Navratri 2019: मां दुर्गा के सामने 9 दिनों तक जलाएं अखंड ज्योति, मगर उससे पहले जान लें नियम

व्रत-त्‍यौहार
Updated Sep 23, 2019 | 09:30 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के लिए नौ दिन तक अंखड ज्योति जलाने का विशेष महत्व होता है, लेकिन ज्याति को जालने के नियम और विधि बहुत कम लोग जानते हैं। नियमपूर्वक ज्योति जलाने से ही पूजा पूर्ण होती है।

Akhand Jyoti
Akhand Jyoti  |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • नवरात्रि पर अखंड ज्योति जलाने का बहुत पुण्य होता है
  • अखंड ज्योति जलाने से पहले कुमकुम से बनाएं अष्टदल कमल
  • रक्षा धागा से अखंड ज्योति की ज्योत बनाना चाहिए

नवरात्रि के प्रथम दिन मां दुर्गा की जहां पूजा की जाती है वहां, अखंड ज्योति का जलना बहुत जरूरी होता है। ये ज्योत पूरे नौ दिन तक लगातार जलती रहती है। ज्योति जलाने से पूर्व बहुत ऐसे कार्य हैं जिन्हे करना आवश्यक होता है। इतना ही नहीं ज्योति में बाती से लेकर ज्योति किसमें जलानी चाहिए यह सब जान लेना जरूरी है। शास्त्रों में अखंड ज्योति जलाने के कई नियम बताएं गए हैं और कहा गया है कि अखंड ज्योति के बिना पूजा पूरी नहीं होती, वहीं यह सही तरीके से प्रज्वलित न कि जाए तो पूजा का फल नहीं मिलता। नवरात्रि पर अखंड ज्याति जलाने से घर की सभी नकारात्मक और बुरी शक्तियां दूर हो जाती हैं।

 

नवरात्रि 29 सितंबर से शुरू हो रही है। इस दिन मां की पूजा के लिए अलग से चौकी लगा कर वहां अखंड ज्योति प्रज्वलित करनी चाहिए। पूजाघर में ही आप जमीन पर मां की चौकी लगाएं और लाल आसान पर माता को बिठाएं। यहां जलने वाली ज्योति पूरे नौ दिन तक जलती रहे इसके लिए आपको कुछ नियम जरूर जान लेने चाहिए।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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नवरात्रि में क्या है अखंड ज्योति जलाने के नियम और विधि अष्टदल कमल बनाएं

  1. माता के समक्ष अखंड ज्योति जलाने से पहले अष्टदल कमल बनाना होता है। ये आप कुमकुम, हल्दी या रंगोली किसी भी चीज से बना सकते हैं। चाहे तो चावल को पीले रंग से रंग कर भी इसे बना सकते हैं।
  2. तांबे या मिट्टी का दीपक जलाएं माता के सामने जो अखंड ज्योत होगी वह या तो तांबे के दीपक या मिट्टी के दीपक में ही जलनी चाहिए। मिट्टी के दीपक को एक दिन तक पानी में डुबो कर रखें और सूख जाने पर इसमे ज्योत जलाएं।
  3. अष्टकमल के बाईं ओर जलाएं दीपक
  4. अखंड ज्योति अष्टदल कमल के ऊपर बाईं तरफ रखनी चाहिए। ये ज्योत घी का नहीं बल्कि सरसों या तिल के तेल का होनी चाहिए।
  5. रक्षाधागा यानी मौली से बनाएं ज्योत
  6. माता के सामने जलने वाली ज्योत की बाती रक्षाधागा से बनाना चाहिए क्योंकि इससे शुद्ध कुअ और नहीं होता। वहीं ये रुई से देर तक जलता है।
  7. सवा हाथ कलावे की बाती
  8. रक्षा धागा से जो आप बाती बनाएं उसे अपने हाथ से सवा हाथ नाम कर काट लें। इसे ही बाती का रूप देकर अंखड ज्योति में इस्तेमाल करें।
  9. माता का आह्वान करें
  10. अखंड ज्योति जलाने से पहले माता का आह्वान करें और दुर्गा जी के मंत्रों को पढ़ते हुए ज्योत प्रज्वलित करें।
  11. अखंड ज्योति की पूजा करें
  12. ज्योत प्रज्वलित करने के बाद आप अखंड ज्याति का पूजन करें और अष्टदल कमल पर फूल को चढ़ाएं। इसके बाद दीपक के चारो और कुमकुम लगा कर प्रणाम करें।
  13. शयन की व्यवस्था ज्योत के पास करें
  14. अखंड ज्योति जहां पर आपने प्रज्वलित की है वहीं अपने सोने का आसन भी लगाएं। नौ दिन आप वहीं सोएं।
  15. ज्योत बुझने लगे तो जलाएं दूसरा दीपक
  16. अखंड ज्योति यदि बुझती प्रतीत हो तो आप तुंरत उसी ज्योत से दूसरा दीपक जलाएं। ऐसे में यदि दीपक बुझ भी जाता है तो अखंड ज्योति बुझने का दोष नहीं लगेगा।

तो नवरात्रि में मां दुर्गा के समक्ष अखंड ज्योति जलाने के इन छोटे लेकिन महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान जरूर दें, ताकि आपकी पूजा खंडित न हो।

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