Astro Tips: मकान की नींव खोदने से पहले जानें ज्योतिष नियम, दिशा और कोण के अनुसार करें खुदाई

घर बनवाना एक सपने के पूरे होने से कम नहीं होता। सपने का घर खुशियों से भरा रहे इसके लिए जरूरी है कि जब आप, अपने घर की नींव बनवाएं तो कुछ चीजें इसमें जरूर स्थापित करें। 

Neev pujan
Neev pujan  
मुख्य बातें
  • नींव की खुदाई हमेशा पहले कोण और फिर दिशा से करें
  • नींव खुदाई से पूर्व भूमि पूजन करना बेहद जरूरी है
  • नींव भराई हमेशा खुदाई के विपरीत होनी चाहिए  

नींव किसी घर की सबसे अहम चीज होती है। न केवल मजबूती के लिए बल्कि घर की सुख-शांति और विकास के लिए भी जरूरी होती है। ज्योतिष में घर में खुशियों की शुरुआत नींव से मानी जाती है। ज्योतिष विज्ञान भी कहता है यदि घर कि नींव बेहतर होगी तो घर में अपने आप खुशियों का वास होगा। इसलिए घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए नींव से ही शुरुआत करनी चाहिए। 

जब भी नींव बनवाएं, उसमें कुछ चीजों को जरूर स्थापित करें और खुदाई और भराई की दिशा क्या होनी चाहिए। वास्तु के लिहाज से भी नींव में कुछ चीजें रखने का बहुत लाभ होता है। तो आइए जानें की नींव बनवाते समय क्या-क्या चीजें जरूर होनी चाहिए। 

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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नींव खुदवाते समय दिशाओं का रखें ध्यान
नींव खुदवाने से पहले हमेशा भूमि पूजन करनी चाहिए। इसके बाद नींव की खुदाई से पहले दिशा और कोण का ध्यान देना जरूरी है। नींव की खुदाई हमेशा ईशान कोण से शुरू होनी चाहिए। ईशान के बाद आग्नेय कोण की खुदाई कराएं। इसी क्रम में वायव्य कोण, वायव्य कोण के बाद नैऋ त्य कोण की खुदाई होनी चाहिए। कोणों की खुदाई के बाद दिशा का ध्यान दें।  दिशा के लिए पहले पूर्व, उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में क्रम से खुदाई करनी चाहिए।

नींव की भराई का भी जानें नियम
नींव की भराई जब भी कराएं वह नींव की खुदाई के विपरीत होना चाहिए। यानी सबसे पहले जहां नींव खोदी गई वहां से भराई न करें बल्कि सबसे अंत वाले से भराई शुरू करनी चाहिए। यानी सबसे पहले नैऋत्य कोण की भराई करें। उसके बाद क्रम से वायव्य, आग्नेय, ईशान की भराई करें। दिशाओं में पहले पश्चिम, उत्तर व पूर्व में क्रम से भराई करानी चाहिए।

नींव में इन चीजों को जरूर स्थापति करें  
नींव पूजन के समय कुछ चीजें याद से इसमें स्थापित करानी चाहिए। इसमें  एक छोटे कछुए के ऊपर  चांदी या तांबे का कलश बनावा कर स्थापित करें। साथ ही कलश के अंदर चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा, लोहे की चार कील, हल्दी की पांच गांठें, पान के 11 पत्ते, तुलसी की 35 पत्तियां, मिट्टी के 11 दीपक, छोटे आकार के पांच औजार, 11 सिक्के, आटे की पंजीरी, फल, नारियल, गुड़, पांच चौकोर पत्थर, शहद, जनेऊ, राम-नाम पुस्तिका, पंच रत्न, पंच धातु रखना चाहिए। इसके बाद सारी सामग्री को कलश में रखकर कलश का मुख लाल कपड़े से बांधकर नींव में स्थापित कर दें।

वास्तु और ज्योतिष के ये उपाय आपके घर में सुख और शांति का वास हमेशा बनाए रखते हैं। 

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