Ganesh Chaturthi 2020: इस साल बप्‍पा ने लिया हमसे विदा, जानें अलगे साल कब मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी 

व्रत-त्‍यौहार
Updated Sep 12, 2019 | 08:43 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

मान्‍यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन बुद्धि और सौभाग्‍य के देवता श्री गणेश का जन्‍म हुआ था। इस पर्व को देश भर में पूरे जोश के साथ मनाया जाता है। यहां जानें 2020 में गणेश चतुर्थी कब मनाई जाएगी।

 When is Ganesh Chaturthi in 2020
When is Ganesh Chaturthi in 2020  |  तस्वीर साभार: Instagram

नई दिल्‍ली। Ganesh Chaturthi in 2020: गणेश चतुर्थी हिंदुओं का एक बड़ा प्रमुख त्‍यौहार है। इस पर्व को विनायक चतुर्थी के नाम से भी पुकारा जाता है। मान्‍यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन बुद्धि और सौभाग्‍य के देवता श्री गणेश का जन्‍म हुआ था। इस पर्व को देश भर में खास तौर से महाराष्‍ट्र और मध्‍य प्रदेश में पूरे जोश के साथ मनाया जाता है। 

गणेश चतुर्थी पूरे दस दिनों तक मनाया जाता है। श्री गणेश के जन्‍म का यह उत्‍सव गणेश चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्‍त होता है। विर्सजन भी भगवान का उतने ही धूमधाम से किया जाता है जितना की स्थापना के समय उनका स्वागत होता है। मान्यता है कि बिना विसर्जन बप्पा की पूजा पूरी नहीं मानी जाती। बप्‍पा का इस साल विदा कर अब हम उनसे अगले साल जल्‍दी आने का वादा लेंगे।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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गणेश चतुर्थी कब मनाई जाएगी? 
हिन्‍दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद यानी कि भादो माह की शुक्‍ल पक्ष चतुर्थी को गजानन का जन्‍म हुआ था। उनके जन्‍मदिवस को ही गणेश चतुर्थी का नाम दिया गया है। यह पर्व हर साल अगस्‍त या सितंबर के महीने में आता है। यदि आप भी बप्‍पा जानना चाहते हैं कि अगले साल गणेश चतुर्थी किस तारीख को पड़ेगी तो बता दें कि अगले साल गणेश चतुर्थी 22 अगस्‍त, 2020 में आएगी। वहीं, 11वें दिन यानि 1 सितंबर को अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी। 

गणेश चतुर्थी पूजा विधि-

  • इस दिन गणेश जी की प्रतिमा घर पर लाइए। 
  • कुमकुम, रोली, पुष्प इत्यादि से रंगोली बना लें। 
  • लकड़ी का पीढ़ा या उचित आसन देकर उनके बैठाया जाता है। 
  • शुभ समय में गणेश प्रतिमा वैदिक रीति रिवाजों से मंत्रोचारण के बीच स्थापित की जाती है। 
  • अब इनको भोग लगेगा। भोग में मोदक गणेश जी को बहुत प्रिय है। 
  • दूर्वा, मिठाई, पुष्प, अपराजिता तथा वस्त्र रखकर शास्त्रवत पूजन आरम्भ करते हैं। 
  • अब  गणेश जी की स्तुति की जाती है। 
  • लोग समूह में बैठकर गीत तथा संगीत से गणेश जी की भक्ति गीत गाते हैं। लोग नृत्य से भी भगवान को प्रसन्न करते हैं। 
  • सुबह शाम विधिवत पूजा तथा अंत में आरती की जाती है। 
  • प्रसाद का नित्य वितरण होता है। 
  • गणेश जी को पीला तथा लाल रंग बहुत प्रिय है। इसी रंग की धोती पहनाई जाती है। 
  • गणेश चतुर्थी के दिन लोग इनके नामों का जप भी करते हैं।

ऐसे शुरू हुई उत्सव की प्रथा
गणेशोत्सव की शुरुआत आजादी से पूर्व ही शुरू हो चुकी थी। अंग्रेजो के खिलाफ देशवासियों को एकजुट करने के लिए श्री बाल गंगाधर तिलक ने गणेशोत्सव का पहली बार आयोजन किया था। धीरे-धीरे ये प्रथा बनी और हर साल पूरे देश में इस उत्सव का आयोनज होना शुरू हो गया। 


 

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