इस गुफा में मिला था गणेश जी का कटा हुआ सिर, जानें और कई राज की बातें

Ganesh Amritvani Part-13: गणपति जी के सिर को जब भगवान शंकर ने काट दिया था तो वह एक गुफा में जा कर गिर गया था। इस गुफा में आज भी कई साक्ष्य इस घटना से जुड़े हुए मिलते हैं।

Paataal Bhuvaneshvar Gupha, पाताल भुवनेश्वर गुफा
Paataal Bhuvaneshvar Gupha, पाताल भुवनेश्वर गुफा 
मुख्य बातें
  • उत्तराखंड के पाताल भुवनेश्वर में छुपे हैं कई राज
  • गणपति जी का सिर पाताल भुवनेश्वर में गिरा था
  • गणेशजी के सिर के ऊपर ब्रह्मकमल भी नजर आता है

भगवान शंकर ने गणेशजी का सिर इतने आवेश और क्रोध में काटा था कि उनका सिर धरती पर एक पाताल में जा कर गिर गया था। यह पाताल एक गुफा में स्थित है। इस गुफा में आज भी गणपति जी का कटा हुआ सिर मौजूद है। ये गुफा उत्तराखंड में मौजूद है। उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में स्थित इस गुफा का नाम पाताल भुवनेश्वर है। भगवान शिव ने जब गणपति जी का सिर काटा था तो किसी को पता नहीं चला कि ये सिर कहां जा कर गिर गया। बताते हैं कि उस समय जब  शिव दूतों को ढूंढने पर सिर नहीं मिला तो शंकरजी ने भगवान गणेश को गज का सिर लगा दिया था।

पाताल भुवनेश्वर की गुफा  से जुड़ी जाने रोचक बातें

  1. पाताल भुवनेश्वर की गुफा  बहुत ही विशाल पहाड़ के अंदर है और ये गुफा जमीन से करीब 90 फीट गहरी है।
  2. इस गुफा में कई अद्भुत करने वाले तथ्य नजर आते हैं। यहां पौराणिक कथाओं के अनुसार कई साक्ष्य मौजूद हैं, जो गणपति जी के सिर कटने से जुड़ी घटना की जानकारी देते हैं।
  3. सर्वप्रथम पहली बार इस गुफा की खोज आदिशंकराचार्य ने की थी और तब यह पता चला था कि गणपति जी का सिर यही कट कर गिरा था।
  4. मान्यता है कि इस गुफा में पाया  जाने वाले चार पत्थर चारों युगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। मान्यता है कि चौथा पत्थर कलयुग का प्रतीक है।
  5. दिनो दिन ये चौथा पत्थर बढ़ता रहता है। पौराणिक मान्यता है कि जिस दिन चौथा पत्थर गुफा की दीवार को छू लेगा, उस दिन कलयुग का अंद हो जाएगा।
  6. गुफा के अंदर पाताल में माना जाता है कि बहुत से पौराणिक रहस्य छुपे हैं। यहां आने वाले भक्त इस पौराणिक साक्ष्यों का अपनी आंखों से देखते हैं।
  7. गुफा के अंदर भगवान गणेशजी का कटा हुआ सिर ‍मूर्ति के रूप में स्थापित है। माना जाता है कि गणपति जी का सिर इसी पाताल में आ कर गिर गया था।
  8. गणेशजी के सिर के ऊपर 108 पंखुड़ियों का ब्रह्मकमल भी नजर आता है और इस
  9. ब्रह्म कमल से गणेशजी के कटे मस्तक पर जल की बूंदें सदा टपकी तरती हैं। इसे  इस ब्रह्मकमल इसलिए कहा जाता है क्योंकि मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान शिव ने की थी।
  10. पाताल भुवनेश्वर गुफा में बद्रीनाथ, केदारनाथ और अमरनाथ की प्रतिमाएं भी विराजित हैं। यह पहला स्थान हैं जहां दिनों प्रतिमाएं एक साथ नजर आती हैं।
  11. गुफा के अदंर शेषनाग और तक्षक नाग के प्रतीक भी नजर आते हैं। साथ ही बद्री पंचायत में लक्ष्मी-गणेश, यम-कुबेर, तथा वरुण-गरूड़ भी विराजित हैं।
  12. गुफा में अमरनाथ की भी गुफा है, शिवजी की जटाएं पत्थर पर फैली नजर आती हैं वहीं इस गुफा के पास कालभैरव की जिह्वा के दर्शन भी किए जा सकते हैं।

मान्यता है कि कालभैरव जिह्वा  नुमा गुफा से होते हुए यदि कोई मनुष्य उनके गर्भ के अंदर प्रवेश करते हुए पूंछ तक पहुंच जाता है तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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