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Ganesh Chaturthi 2022 Date, Puja Vidhi, Mantra: ऐसे करें गणेश चतुर्थी व्रत का पारण, जानें तिथि और विधि

Ganesh Chaturthi 2022 Date Kab Hai, Puja Vidhi, Muhurat, Time, Samagri, Mantra in Hindi: गणेश उत्सव‌ का पर्व शुरू हो चुका है। भारत में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। यहां देखें इस वर्ष गणेश चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा, आरती समेत सभी महत्वपूर्ण जानकारी। 

Ganesh Chaturthi 2022 Date, Time, Puja Vidhi, Aarti, Katha in Hindi
Ganesh Chaturthi 2022 Date, Time, Puja Vidhi, Aarti, Katha in Hindi

Ganesh Chaturthi 2022 Date, Puja Vidhi, Muhurat, Time, Samagri, Mantra in Hindi: ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता भगवान गणेश का पर्व प्रारंभ हो गया है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि बेहद महत्वपूर्ण मानी गई है। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित है, इस दिन गणपति बप्पा का जन्म दिवस मनाया जाता है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणपति बप्पा का जन्म हुआ था। 

गणेश चतुर्थी से प्रारंभ होने के बाद गणेश उत्सव पूरे 10 दिन तक मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी तिथि पर लोग अपने घरों में शुभ मुहूर्त पर भगवान गणेश की स्थापना करते हैं। 10 दिनों तक विधि अनुसार श्रद्धालु विघ्नहर्ता गणेश की पूजा करते हैं और दसवें दिन उनकी प्रतिमा को पवित्र नदी, सरोवर या झील में विसर्जित करते हैं।  

भारत में गणेशोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। हर जगह गणेश चतुर्थी की रौनक देखी जाती है। लोग गणेश चतुर्थी पर व्रत रखकर उनकी पूजा करते हैं। अगर आप भी व्रत रख रहे हैं तो यहां देखें वर्ष 2022 में गणेश चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा, आरती और उपाय समेत अन्य सभी जानकारी।

Sep 01, 2022  |  12:08 AM (IST)
Ganesh Chaturthi 2022: जरूर करें व्रत का पारण

गणपति बप्पा का आशीर्वाद पाने के लिए लोग गणेश चतुर्थी से व्रत प्रारंभ करते हैं और 10 दिनों तक व्रत रखते हैं। गणेश चतुर्थी पर व्रत रखने वाले भक्तों को पारण जरूर करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि पारण करने से ही व्रत पूरा माना जाता है और लाभ मिलता है। 

Aug 31, 2022  |  11:19 PM (IST)
अर्पिता खान के घर बप्पा के दर्शन करने पहुचें कैटरीना कैफ और वक्की कौशल
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Ganesh Chaturthi
Aug 31, 2022  |  10:30 PM (IST)
Ganesh Chaturthi 2022: शाहरुख खान ने दी फैंस को बधाई
Aug 31, 2022  |  09:56 PM (IST)
Ganesh Puja: ना पहनें काले रंग के कपड़े

भगवान गणेश की पूजा करते समय भक्त पीले या सफेद वस्त्र ही धारण करें। इसके साथ यह भी ध्यान रखें कि गणेश पूजन में काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।

Aug 31, 2022  |  09:12 PM (IST)
Ganesh Ji Ke Mantra: सफलता हासिल करने के लिए करें इन मंत्रों का जाप

त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।

नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।

Aug 31, 2022  |  08:03 PM (IST)
Ganesh Chaturthi 2022 Ka Upay: धन प्राप्ति के लिए उपाय

गणेश चतुर्थी पर विशेष उपाय किए जाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से भक्तों को धन की प्राप्ति होती है। इस दिन एक साफ पीले कपड़े में 11 गांठ दूर्वा और 1 गांठ हल्दी को लेकर पोटली बनाएं। फिर गणेशोत्सव में इसकी पूजा करें फिर तिजोरी में रख दें।

Aug 31, 2022  |  07:15 PM (IST)
गणेश जी के प्रिय फल

गणेश जी को यह फल प्रिय हैं: 

1. केला

2. सीताफल 

3. अमरूद 

4. बेल

5. काला जामुन

Aug 31, 2022  |  06:40 PM (IST)
कब है अनंत चतुर्दशी 2022?

