पेड़ इस धरती पर सबसे अमूल्य चीजों में से एक है। ये प्रकृति का धन तो है ही हमारे जीवन की नींव भी हैं, इसलिए इन्हें संरक्षित करना और इनका सम्मान करना बेहद जरूरी है। यही कारण है कि कई धर्मों में पेड़ों को ईश्वर का स्थान दिया गया है और इनकी विधिवत पूजा भी की जाती है। हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म आदि सभी में पेड़ों की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में पेड़ों की पूजा के पीछे कुछ पौराणिक कथाएं भी हैं। किन वजहों से किस पेड़ की पूजा की जाती है ऐसा शास्त्रों में भी लिखा है।
तुलसी की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि ये शुद्ध पौधा है। साथ ही इसे भगवान विष्णु और कृष्ण का प्रिय पौधा भी माना गया है। जबकि पीपल के पेड़ की पूजा मंदिरों में की जाती है और ऐसा माना जाता है कि इसमें हमारे पूवर्जों का वास होता है। साथ ही यह भगवान ब्रह्मा से भी जुड़ा हुआ है। ऐसा ही है बरगद का पेड़, जिसके पीछे सावित्री और सत्यवान की कहानी है।
लोग पेड़ों की पूजा करते हैं लेकिन अक्सर उन्हें यह पता नहीं होता कि किस पेड़ की पूजा करना उनके लिए ज्यादा फलदायी होगा, यानी किस राशि वाले के लिए किस पेड़ की पूजा करना लाभकारी होता है। क्योंकि किसी व्यक्ति के जीवन को निर्धारित करने में उसकी राशि बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है इसलिए उसे अपनी राशि के अनुसार काम, पूजा या भगवान की आराधना करनी चाहिए। ठीक इसी प्रकार पौधों या पेड़ की पूजा भी राशि अनुसार करनी चाहिए। ऐसा माना गया है कि वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक राशि के अनुसार पेड़ों की पूजा करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इन पेड़ों की पूजा करने से सौभाग्य और समृद्धि मिलती है। तो आइए जानें कि किस राशि वाले को किस पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
राशि के अनुसार इन वृक्षों की करें पूजा
मेष और वृश्चिक: मेष और वृश्चिक राशियां मगल ग्रह से प्रतिनिधित्व होती हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार इनके कारक ग्रह मंगल है, इसलिए इन राशि के लोगों को सेनेगलिया केचू के पेड़ की पूजा करी चाहिए। इसे भारत में खैर के पेड़ के रूप में जाना जाता है।
वृषभ और तुला: इन राशियों का स्वामी ग्रह शुक्र है। इसलिए शुक्र देव को प्रसन्न करने के लिए वृष और तुला राशि के व्यक्तियों को गुलर के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। इसे सीकमोर भी कहा जाता है।
मिथुन और कन्या: मिथुन और कन्या राशि का ग्रह स्वामी बुध है। बुध देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इन राशि वाले लोगों को अपोग्रोमा वृक्ष को जल अर्पित करना चाहिए। इसे हिंदी में अपामार्ग के नाम से जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम अचिरांथिस अस्पेरा है।
कर्क राशि: चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी है। इस राशि वाले लोगों को प्लश वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। इसे कई अन्य नामों से जाना जाता है, जैसे पलाश, चुल, परसा, ढाका, टेसू, किंशुक, केसू आदि। इसके रंग के कारण ही इसका नाम ऐसा पड़ा है। इसका वैज्ञानिक नाम ब्यूटिया मोनोस्पर्म है। इस पौधे का उपयोग प्राचीन काल से होली के रंगों को बनाने के लिए किया जाता है।
सिंह राशि: सिंह राशि सूर्य के साथ जुड़ी हुई है। इस राशि वाले जातकों को मड़ार की पूजा करनी चाहिए। इसे आर्क के पेड़ के नाम से भी जाना जाता है। इसे हिंदी में आक वृक्ष के रूप में जाना जाता है और इसका वैज्ञानिक नाम कैलोट्रोपिस गिगेंटिया है।
धनु और मीन: ये राशि ग्रह बृहस्पति ग्रह से जुड़े हैं। इन राशियों के स्वामी ग्रह बृहस्पति देव हैं। राशि चक्र धनु और मीन राशि वाले लोगों को भगवान बृहस्पति से आशीर्वाद पाने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
मकर और कुंभ: मकर और कुंभ राशि का स्वामी शनि ग्रह को माना गया है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि देव को प्रसन्न करने के लिए इन राशि वाले लोगों को शमी के वृक्ष की पूजा करने चाहिए। इस पेड़ का वैज्ञानिक नाम प्रोसोपिस सिनारिया है।
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