छठ पूजा भगवान सूर्य की आराधना का पर्व है। यह सबसे कठिनतम व्रतों में से एक है। इसलिए छठ पूजा को महापर्व कहा जाता है। यह पर्व दिवाली के छह दिनों बाद कार्तिक मास में मनाया जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरूआत 31 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ शुरू होगी और 3 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त होगी।
छठ माता की आराधना करने के लिए महिलाएं नाक से लेकर मांग तक सिंदूर लगाती हैं। यह छठ पूजा के लिए बेहद जरूरी होता है। इसके अलावा महिलाएं सोलह श्रृंगार भी करती हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से छठी माता संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं और व्रती महिलाओं को सदा सुहागिन रखती हैं। आइये जानते हैं छठ पूजा के दौरान लंबा सिंदूर लगाने का क्या महत्व है और यह जरूरी क्यों होता है।
अमर होता है सुहाग
सिंदूर को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। छठ पूजा के दौरान जो महिलाएं लंबा गाढ़ा पीला सिंदूर लगाती हैं, छठ माता की कृपा से उनके पति की उम्र लंबी होती है और वो सदा सुहागन रहती हैं। यही कारण है कि व्रती महिलाएं नाक से सिर तक सिंदूर लगाती हैं।
पति की तरक्की के लिए
कहा जाता है कि पति की उम्र लंबी होती है तो वह अपने जीवन में खूब तरक्की करता है। जो महिलाएं नाक से मांग तक सिंदूर भरकर छठ माता की पूजा करती हैं उनके पति जीवन में खूब तरक्की करते हैं और हर काम में सफलता मिलती है।
सुख समृद्धि के लिए
घर और परिवार की सुख समृद्धि की कामना के लिए महिलाएं गाढ़ा पीला सिंदूर लगाती हैं। कहा जाता है कि सिंदूर जितना लंबा होता है पति की आयु भी उतनी ही लंबी होती है और उसे जीवन में खूब कामयाबी मिलती है। इसलिए छठ माता से सुख समृद्धि की कामना के लिए महिलाएं लंबा सिंदूर लगाकर छठ पूजा करती हैं।
हर मनोकामना होती है पूरी
विवाहित महिलाएं जब अपनी मांग में लंबा सिंदूर भरकर छठ माता की पूजा करके उन्हें अर्घ्य देती हैं तो भगवान भाष्कर प्रसन्न होते हैं और छठ का व्रत रखने वाली महिलाओं की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
इसलिए छठ पूजा के दौरान प्रत्येक महिला को सूर्य की उपासना करने से पहले नाक से सिर तक गाढ़ा पीला सिंदूर लगाकर छठ माता से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।
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