अष्टमी जिस रात्रि को प्राप्त हो उसी तिथि की रात्रि में महानिशा पूजा की जाती है। यह तांत्रिक पूजा के लिए बहुत ही श्रेष्ठ समय है। बड़ी बड़ी तांत्रिक पूजाएं इस रात्रि में की जाती हैं। माता काली, माता लक्ष्मी तथा माता सरस्वती किसी की भी भक्ति की सिद्धि इस रात्रि में की जा सकती है।
इस दिन बलि दी जाती है। बलि पूर्णतया सात्विक होती है। नारियल की ही बलि दी जाती है। आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य सुजीत जी महाराज के अनुसार महानिशा पूजन की कुछ मुख्य बातें-
महानिशा पूजन की कुछ मुख्य बातें
इस प्रकार महानिशा में पूजा का लाभ लेकर अपने जीवन को धन्य करें। माता काली को प्रसन्न करके कई तांत्रिक साधना से माता से मनोवांछित फल की प्राप्ति भी कर सकते हैं। बंगलामुखी अनुष्ठान से विजय की प्राप्ति कर सकते हैं। निष्कर्षतः महानिशा पूजन प्रत्येक साधकों को करना चाहिए क्योंकि साधना करने से आपमें आध्यात्मिक शक्तियों का विकास होगा।
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