Vishwakarma Puja 2022: धन-कारोबार की समस्या से हैं परेशान तो आज करें ये आरती और मंत्रों का जाप

Vishwakarma Jayanti 2022 Aarti Lyrics And Mantra: विश्वकर्मा जयंती आज 17 सितंबर को मनाई जाएगी। भगवान विश्वकर्मा ब्रह्मा के सातवें पुत्र हैं। इस दिन औजारों, वाहनों और मशीनों की पूजा का विधान बताया गया है। विश्वकर्मा जयंती के दिन भगवान की आरती और उनके मंत्रों का जाप करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

Vishwakarma jayanti
विश्वकर्मा जयंती पर भगवान के मंत्र और आरती करने से मिलेगा लाभ 
मुख्य बातें
  • विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर को
  • इस दिन होती है मशीनों, औजारों की पूजा
  • विश्वकर्मा जयंती पर करें भगवान के मंत्रों का जाप

Vishwakarma Jayanti 2022 Aarti And Mantr: शनिवार, 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती मनाई जाएगी। इस दिन ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र कहे जाने वाले भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा होती है। विश्वकर्मा को सृष्टि का सर्वप्रथम और सर्वोच्च इंजीनियर कहा जाता है। उन्होंने ही हमारी सृष्टि को सजाया, संवारा था। इस दिन लोग मशीनों, औजारों और वाहनों की पूजा करते हैं। ऐसा कहते हैं कि विश्वकर्मा जयंती पर भगवान की पूजा करने से आर्थिक संपन्नता आती है। घर में कभी धन के भंडार खाली नहीं होते हैं। इस दिन श्री विश्वकर्मा जी की आरती और मंत्रों का जाप भी बहुत फलदायी माना जाता है।

भगवान विश्वकर्मा जी की आरती

ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।
सकल सृष्टि के कर्ता रक्षक श्रुति धर्मा ॥

आदि सृष्टि में विधि को, श्रुति उपदेश दिया।
शिल्प शस्त्र का जग में, ज्ञान विकास किया ॥

ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नही पाई।
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई॥

रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना।
संकट मोचन बनकर, दूर दुख कीना॥

जब रथकार दम्पती, तुमरी टेर करी।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत्ति हरी सगरी॥

एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
द्विभुज, चतुर्भुज, दशभुज, सकल रूप साजे॥

ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे।
मन दुविधा मिट जावे, अटल शांति पावे॥

श्री विश्वकर्मा जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत गजानन स्वामी, सुख सम्पत्ति पावे॥

श्री विश्वकर्मा जी के चमत्कारी मंत्र

- मंत्र: ओम आधार शक्तपे नम:
- ओम कूमयि नम:
- ओम अनन्तम नम:
- पृथिव्यै नम:।

विश्वकर्मा जयंती की पूजन विधि
विश्वकर्मा जयंती के दिन स्नान करने के बाद एक चौकी पर नीले रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर विश्वकर्मा जी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद अपने काम में इस्तेमाल होने वाले औजारों को उनके सामने रखें। फिर उन्हें फल, फूल, मिठाई और अक्षत अर्पित करें। उनकी आरती उतारे और मंत्रों का जाप करें। इसके बाद भगवान से हाथ जोड़कर अपने विघ्न हर लेने की प्रार्थना करें।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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