Reason Of Covering Head: सिर ढकने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। महिलाएं बड़े बुजुर्गों को सम्मान देने के लिए हमेशा साड़ी या दुपट्टा से सिर ढकती हैं। वैसे तो सिर ढकना सम्मान का सूचक होता है लेकिन पूजा पाठ के दौरान सिर ढकना न केवल महिला बल्कि पुरुषों के लिए भी जरूरी होता है।
हिंदू सहित सिख और मुस्लिम धर्म में भी धार्मिक कार्यों के दौरान सिर ढकना जरूरी होता है। लेकिन क्या आपने इस बारे में कभी सोचा है कि आखिर क्यों पूजा-पाठ में स्त्री और पुरुष दोनों के लिए सिर ढकना जरूरी होता है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से..
पूजा में सिर ढकने के मुख्य कारण
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पूजा-पाठ मे सिर ढकने के पीछे कई तरह की कथाएं वर्णित हैं। इनमें से एक कथा के अनुसार, नायक, उपनायक और खलनायक भी सिर ढकने के लिए मुकुट पहना करते थे।
कहा जाता है कि इसके बाद से ही स्त्री और पुरुष सभी के लिए सिर ढकने की परंपरा को आवश्यक कर दिया गया। धीरे-धीरे ये परंपरा भगवान की पूजा के दौरान और बड़े-बुजुर्गों को सम्मान देने के लिए जरूरी हो गई।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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