आज गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 9 सितंबर 2022 को पड़ रही है। अनंत चतुर्दशी पर बप्पा का विसर्जन विधि-विधान से किया जाता है।

Aug 31, 2022  |  06:03 PM (IST)
सातवें दिन कब होगा विसर्जन?

सातवें दिन भी गणेश जी का विसर्जन किया जाता है। 6 सितंबर को सुबह 9:11 से दोपरह 1:55 बजे तक शुभ मुहूर्त है। इसके बाद दोपहर 3:29 से 5:04 फिर शाम को 8:03 से 9:28 तक विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त बताया जा रहा है।

Aug 31, 2022  |  05:29 PM (IST)
पांचवे दिन विसर्जन करने के लिए शुभ मुहू्र्त

यदि आप 5 दिन बाद गणेश जी का विसर्जन करना चाहते हैं तो 4 सितंबर को सुबह 7:34 से लेकर 12:19 तक मुहूर्त रहने वाला है। इसके साथ दोपहर में 1:56 से 3:31 तक फिल शाम को 6:40 से 10:55 तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

Aug 31, 2022  |  04:30 PM (IST)
Ganesh Chaturthi 2022: डेढ़ दिन बाद कब है विसर्जन का मुहूर्त?

अगर आप डेढ़ दिन बाद गणेश जी का विसर्जन करना चाहते हैं तो शुभ मुहूर्त दोपहर 12:22 से लेकर 3:32 तक है। इसके साथ शाम को 5:07 से 6:45 तक भी विसर्जन के लिए अच्छा मुहूर्त है। 

Aug 31, 2022  |  03:15 PM (IST)
Ganesh Chaturthi 2022: कब से कब तक था गणेश स्थापना का मुहूर्त

आज पूरे भारत में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज घर में गणेश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 से दोपहर 01:38 तक था। 

Aug 31, 2022  |  02:50 PM (IST)
ग्रह दोष निवारण गणेश मंत्र

गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक:।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।

Aug 31, 2022  |  02:26 PM (IST)
गणेश चतुर्थी पर कब बन रहा है शुभ मुहूर्त?

विजय मुहूर्त- रात 02:44 मिनट से रात 03:34 मिनट तक 

निशिता मुहूर्त- सितंबर 01 को सुबह 12:16 मिनट से सितंबर 01 को सुबह 01:02 मिनट तक

रवि योग- सुबह 06:23 मिनट से 01 सितंबर को सुबह 12:12 मिनट तक

Aug 31, 2022  |  01:52 PM (IST)
गणेश चतुर्थी पर इस दिन करें एकदंत स्वरूप की पूजा

भगवान गणेश के एकदंत स्वरूप की पूजा गणेश चतुर्थी के दौरान चौथे दिन यानी भाद्रपद शुक्ल पक्ष के सप्तमी को करना विशेष फलदायी होता है। गणेश जी की एकदंत कथा व्यक्ति को संघर्ष का सामना कर विजय प्राप्त करने की सीख देती है। इसके साथ ही गणेश जी टूटे हुए दांत से इस बात की सीख मिलती है कि कैसे टूटी हुई चीज का सदुपयोग करना चाहिए।

Aug 31, 2022  |  01:28 PM (IST)
300 साल बाद बना संयोग

गणेश चतुर्थी पर ग्रहों की स्थिति एक विशेष संयोग बन रही है। इस गणेश चतुर्थी पर चार  प्रमुख ग्रह अपनी-अपनी राशि में मौजूद रहेंगे। गणेश चतुर्थी पर ग्रहों का ऐसा संयोग 300 साल बाद बना है। ऐसे में गणेश पूजा का महत्त्व बहुत अधिक बढ़ गया है। पंचांग के मुताबिक, सूर्य सिंह राशि में, बुध कन्या राशि में, गुरु मीन राशि में और शनि मकर राशि में विराजमान रहेंगे।

Aug 31, 2022  |  12:51 PM (IST)
बिगड़े कार्यों को सफल बनाने का मंत्र

त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।

Aug 31, 2022  |  12:17 PM (IST)
गणेश चतुर्थी पर करें ये आरती

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,

माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी। 

पान चढ़े,फूल चढ़े और चढ़े मेवा,

लड्डुअन का भोग लगे,सन्त करें सेवा, 

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।


अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया, 

'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा, 

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, 

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।। 


दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। 

कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, 

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।। 

Aug 31, 2022  |  11:44 AM (IST)
गणेश चतुर्थी की व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव और माता पार्वती नर्मदा नदी के किनारे बैठे थे। माता पार्वती ने वहां भगवान शिव से चौपड़ खेलने को कहा। भगवान शिव भी इस खेल को खेलने के लिए तैयार हो गए। लेकिन इस खेल में होने वाले हार-जीत का निर्णय कौन लेगा यह समझ नहीं आ रहा था, इसलिए भगवान शिव ने कुछ तीनके को इकट्ठा करके एक पुतला बनाया और उसमें जान डाल दी। जान डालते ही वह पुतला एक बालक बन गया। उसी बालक को इस खेल का निर्णय लेना था। 

