Tulsidas Jayanti 2022: जानिए कब मनाई जाएगी तुलसीदास जयंती, पढ़ें उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें

Tulsidas Jayanti Date Time: इस साल तुलसीदास जयंती 4 अगस्त गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। गोस्वामी तुलसीदास जी ने हिंदू महाकाव्य राम चरित्र मानस की रचना की थी। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है।

Tulsidas jayanti kab hai
Tulsidas jayanti   |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • हिंदू पंचांग के अनुसार तुलसीदास जयंती श्रावण के पवित्र महीने के कृष्ण पक्ष के सातवें दिन मनाई जाती है
  • इस दिन लोग गोस्वामी तुलसीदास जी के भजन गाकर उनकी कविताओं और ग्रंथों का पाठ करके उन्हें याद करते हैं
  • तुलसीदास जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है

Tulsidas Jayanti Interesting Things: हिंदू धर्म में तुलसीदास जयंती का विशेष महत्व है। यह दिन गोस्वामी तुलसीदास की जयंती के रूप में हर साल मनाया जाता है। गोस्वामी तुलसीदास एक महान हिंदू संत और कवि थे। जिन्होंने हिंदू महाकाव्य राम चरित्र मानस की रचना की थी। तुलसीदास जी ने कई ग्रंथों की भी रचना की, लेकिन राम चरित्र मानस उनमें से एक है। हिंदू पंचांग के अनुसार तुलसीदास जयंती श्रावण के पवित्र महीने के कृष्ण पक्ष के सातवें दिन मनाई जाती है। इस साल तुलसीदास जयंती 4 अगस्त गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। तुलसीदास जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस दिन लोग गोस्वामी तुलसीदास जी के भजन गाकर उनकी कविताओं और ग्रंथों का पाठ करके उन्हें याद करते हैं। आइए जानते हैं गोस्वामी तुलसीदास के जीवन से जुड़ी खास बातों को।


हनुमान जी ने की थी मदद

हिंदू मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है कि तुलसीदास जी भगवान राम और हनुमान जी से मिले थे। लोकप्रिय किंवदंती के अनुसार ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी ने तुलसीदास जी को राम चरित्रमानस दिखने में मदद की थी। बताया जाता है कि गोस्वामी तुलसीदास का जन्म बचपन में कष्टों से भरा रहा। तुलसीदास जी की माता की मृत्यु के बाद उनके पिता ने उन्हें त्याग दिया था। 

Also Read- Sawan Month 2022: सावन माह में जलाभिषेक का महत्व, जानें कितने तरीके से कर सकते हैं शिवलिंग पर अभिषेक

पत्नी की बातों ने बदल दिया था जीवन

कहा जाता है कि तुलसीदास को अपनी पत्नी से बहुत लगाव था। वह उससे एक दिन का भी अलगाव सहन नहीं कर सकते थे। एक दिन उनकी पत्नी बिना पति को बताए अपने पिता के घर चली गई। तुलसीदास रात को चुपके से उनसे मिलने पहुंच गए। इससे बुद्धिमती में शर्म की भावना पैदा हुई। उसने तुलसीदास से कहा कि मेरा शरीर मांस और हड्डियों का एक ढांचा है। यदि मेरे गंदे शरीर की जगह आप भगवान राम के लिए अपने प्यार का आधा भी विकसित करेंगे, तो आप निश्चित रूप से संसार के सागर को पार करेंगे ।

Also Read- Sawan 2022: जानिए सावन के शुरुआत की पहली तिथि, शिव शंकर के गले में क्यों विराजमान होते हैं वासुकी

12 ग्रंथों की की रचना


महान ग्रंथ श्रीरामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास ने कुल 12 ग्रंथों की रचना की। सबसे अधिक ख्याति उनके द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस को मिली।  गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित ग्रंथों में श्रीरामचरितमानस, कवितावली, जानकीमंगल, विनयपत्रिका, गीतावली, हनुमान चालीसा, बरवै रामायण आदि प्रमुख हैं।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर