Margashirsha Amavasya 2019: पितर हो जाएंगे प्रसन्‍न, मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें ये गुप्‍त उपाय  

उपाय-टोटके
Updated Nov 19, 2019 | 07:30 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Amavasya ke upay: मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन उपवास रखना अत्यंत शुभ होता है। इस दिन पूरे विधि विधान से माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन व्रत रखने से पितर प्रसन्न होते हैं।

amavasya ke upay
amavasya ke upay  |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष अमावस्या का विशेष महत्व है
  • इस वर्ष मार्गशीर्ष अमावस्या 26 नवंबर को है
  • यह तिथि बहुत फलदायी होती है इसलिए इस दिन सच्चे मन से एवं पूरी श्रद्धा से नेक काम किया जाता है

हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा में स्नान करके गरीबों को दान दक्षिणा देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण भी किया जाता है। यही कारण है कि इस दिन गंगा में स्नान के लिए लोगों की भारी भीड़ जमा होती है। देश के कोने कोने से लोग वाराणसी और इलाहाबाद जैसे स्थानों पर पवित्र नदियों में स्नान करके मन की शुद्धि करते हैं।

हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या पड़ती है। इस वर्ष मार्गशीर्ष अमावस्या 26 नवंबर को है। यह अगहन मास में पड़ती है इसलिए मार्गशीर्ष अमावस्या को अगहन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह तिथि बहुत फलदायी होती है इसलिए इस दिन सच्चे मन से एवं पूरी श्रद्धा से नेक काम किया जाता है। कहा जाता है कि मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन गंगा में स्नान के बाद अच्छे कार्य करने से सौ जन्मों का फल प्राप्त होता है।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन उपवास रखना अत्यंत शुभ होता है। इस दिन पूरे विधि विधान से माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। हिंदू ग्रंथों के अनुसार इस दिन व्रत रखकर गंगा में स्नान करने के बाद धार्मिक कार्य करने और भजन कीर्तन का आयोजन करने से व्यक्ति के सभी रोग दुख दूर हो जाते हैं और माता लक्ष्मी की कृपा से घर में धन धान्य की कमी नहीं होती है। इस दिन पूर्वजों को भी भोग लगाकर पूजन किया जाता है।

पितृ दोष निवारण के लिए करें ये उपाय

  • मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन व्रत रखने से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। इसलिए इस दिन पितरों को खुश करने के लिए व्रत रखना चाहिए।
  • माना जाता है कि अगर कुंडली में पितृदोष हो और संतान प्राप्ति के योग दिखायी न दे रहे हों तो मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन उपवास रखकर पूरे विधि विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए और पितरों का तर्पण करना चाहिए।
  • इस दिन व्रत रखने से राहु केतु की दशा भी सुधरती है और कुंडली के दोष दूर हो जाते हैं।
  • मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन अपने सामर्थ्य अनुसार गरीबों को दान देने और भोजन कराने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है।
  • अमावस्या के दिन व्रत रखकर पितरों को भोग लगाने और तर्पण करने से देवी देवता और ब्रह्मांड के पशु पक्षी भी तृप्त होते  हैं और पितरों को स्वर्ग में जगह मिलती है और आपके सभी रुके हुए कार्य पूरे हो जाते हैं।
  • अगर आपके सभी काम खराब हो जा रहे हैं या आपको उसमें सफलता नहीं मिल रही है तो आपके मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत करना चाहिए। यह बहुत फलदायी होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

इस तरह मार्गशीर्ष अमावस्या पितरों का तर्पण करने के अलावा दान पुण्य करने के लिए भी अत्यंत शुभ है। इस दिन विशेष फल की प्राप्ति होने के कारण लोग सच्चे मन से इस दिन उपवास रखते हैं और देवताओं से सुखद जीवन की प्रार्थना करते हैं।

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