दुनिया का सबसे बड़ा कृष्ण मंदिर कोलकाता में बनाया जा रहा है यह मंदिर बहुत बड़े हिस्से में बनने वाला है। ऐसे में इस मंदिर को पूरी तरह से बनने में अभी समय लग सकता है। बताया जा रहा है कि 2023 तक इसका 80% पूरा बन जाने के बाद भक्तों के लिए इसे खोल दिया जाएगा। आइए इसके परिसर, कंस्ट्रक्शन, बजट और निर्माण कार्य के बारे में जान लेते हैं। साथ ही इस मंदिर में एक साथ कितने लोग बैठ सकते हैं, इसकी भी जानकारी लेते हैं।
परिसर और कंस्ट्रक्शन
मंदिर का निर्माण इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ कृष्णा कॉन्सियशनेस यानी इस्कॉन (ISKON) द्वारा करवाया जा रहा है। अल्फ्रेड फोर्ड मंदिर के चेयरमैन हैं। यह यूएस की ऑटोमोबाइल कंपनी फोर्ड के संस्थापक हैं। इनके अनुसार, यह मंदिर 6 हजार स्क्वायर फीट से भी अधिक क्षेत्र में बनाया जा रहा है। मंदिर 45 एकड़ की गार्डन के साथ 12 एकड़ में बना हुआ है। मंदिर की कुल ऊंचाई 350 फीट है। यह एक यूनीक मंदिर है। इसमें 7 फ्लोर बनाए गए हैं। जिसमें यूटिलिटी फ्लोर, टेंपल फ्लोर, पुजारी फ्लोर के साथ म्यूजियम फ्लोर आदि शामिल हैं।
इसमें पुजारी फ्लोर कुल 2.5 एकड़ में बने होने के साथ दुनिया का सबसे बड़ा पुजारी फ्लोर भी है। अंदर से यह मंदिर किसी पैलेस से कम नहीं है। परिसर का कीर्तन हाल कुल 1.5 एकड़ में बना है। इसमें एक साथ लगभग 10 हजार श्रद्धालु कीर्तन कर सकते हैं। इसकी खास बात यह है कि इसका इंटीरियर डिजाइन वेस्टर्न तरीके से किया हुआ है। लेकिन मंदिर का वातावरण वैदिक संस्कृति का फील कराता है।
मंदिर का बजट और खासियत
मंदिर का कुल बजट 800 करोड़ से अधिक है। 444 करोड़ से भी ज्यादा अभी तक खर्च हो चुके हैं। अब बात इसकी खासियत की करें तो यहां केवल मंदिर ही नहीं बल्कि टीचिंग टेंपल भी स्थित है। वैदिक स्क्रिप्चर्स फिलोसॉफी के ज्ञान के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प होगा। यहां भगवत गीता की फिलोसॉफी के साथ दुनिया क्यों, कैसे, कब बनी इन सब बातों पर भी चर्चा की जाएगी। यहां दी जाने वाली ज्ञान वैज्ञानिक तथ्यों को ध्यान में रखते हुए दी जाएगी।
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