहिए।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर