LIVE BLOG
More UpdatesMore Updates

Saraswati Puja 2022 Date, Puja Vidhi, Muhurat: बसंत पंचमी के मौके पर कैसे करें मां सरस्वती को प्रसन्न, जरूर करें इस श्लोक का जाप

Saraswati Puja (Basant Panchami) 2022 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Mantra: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। इस वर्ष बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा आज 05 फरवरी 2022 को मनाई जा रही है। बसंत पंचमी के दिन घरों में माता को भोग लगाने के लिए पीला मीठा चावल बनाया जाता है। यहां जानें सरस्वती पूजा की तिथि, पूजा विधि, मुहूर्त, महत्व, उपाय और मंत्र। 

Saraswati Puja 2022 Date, Timings, Puja Vidhi, Mantra, Know Here Basant Panchami 2022 Date And Time
Saraswati Puja 2022 Date, Puja Vidhi, Muhurat And Upay

Saraswati Puja (Basant Panchami) 2022 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri List: सनातन धर्म में माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। यह पंचमी तिथि ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती की विधि अनुसार पूजा करने से ज्ञान बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है। वहीं, वाणी में भी मधुरता आती है। मां सरस्वती की आराधना करने से भक्तों को हर कार्य में सफलता मिलती है। बसंत पंचमी को रतिकाम महोत्सव भी कहा जाता है। सरस्वती पूजा पर छात्रों को विशेष रुप से मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए। 

Also Read: Happy Saraswati Puja 2022 Wishes Images, Messages: इस पावन पर्व पर अपनों को भजें माता की भक्ति से लबरेज कोट्स, मैसेजेस और फोटोज

वर्ष 2022 में वसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा पर तीन शुभ योगों का संगम हो रहा है जिसकी वजह से यह तिथि अत्यंत शुभ मानी जा रही है। ज्योतिष आचार्यों के अनुसार इस दिन सिद्ध, साध्य और रवि योग का संगम हो रहा है जो शुभ कार्य प्रारंभ करने के लिए उत्तम है। 

Also Read: Happy Basant Panchami 2022 Wishes Images, Messages: खास अंदाज में दें इस पावन पर्व की बधाई, इन मैसेजेस को भेज कर कहें 'हैप्पी बसंत पंचमी'

वसंत पंचमी से वसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है और वातावरण में कई बदलाव आते हैं। इस दिन से वातावरण बहुत खुशहाल हो जाता है और ठंड कम होने लगती है। मान्यताओं के अनुसार, भक्तों को वसंत पंचमी पर कुछ विशेष उपाय अवश्य करने चाहिए। चमत्कारी उपाय करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा दृष्टि भक्तों पर बनी रहती है। 

Feb 05, 2022  |  02:22 PM (IST)
बसंत पंचमी की पूजा विधि

बसंत पंचमी हिंदुओं का एक विशेष पर्व है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। यह दिन विद्यार्थियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन शैक्षणिक स्थानों पर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर धूमधाम से पूजा आराधना की जाती है।यदि आप अपने बच्चों की पढ़ाई में आने वाली विघ्न-बाधाओं को दूर करना चाहते हैं, तो बसंत पंचमी के दिन अपने बच्चे से यहां बताएं गए तरीके से मां सरस्वती की पूजा कराएं, ऐसे पूजा करने से मां सरस्वती बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं, यहां जानें बसंत पंचमी की पूजा विधि

Feb 05, 2022  |  01:16 PM (IST)
बसंत पंचमी पर इन बातों का रखें ख्याल

बसंत पंचमी के दिन इन बातों का रखें ख्याल

1. बसंत पंचमी के दिन व्यक्ति को भूलकर भी खराब बातें मुंह से नहीं निकालनी चाहिए 
2. इस दिन झगड़े से दूर रखना चाहिए।
3. बसंत पंचमी के दिन भूलकर भी व्यक्ति को तामसी भोजन या शराब नहीं पीनी चाहिए।
4. बसंत पंचमी के दिन पितरों का तर्पण करना बेहद शुभ माना जाता है।
5. सरस्वती पूजा के दिन व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
6. सरस्वती पूजा के दिन यदि आपके पास पीला वस्त्र हो, तो उसे ही धारण करें। पीला वस्त्र मां सरस्वती को बेहद पसंद है। अगर आपके पास पीला वस्त्र ना हो, तो रंग-बिरंगे कपड़े भी पहन सकते हैं।

Feb 05, 2022  |  12:49 PM (IST)
मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए करें ये काम

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को केसर वाली खीर का भोग लगाकर कन्या भोजन कराना चाहिए। ऐसा करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती है।

Feb 05, 2022  |  12:26 PM (IST)
वसंत पंचमी पर त्रिवेणी योग

हिंदू पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी पांचवें दिन मनाई जाती है। इस बार 05 फरवरी को वसंत पंचमी त्रिवेणी योग में मनाई जा रही है। सिद्ध, साध्य और रवि योग नाम के तीन योग का निर्माण होने से वसंत पंचमी पर्व का महत्व इस बार काफी बढ़ गया है। त्रिवेणी योग बनने से विद्यारंभ संस्कार करना बहुत ही शुभ और सिद्धि प्रदान करने वाला होगा।

Feb 05, 2022  |  12:16 PM (IST)
कालीदास से भी जुड़ी है वसंत पंचमी की कथा

वसंत पंचमी को लेकर एक पौराणिक कथा कवि कालिदास से भी जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि जब कालिदास जी को जब उनकी पत्नी ने त्याग दिया तो दुखी होकर वो नदी में डूबकर आत्महत्या करने का विचार करने लगे थे। वो ऐसा करने ही जा रहे थे कि तभी देवी सरस्वती नदी के जल से बाहर आईं और कालिदास को उसमें स्नान करने के लिए कहा। इसके बाद से ही कालिदास का जीवन बदल गया और वे महाज्ञानी हो गए।

Feb 05, 2022  |  11:50 AM (IST)
वसंत पंचमी पर मां सरस्वती की आराधना करते समय यह श्लोक जरूर पढ़ें

वसंत पंचमी के मौके पर मां सरस्वती की आराधना करते समय यह श्लोक जरूर पढ़ना चाहिए- 
ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।
सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।। वन्दे भक्तया वन्दिता च...

Feb 05, 2022  |  11:26 AM (IST)
बसंत पंचमी पर करें इन 5 चीजों का दान

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पीले मिष्ठानओं का भोग लगाना चाहिए और सफेद या पीले रंग के वस्त्र अर्पित करने चाहिए। इतना ही नहीं, बसंत पंचमी के दिन विद्यार्थियों को किताब दान देना चाहिए। कहा जाता है कि बसंत पंचमी के दिन दान देना बहुत फलदायक होता है।

1. वेदशास्त्र का दान
2. ब्राह्मण कन्या को दान करें सफेद वस्त्र
3. पीली मिठाइयों का दान
4. बसंत पंचमी के दिन करें कपड़ों का दान 
5. विद्यार्थियों को करें किताब, पेन आदि का दान 

Feb 05, 2022  |  11:01 AM (IST)
वसंत पंचमी पर करें मां सरस्वती के इन मंदिरों के दर्शन

बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आपके लिए मां सरस्वती की पूजा अर्चना करनी चाहिए। हम आपको बता रहे हैं माता के कुछ चमत्कारिक मंदिरो के बारे में जिन्हें लेकर पौराणिक ग्रन्थों में खास मान्यताएं हैं। ये हैं वो मंदिर-

राजस्थान पुष्कर
श्रीज्ञान मंदिर तेलंगाना
ऋगेरी शारदा पीठ, कर्नाटक
पनाचिक्क्ड़ सरस्वती मंदिर
विघा सरस्वती मंदिर, वारंगल, आंध्र प्रदेश
मैहर का शारदा मंदिर
शारदापीठ मंदिर, एलओसी

 

Feb 05, 2022  |  10:33 AM (IST)
बसंत पंचमी के दिन देखें अपनी हथेलियां

बसंत पंचमी के दिन ये काम करें
-बसंत पंचमी के दिन कोई भी शुभ काम बिना मुहूर्त देखें कर सकते हैं।
-मान्यता है कि मां सरस्वती हमारी हथेलियों में वास करती हैं, ऐसे में बसंत पंचमी के दिन सुबह उठकर अपनी हथेलियों को देखना चाहिए।
-बसंत पंचमी के दिन शिक्षा से संबंधित चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।
-इस दिन स्नान करने के बाद सफेद या पीले रंग के वस्त्र पहनकर मां सरस्वती की पूजा करें।

Feb 05, 2022  |  10:07 AM (IST)
बसंत पंचमी पर इस कविता से करें मां सरस्‍वती की प्रार्थना

हिंदू धर्म में बसंत पंचमी पूजा का विशेष महत्व है, यह पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल बसंत पंचमी 05 फरवरी को मनाई जा रही है। इस दिन ज्ञान और वाणी की देवी मां शारदा की पूजा अर्चना की जाती हैं। शास्त्र के अनुसार भगवान विष्णु और भगवान महेश के कहने पर ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती को कल के दिन प्रकट किया था। बसंत पंचमी सरस्वती माता का जन्म दिन को रूप में मनाया जाता है। बसंत पंचमी पर सरस्‍वती पूजा में वर दे वीणा वाद‍िनी कव‍िता को प्रार्थना के तौर पर गाया जाता है ज‍िसे मशहूर कव‍ि सूर्यकांत त्र‍िपाठी न‍िराला ने ल‍िखा था। यहां पढ़ें - वर दे वीणा वाद‍िनी के ह‍िंदी ल‍िरिक्‍स

Feb 05, 2022  |  09:52 AM (IST)
बसंत पंचमी पर ऐसे करें कामदेव और रति की पूजा

पुराणों के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने के बाद कामदेव और उनकी पत्नी रति की पूजा करनी चाहिए। कामदेव और देवी रति की पूजा करने के लिए सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी रखिए और उस पर पीले रंग का वस्त्र बिछा लीजिए। अब वस्त्र पर अक्षत का कमल दल बनाइए फिर चौकी के आगे वाले भाग में हल्दी से गणेश जी और पीछे वाले भाग में चंदन की मदद से कामदेव और उनकी पत्नी देवी रति की स्थापना कीजिए। कामदेव और देवी रति की पूजा करने से पहले भगवान गणेश की पूजा कीजिए फिर कामदेव और देवी रति की पूजा कीजिए। पूजा करने के बाद इन दोनों के ऊपर अबीर और फूल डालिए। पूजा करने के बाद 108 बार कामदेव मंत्र का जाप कीजिए। बसंत पंचमी के दिन पति और पत्नी को ब्रह्माचार्य का पालन जरूर करना चाहिए इससे अत्यधिक लाभ मिलता है। 

Feb 05, 2022  |  09:31 AM (IST)
मां सरस्वती को चढ़ाएं पीले मीठे चावल का भोग

 बसंत पंचमी के दिन माता को भोग लगाने के लिए पीला मीठा चावल बनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि माता को पीला रंग का भोग लगाने से वह बहुत जल्द प्रसन्न होती है। अधिकांश घरों में बसंत पंचमी पर बड़ी धूमधाम से मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। माता को इस दिन पीले रंग का भोग लगाया जाता है। 

Feb 05, 2022  |  09:04 AM (IST)
वसंत पंचमी पर विवाह के लिए शुभ योग

इस वर्ष वसंत पंचमी 05 फरवरी यानी शनिवार के दिन मनाई जा रही है लेकिन विवाह के लिए 4 और 6 फरवरी पर भी शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। वसंत पंचमी पर सूर्य मकर राशि में बुध के साथ रहेंगे जिसकी वजह से इस दिन बुधादित्य योग बन रहा है। इस दिन नवग्रह चार राशियों में मौजूद रहेंगे जिसकी वजह से केदार नाम का शुभ योग बनेगा। यह दोनों योग शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने जा रहे हैं। मान्यताओं के अनुसार वसंत पंचमी पर विवाह करने वाला जोड़ा जन्मों तक खुशहाल रहता है तथा उनके वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की मुसीबतें नहीं आती हैं। विवाह के साथ वसंत पंचमी पर गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, फ्लैट, मकान, वाहन और प्लॉट आदि की खरीदारी के लिए भी शुभ मुहूर्त है। इस दिन प्रॉपर्टी खरीदने के लिए या कहीं निवेश करने के लिए भी उत्तम मुहूर्त है। इसके साथ बर्तन, सोना, नए वस्त्र, आभूषण, वाद्य यंत्र आदि के लिए भी शुभ योग बन रहा है। 

