Kalash Sthapana 2019: मां दुर्गा शक्तिस्वरूपा हैं। वह आदि शक्ति तथा समस्त सृष्टि को संचालित करती हैं। माता जगदंबा की भक्ति तथा शक्ति प्राप्त करने के लिए नवरात्रि एक पावन तथा श्रेष्ठ अवसर है। जिसका उपयोग करके भक्त मनोवांछित फलों की प्राप्ति करते हैं। पूजन तथा कलश स्थापना आश्विन शुक्ल प्रतिपदा के दिन सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त में करते हैं। कलश स्थापना के बाद नवरात्र की पूजा आरंभ हो जाती है।
ज्योतिषाचार्य सुजीत जी महाराज के अनुसार 29 सितंबर को नवरात्र प्रारम्भ होगा तथा इस प्रतिपदा को हस्त नक्षत्र और ब्रम्ह योग है। वैसे तो कई लोग मां दुर्गा की पूजा से पहले घर में कलश की स्थापना पंडितों से करवाते हैं। लेकन, आप चाहें तो कलश स्थापना खुद घर पर ही कर सकते हैं। यहां जानें कलश स्थापना के लिये किन-किन जरूरी सामग्रियों की आवश्यकता होती है
क्यों की जाती है कलश स्थापना, क्या है महत्व (Kalash Sthapana Importance)
कलश स्थापना को घट स्थापना के नाम से भी जाना जाता है। कलश स्थापना मां दुर्गा का आह्वान है। माता रानी की नवरात्रि से पहले वंदना शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इससे देवी मां घरों में विराजमान रहकर अपनी कृपा बरसाती हैं।
कलश स्थापना के लिए सामग्री (Kalash Sthapana Samagri)
मिट्टी का कटोरा, जौ, साफ मिट्टी, कलश, रक्षा सूत्र, लौंग इलाइची, रोली और कपूर। आम के पत्ते, पान के पत्ते, साबुत सुपारी, अक्षत, नारियल, फूल, फल।
कलश स्थापना की विधि (Kalash Sthapana Vidhi)
पूरे 9 दिन माता की उपासना की जाती है। भगवती जागरण कराने की प्रथा भी है। किसी भी दिन रात्रि में भक्त माता की भक्ति में भगवती जागरण कराकर पूरी रात भक्ति संगीतमय कार्यक्रम होकर प्रातः प्रसाद का वितरण होता है। कई भक्त श्री रामचरितमानस का इन नवरात्र में पाठ करके सम्पूर्ण करते हैं।
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