Markesh Dosh: कुंडली में कैसे बनता है मारकेश योग, ये दोष होने पर क्‍या करें उपाय

What is Markesh Dosh, Markesh Dosh Upay, Remedies in Hindi: मारकेश योग अगर राशि में हो तो जीवन में काफी कठिनाई हो सकती हैं। जानें क्‍या है मारकेश दोष और इसे दूर करने के ल‍िए क्‍या करें उपाय।

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Markesh Mantra  |  तस्वीर साभार: People
मुख्य बातें
  • इस ग्रह का अगर उपाय नही किया तो हो सकती है आपकी मृत्यु
  • मृत्यु के अलावा मान सम्मान, नौकरी व व्यापार में हानि भी हो सकती है
  • मंत्रो के उच्चारण से इसका उपाय किया जा सकता है

Markesh Dosh in hindi: मारकेश दोष के विषय मे अगर आपको जानना है, तो पहले कुंडली के दूसरे, सातवें, अष्टम और दसवें व बारहवें भाव को समझना जरूरी होता है। यह भाव मारकेश कहलाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के आठवें भाव से आयु का पता किया जाता है। ज्योतिशी गणनाओं  के अनुसार, तीसरे स्थान (घर) को भी आयु का स्थान माना जाता है। सप्तम और द्वितीय भाव को मृत्यु स्थान या मारक स्थान कहते हैं। जन्म कुंडली में 12वां भाव व्यय भाव होता है। इस भाव से रोगों का अध्यन भी किया जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मारकेश का अर्थ मृत्यु तुल्य बताया गया है। यानी जन्मकुंडली में जो ग्रह मृत्यु या मृत्यु के समान कष्ट दें उन्हें मारकेश कहते हैं। यह योग मारक होता है। जन्मकुण्डली का सामयिक विशलेषण करने के पश्चात ही यह पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति की जीवन अवधि अल्प, मध्यम अथवा दीर्घ है।

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What is Markesh Dosh, मारकेश दोष क्‍या है 

जन्मांग में अष्टम भाव, जीवन-अवधि के साथ-साथ जीवन के अन्त के कारण को भी प्रदर्शित करता है। अष्टम भाव एंव लग्न का बली होना अथवा लग्न या अष्टम भाव में प्रबल ग्रहों की स्थिति अथवा शुभ या योगकारक ग्रहों की दृष्टि अथवा लग्नेश का लग्नगत होना या अष्टमेश का अष्टम भावगत होना दीर्घायु का कारक है। मारकेश की दशा में व्यक्ति को सावधान रहना जरूरी होता है क्योंकि इस समय जातक को अनेक प्रकार की मानसिक, शारीरिक परेशनियां हो सकती हैं. इस दशा समय में दुर्घटना, बीमारी, तनाव, अपयश जैसी दिक्कतें परेशान कर सकती हैं। जो ग्रह कभी-कभी मृत्युदायक होता है उसे मारक लक्षण कहते हैं।

जिन ग्रहों में से कोई एक परिस्थितिवश मारकेश बन जाता है वह मारक ग्रह कहलाता है और योगों के द्वारा निर्णीत आयु के सम्भावना काल में जिस मारक ग्रह की दशा-अंतर्दशा में जातक की मृत्यु हो सकती है वह मारकेश कहलाता है। मेष लग्न के लिए मारकेश शुक्र, वृषभ लग्न के लिये मंगल, मिथुन लगन वाले जातकों के लिए गुरु, कर्क और सिंह राशि वाले जातकों के लिए शनि मारकेश हैं कन्या लग्न के लिए गुरु, तुला के लिए मंगल, और वृश्चिक लग्न के लिए शुक्र मारकेश होते हैं, जबकि धनु लग्न के लिए बुध, मकर के लिए चंद्र, कुंभ के लिए सूर्य, और मीन लग्न के लिए बुध मारकेश योग बनाते हैं। 

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मारकेश के लिए ज्योतिष में वैसे तो दूसरा सातवा, दसवां व बारहवां घर प्रचलित है। जिन घरों के स्वामी इन स्थानों में विराजमान होते है, उन उन घरों की हानि करते है। मारकेश मृत्यु से ही सम्बंधित नही है। अपितु मान सम्मान का मारक पति अथवा पत्नी का मारक, परिवार का मारक और राज्य से सम्बंधित व्यापार, नौकरी इत्यादि का भी मारक है। महादशा अंतर्दशा प्रत्यंतर्दशा एवं अन्य दशाओं का जब योग होता है तब मृत्यु होती है। पहले, दूसरे, चौथे, पाँचवे, सातवें, आठवें और बारहवें घरों में अगर राहु, शनि, मंगल और सूर्य बैठे होंगे और इनकी दशा जातक की कुंडली में चल रही हो, तो यह धन-धान्य सम्पत्ति, सबका विनाश करता है।

मारकेश योग के उपाय 

इस विषय में राम रक्षा स्त्रोत, महामृत्युंजय मन्त्र, लग्नेश और राशी के मन्त्रों का संकल्प सहित नियम बद्ध अनुष्ठान और गायत्री मन्त्रों द्वारा आयु में कुछ वृद्धि की जा सकती है। साथ ही हर राशि के हिसाब से भी अलग अलग उपाय किये जाते हैं।मारक ग्रहों की दशा मे सबसे लाभप्रद भगवान शिव की आराधना है। इससे कष्ट कम होते हैं। साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है:– ॐ हौं ॐ जूं ॐ स: भूर्भुव: स्वःत्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम् उर्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतातॐ भूर्भुव: स्वः ॐ जूं स: हौं ॐ।। 

डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।

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