Feb 05, 2022  |  08:50 AM (IST)
कैसे करें बसंत पंचमी की पूजा

सरस्वती पूजा के दिन प्रातःकाल नहा धोकर पीले वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और कलश की पूजा करें। फिर नवग्रहों की पूजा करने के बाद मां सरस्वती की विधि अनुसार आराधना करें। पूजा के समय उन्हें विधिवत आचमन और स्नान कराएं। इसके बाद मां सरस्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें और सफेद वस्त्र चढ़ाएं। इस दिन मां सरस्वती को खीर और दूध से बने प्रसाद का भोग लगाएं।

Feb 05, 2022  |  08:49 AM (IST)
बसंत पंचमी पूजा में कैसी होनी चाह‍िए मां सरस्‍वती की मूर्ति

वास्तुशास्त्र के मुताबिक बसंत पंचमी पूजा में ऐसी होनी चाहिए मां सरस्‍वती की मूर्ती-
-ध्यान रहे घर में मां सरस्वती की मूर्ती कमल पुष्प पर विराजमान बैठी हुई मद्रा में होनी चाहिए। खड़ी हुई मुद्रा में माता की मूर्ती स्थापित करना शुभ नहीं माना जाता।
-वास्तुशास्त्र के अनुसार मां सरस्वती की मूर्ती हमेशा सौम्य, सुंदर और आशीर्वाद वाली मुद्रा में होनी चाहिए। पौराणिक -ग्रंथों के अनुसार वीणा वादिनी मां सरस्वती की कृपा से संपूर्ण संसार में जीव जंतुओं को वाणी प्राप्त हुई थी। 
-मूर्ती खरीदते समय ध्यान दें कि प्रतिमा खंडित ना हो। वास्तुशास्त्र के अनुसार खंडित मूर्ती से घर में नकारात्मकता का वास होता है।
इसके साथ बसंत पंचमी की पूजा करते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि पूजा स्थल पर मां सरस्वती की दो प्रतिमा स्थापित ना करें।

Feb 05, 2022  |  08:29 AM (IST)
बसंत पंचमी के दिन करें ये महाउपाय, करने वाले बनते हैं महाव‍िद्वान

बसंत पंचमी पर करें ये महाउपाय 

1. यदि आपके बच्चे को बोलने में समस्या होती है यानि उसकी वाणी स्पष्ट नहीं है तो बसंत पंचमी के दिन उसकी जीभ पर चांदी की सलाई से ओम की आकृति बनाएं, इससे आपका बच्चा वाणी दोष से मुक्त हो जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां सरस्वती के वीणा के मधुर ध्वनि से सृष्टि के समस्त जीव-जन्तुओं को वाणी की प्राप्ति हुई। ऐसे में ये उपाय कर आप अपने बच्चे को वाणी दोष से मुक्त कर सकते हैं।
2. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करते समय कलम और कॉपी जरूर शामिल करें। मान्यता है कि इस उपाय से बुध की स्थिति अनुकूल होती है और मां सरस्वती के आशीर्वाद से साधक के बुद्धि का विकास होता है और स्मरण शक्ति मजबूत होती है।
3. यदि आपका बच्चा पढ़ाई से भागता है या उसका मन पढ़ाई में नहीं लगता तो बसंत पंचमी के दिन अपने बच्चे से पीले रंग का फूल और हरे रंग का फल मां सरस्वती को अर्पित करवाएं। ऐसा करने से मां सरस्वती के आशीर्वाद से आपके बच्चे का मन पढ़ाई में लगेगा।
4. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करते समय केसर और पीले चंदन को जरूर शामिल करें। इससे जातक को ज्ञान और धन की प्राप्ति होती है। ज्योतिषशास्त्र में इसे गुरु से संबंधित वास्तु कहा जाता है।
5. मां सरस्वती को प्रसाद में बूंदी अत्यंत प्रिय है। ऐसे में बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को बूंदी अर्पित करें। इससे मां सरस्वती अपने भक्तों पर प्रसन्न होती हैं। 
6. बसंत पंचमी का दिन विद्या आरंभ करने के लिए बेहद खास है, इस दिन यदि किसी बच्चे की पढ़ाई की शुरुआत हो तो उस पर मां सरस्वती का आशीर्वाद सदा बना रहता है। मान्यता है कि इस दिन नवजात शिशु के जीभ पर शहद से ओम की आकृति बनाने पर बच्चा आगे चलकर बुद्धिमान और मधुरभाषी होता है। 
7. बसंत पंचमी के दिन पूजा करते समय मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर माता को मोर पंख अर्पित करें और पूजा समाप्त होने के बाद मोर पंख अपनी पुस्तक में रख लें।