अब भगवान शिव और माता पार्वती चौपड़ का खेल शुरू कर दिए। तीन बार चौपड़ का खेल खेला गया। हर बार माता पार्वती जीती, लेकिन भगवान शिव द्वारा निर्मित उस बालक ने भगवान शिव को ही विजय बताया। इस बात को सुनकर माता पार्वती बेहद क्रोधित हो गई और उन्होनें क्रोध में आकर उस बालक को लंगड़ा होने और कीचड़ में कीचड़ में पड़े रहने का श्राप दे दिया। बालक ने माता पार्वती से बहुत माफी मांगी। बालक के बार-बार क्षमा मांगने पर माता पार्वती ने उस बालक से कहा, कि यहां गणेश पूजन के लिए नागकन्या आएंगी उनके कहें अनुसार तुम भगवान श्री गणेश का व्रत पूरी श्रद्धा पूर्वक रखना। इस व्रत के प्रभाव से तुम इस श्राप से मुक्त हो जाओगें।

एक वर्ष के बाद उस स्थान पर नागकन्या आई। तब उस बालक ने नागकन्याओं से गणपति बप्पा के व्रत का विधि-विधान पूछा। उनके बताए अनुसार उस बालक ने 21 चतुर्थी तक बप्पा का व्रत किया। बालक की भक्ति को देखकर गणपति बप्पा बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने उस बालक को मनोवांछित वर मांगने को कहा। तब उस बालक नें सिद्धिविनायक से कहां 'हे प्रभु' मुझे इतनी शक्ति दीजिए कि मैं अपने पैरों से चलकर अपने माता-पिता के साथ कैलाश पर्वत पर जा सकूं। तब बप्पा ने तथास्तु कहा।

भगवान श्री गणेश के तथास्तु कहने के बाद वह बालक अपने माता-पिता के साथ कैलाश पर्वत पहुंचा। वहां उसने भगवान शिव को अपने ठीक होने की पूरी बात बताई। बालक की बात सुनकर भगवान शिव ने भी माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए 21 चतुर्थी का व्रत रखा। व्रत के प्रभाव से माता पार्वती भी प्रसन्न हो गई। इसके बाद भगवान शिव ने माता पार्वती को इस व्रत की पूरी महिमा बताई। इस बात को सुनकर माता पार्वती की मन में अपने बड़े पुत्र कार्तिक से मिलने की प्रबल इच्छा जाग उठी।

तब माता पार्वती ने भी 21 चतुर्थी का व्रत रखा। इस व्रत के प्रभाव से भगवान कार्तिकेय माता पार्वती से मिलने स्वयं आ गए। तभी से यह व्रत संसार में विख्यात हो गया और इसे हर मनोकामना को पूर्ण करने वाला व्रत माना जाने लगा। ऐसा कहा जाता है, कि यदि कोई व्यक्ति 21 चतुर्थी का व्रत पूरी श्रद्धा पूर्वक करें, तो बप्पा उसकी हर मनोकामना अवश्य पूर्ण कर देते हैं।

Aug 31, 2022  |  11:07 AM (IST)
गणेश चतुर्थी मूर्ति स्थापना विधि

गणेश चतुर्थी के दिन सबसे पहले आप सूर्य उदय होने से पहले नित्यक्रिया से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। अब पूजा का संकल्प लेते हुए भगवान श्री गणेश का स्मरण करते हुए अपने कुलदेवता का मनन करें। अब पूजा स्थल के स्थान पर पूर्व की दिशा में मुंह करके आसन पर बैठ जाए। अब एक चौकी पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाकर उसके ऊपर एक थाली में चंदन, कुमकुम से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। थाली पर बने स्वास्तिक के निशान के ऊपर भगवान श्री गणेश की मूर्ति स्थापित करते हुए पूजा शुरू करें। पूजा करने के बाद इस मंत्र का जाप करें। गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं। उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