hanuman ji puja time: हनुमान जी की पूजा क‍िस समय करनी चाह‍िए, जानें क्‍या माने गए हैं शुभ पहर

मंगलवार के दिन शुभ समय में बजरंगबली की विधि विधान से पूजा पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और कष्टों का नाश होता है। ऐसे में आइए जानते हैं मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा का शुभ समय और पूजा विधि।

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हनुमान जी की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि 
मुख्य बातें
  • मंगलवार को सुबह सूर्योदय के बाद और शाम को सूर्यास्त के बाद होता है बजरंगबली के पूजा का शुभ पहर।
  • घर में हनुमान जी की पूजा करते समय ईशान कोण में स्थापित करें बजरंबली की चौकी।
  • महिलाएं भी कर सकती हैं हनुमान जी की पूजा और रख सकती हैं व्रत।

मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा का सर्वश्रेष्ठ दिन माना जाता है, इस दिन देवालय में भक्तों का अंबार लगा रहता है। पवन पुत्र को प्रसन्न करने के लिए कोई हनुमान चालीसा का पाठ करता है तो कोई सुंदर कांड का पाठ, वहीं कोई मंत्रों का जाप करता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार मंगलवार का व्रत रहने से कुंडली में मंगल ग्रह के निर्बल होने का प्रभाव बदल जाता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है। शनि की महादशा और साढ़े साती को दूर करने के लिए भी यह बहुत लाभकारी है।

साथ ही यह व्रत सम्मान, बल, साहस और पुरुषार्थ को भी बढ़ाने वाला है। शुभ इस दिन विधि विधान से शुभ समय में हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और संकट से मुक्ति मिलती है। ऐसे में आइए जानते हैं मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा का शुभ समय और पूजा विधि।

मंगलवार को पूजा का शुभ मुहूर्त

आपको बता दें मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह और शाम दोनों होता है। इस दिन आप सुबह सूर्योदय के बाद और शाम को सूर्यास्त के बाद हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं। सूर्योदय के बाद पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को सूर्यास्त के बाद होता है।
 
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा विधि

हनुमान जी की पूजा जितनी सरल है उतनी ही कठिन भी है। मंगलवार के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि कर निवृत होकर लाल वस्त्र धारंण करें। कोशिश करें की आपने जो वस्त्र पहना है वह सिला हुआ ना हो। इस दिन आप मंदिर व घर कहीं भी पूजा-पाठ कर सकते हैं। यदि आप घर में पूजा करते हैं तो ईशान कोण को साफ कर यहां पर एक चौकी स्थापित करें और उस पर लाल वस्त्र बिछाएं। फिर उस पर हनुमान जी की मूर्ती स्थापित करें और वहां पर भगवान श्री राम और माता सीता की भी प्रतिमा अवश्य रखें। इसके बाद घी का दीपक और धूप दीप जलाकर सुंदर कांड का पाठ करें और हनुमान जी के मंत्रों का जाप करें। फिर लाल फूल, लाल सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं।

इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ कर हनुमान जी की आरती करें और भगवान को गुड़, केले और लड्डू का भोग लगाएं। तथा परिवार के सदस्यों को प्रसाद वितरित करें। वहीं यदि आपने मंगलावर का व्रत रखा है तो ध्यान रहे कि आपको इस दिन सिर्फ एक बार शाम के समय भोजन करना है। इस दौरान आप अपने भोजन में केवल मीठा भोजन सम्मिलित करें। दिन में आप दूध, केले और मीठे फलहार को शामिल करें।

महिलाएं भी रख सकती हैं हनुमान जी का व्रत

महिलाओं के मन में हनुमान जी के व्रत को लेकर हमेशा संदेह की स्थिति बनी रहती है। लेकिन हिंदु धर्मग्रंथों के अनुसार महिलाएं भी हनुमान जी का व्रत रख सकती हैं। आपको बता दें किसी भी धार्मिक ग्रंथ, शास्त्र या पुराण में महिलाओं द्वारा हनुमान जी की पूजा ना करने के विषय में नहीं लिखा गया है। लेकिन व्रत और पूजा के दौरान कुछ बातों पर विशेष ध्यान रखें। वह हनुमान जी को लाल वस्त्र या सिंदूर ना चढ़ाएं क्योंकि हनुमान जी ब्रम्हचारी थे। साथ ही वह अपने शुद्ध दिनों में ही हनुमान जी की पूजा करें।

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