Feb 05, 2022  |  07:53 AM (IST)
बसंत पंचमी पर तीन चीजों का जरूर करें पूजन

बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती को अत्यंत प्रिय है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ माह के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पावन पर्व मनाया जाता है। इस खास दिन पर तीन चीजों की पूजा जरूर की जानी चाहिए। वो हैं-

1. वीणा- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सरस्वती को वीणा अत्यंत प्रिय है। इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते समय वीणा को भी रखें। इससे घर में सुख शांति का वास होता है और बच्चों में रचनात्मकता बढ़ती है।

2. मोर का पंख- सनातन धर्म में मोर के पंख को काफी पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि घर में मोर का पंख रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और बच्चों का बौद्धिक विकास होता है। 

3. कलम और किताब- मां सरस्वती को ज्ञान और विद्या की देवी कहा जाता है। ऐसे में पूजा करते समय कलम और पेन जरूर रखें। इससे आपके बच्चों का बौद्धिक विकास होता है और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता हासिल होती है।

Feb 05, 2022  |  07:36 AM (IST)
बसंत पंचमी के द‍िन भूलकर भी ना करें ये काम

बसंत पंचमी पर क्‍या न करें-

1. बसंत पंचमी के दिन व्यक्ति को भूलकर भी खराब बातें मुंह से नहीं निकालनी चाहिए।
2.  इस दिन झगड़े से दूर रखना चाहिए।
3. बसंत पंचमी के दिन भूलकर भी व्यक्ति को तामसी भोजन या शराब नहीं पीनी चाहिए।
4. बसंत पंचमी के दिन पितरों का तर्पण करना बेहद शुभ माना जाता है।
5. सरस्वती पूजा के दिन व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
6. सरस्वती पूजा के दिन यदि आपके पास पीला वस्त्र हो, तो उसे ही धारण करें। पीला वस्त्र मां सरस्वती को बेहद पसंद है। अगर आपके पास पीला वस्त्र ना हो, तो रंग-बिरंगे कपड़े भी पहन सकते हैं।

Feb 05, 2022  |  07:11 AM (IST)
बसंत पंचमी का महत्व

बसंत पंचमी को मां सरस्वती के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन ब्रह्मा जी के स्तुति से विद्या की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बार बसंत पंचमी पर बुधादित्य एवं सिद्धि योग का सुंदर संयोग बन रहा है। इस दौरान किसी शुभ कार्य की शुरुआत करना विशेष लाभकारी होता है। तथा ऋतुओं के इस संधिकाल में ज्ञान और विज्ञान दोनों का वरदान प्राप्त किया जा सकता है। बसंत पंचमी से ऋतुराज वसंत का आगमन भी होता है, इस दिन से सरसो के खेत खिलखला उठते हैं और पूरी धरती पीले रंग से रंगमय हो उठती है।

Feb 05, 2022  |  06:59 AM (IST)
बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त

माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि शनिवार, 5 फरवरी को सुबह 03 बजकर 47 मिनट से प्रारंभ होगी। यह अगले दिन रविवार यानी 6 फरवरी को सुबह 03 बजकर 46 मिनट तक रहेगी। बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और पूर्वाह्न से पहले की जाती है। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट यानि 5 घंटे 28 मिनट तक का रहेगा।