साईं के इस भजन से होती है आत्मिक सुख की प्राप्ति इसलिये गुरुवार को जरूर सुनें उनका भजन

आध्यात्म
Updated May 22, 2019 | 14:17 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

मन की शांति के लिए इर्श्वर की तन्मयता से पूजा करना और उनकी भक्ति में लीन होना जरूरी है। गुरुवार के दिन साईं की कृपा और आत्मिक शांति पाने के लिए उनके भजन गाने से बेहतर कुछ नहीं होगा।

Sai Baba
Sai Baba  |  तस्वीर साभार: Instagram

गुरुवार के दिन साईं बाबा का भी होता है। इस दिन भक्त इनकी विशेष-पूजा अर्चना करते हैं। वैसे साईं जितने सादगी का जीवन जीते थे उतनी ही सादगी अपनी पूजा में भी चाहते हैं। यही कारण है कि भक्तों को उन्हें प्रसन्न करने के लिए किसी तामझाम या विशेष पूजा की जरूत नहीं होती। वह सच्चे मन और निश्चल भाव से प्रेम करने वालों से तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं। साईं बाबा फकीर थे और इस फकीरी के पीछे कारण यही था कि वह मन,तन और दिल से बहुत साफ और दिखावा करने वाले नहीं थे। उन्हें संसार का कष्ट अपना कष्ट लगता था। वह संसार में रह कर अपने भक्तों के कष्ट का निवारण किया। हालांकि उनसे ईष्या करने वालों ने उन्हें कई बार गलत साबित करने का प्रयास किया लेकिन अपने कर्मो के बल पर ऐसे लोगों को अपने आप जबाव मिला और एक समय बाद वह खुद बाबा के भक्त हो गए।

साईं बाबा को पीले रंग से विशेष प्रेम है। यही कारण है कि जब भी उनकी पूजा करनी चाहिए उन्हें पीले फूल चढ़ाने चाहिए। गेंदा सबसे उत्तम माना जाता है। वहीं उनके प्रसाद के रूप में खिचड़ी विशेष मानी जाती है। इस प्रसाद से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह मिठाई या मेवा नहीं बल्कि प्रेम से बनी सादी सी खिचड़ी को पसंद करते थे। यही कारण है कि उन्हें चढ़ाने के बाद खिचड़ी के स्वाद और बढ़ जाता है। गुरुवार को साईं बाबा के दर्शन करने के बाद उनकी आरती करें और भजन करें। ये ऐसा उपाय है जो आपकी सारी परेशानियों को हल कर देगा। यही नहीं मन कि चिंता और परेशानी अपने आप दूर होने लगेगी। तो आइए इस गुरुवार साईं के इस सबसे प्रचलित भजन का गान करें।

आइए सांईं के इस भजन से उनके आर्शीवाद की कमाना करें

जमाने में कहां टूटी हुई तस्वीर बनती है तेरे दरबार में बिगड़ी हुई तक़दीर बनती है
तारीफ़ तेरी निकली है दिल से आई है लब पे बन के क़व्वाली शिरड़ी वाले साईँ बाबा आया है तेरे दर पे सवाली शिरड़ी वाले साईँ बाबा आया है तेरे दर पे सवाली लब पे दुआएँ आँखों में आँसू दिल में उम्मीदें पर झोली खाली शिरड़ी वाले साईँ बाबा आया है तेरे दर पे सवाली दर पे सवाली आया है दर पे सवाली सवाली (बाबा) शिरड़ी वाले साईँ बाबा आया है तेरे दर पे सवाली

ओ मेरे सांई देवा तेरे सब नाम लेवा ओ मेरे साईँ देवा तेरे सब नाम लेवा जुदा इन्सान सारे सभी तुझको हैं प्यारे सूने फ़रियाद सबकी तुझे है याद सबकी बड़ा या कोई छोटा नहीं मायूस लौटा अमीरों का सहारा ग़रीबों का गुज़ारा तेरी रहमत का क़िस्सा बयाँ अकबर करे क्या दो दिन की दुनिया दुनिया है गुलशन सब फूल बाँटे तू सबका माली (है) शिरड़ी वाले (हा) साईँ बाबा (हो) आया है तेरे दर पे सवाली

खुदा की शान तुझमें दिखे भगवान तुझमें खुदा की शान तुझमें दिखे भगवान तुझमें

तुझे सब मानते हैं तेरा घर जानते हैं चले आते हैं दौड़े जो ख़ुश-क़िस्मत है थोड़े ये हर राही की मंज़िल ये हर कश्ती का साहिल जिसे सबने निकाला उसे तूने संभाला जिसे सबने निकाला उसे तूने संभाला तू बिछड़ों को मिलाए बुझे दीपक जलाए तू बिछड़ों को मिलाए बुझे दीपक जलाए तू बिछड़ों को मिलाए बुझे दीपक जलाए ये ग़म की रातें रातें ये काली इनको बना दे ईद और दीवाली शिरड़ी वाले साईँ बाबा आया है तेरे दर पे सवाली लब पे दुआएँ आँखों में आँसू दिल में उम्मीदें पर झोली खाली शिरड़ी वाले साईँ बाबा आया है तेरे दर पे सवाली शिरड़ी वाले साईँ बाबा आया है तेरे दर पे सवाली शिरड़ी वाले साईँ बाबा आया है तेरे दर पे सवाली शिरड़ी वाले साईँ बाबा आया है तेरे दर पे सवाली

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