वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा के दिन (आज) साल का पहला चंद्र ग्रहण लगा था। भारतीय समयानुसार ये चंद्र ग्रहण सोमवार,16 मई सुबह 07:02 बजे (Chandra grahan kab lagega) शुरू हुआ था। जो दोपहर 12:20 पर समाप्त हो गया। यानि यह ग्रहण सिर्फ 5 घंटे से ज्यादा समय के लिए था। हालांकि, भारत में यह ग्रहण (Lunar eclipse in India) दिखाई नहीं दिया। ऐसे में सूतक काल भी मान्य नहीं था। लेकिन अन्य कई देशों में इसे साफ देखा गया। चंद्र ग्रहण के दौरान और ग्रहण के बाद भी गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। चंद्र ग्रहण के दिन कुछ विशेष उपाय कर आर्थिक कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं।
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साल का पहला चंद्र ग्रहण खग्रास या पूर्ण चंद्र ग्रहण (lunar eclipse May 2022) होगा। इसकी कुल अवधि दो घंटे से अधिक होगी। दक्षिण-पश्चिमी यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण-पश्चिमी एशिया, अधिकांश उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका में इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा। विज्ञान में चंद्र ग्रहण को एक खगोलीय घटना कहा जाता है। जिसके अनुसार सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा जब एक रेखा में आ जाते हैं तो चांद को पृथ्वी की छाया पूरी तरह से ढक लेती है। इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण भी कहते हैं।
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धार्मिक दृष्टिकोण से चंद्र ग्रहण को अशुभ माना गया है। कहा जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। इस ऊर्जा का दुष्प्रभाव व्यक्ति और आसपास की चीजों पर भी पड़ता है। इसलिए जिस तरह चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है।