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Dhanteras 2021 Puja Vidhi, Muhurat: धनतेरस पर जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त से लेकर व्रत कथा

Dhanteras 2021 Laxmi Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Mantra: दिवाली के पहले दिन धनतेरस मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार ये खरीददारी करने का सबसे शुभ दिन होता है। जानिए इस त्योहार का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि समेत हर जरूरी बात...

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dhanteras puja muhurat (istock)

Dhanteras 2021 Laxmi Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri List: नवंबर का महीना शुरु होते ही दिवाली त्योहार की धूम पूरे देश में शुरू हो गई है। दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस साल धनतेरस दो नवंबर को मनाया जाएगा। हिंदू मान्यताओं के अनुसार धनतेरस का दिन खरीददारी के लिए सबसे शुभ होता है। इस दिन माता लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि देव की पूजा का विशेष लाभ मिलता है। 

धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर आता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार  भगवान धन्वंतरि सागर मंथन के दौरान हाथ में कलश लिए उत्पन्न हुए थे।

धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2021 Puja Timings)
धनतेरस की शुरुआत 02 नवंबर 2021, मंगलवार को होगी। धनतेरस 2021 की पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 06:18 से 08:11 तक है। अभिजीत मुहूर्त- 11:42 AM से 12:26 AM तक है। गोधूलि मुहूर्त - 05:05 से 05:29 शाम तक है। वहीं, निशिता मुहूर्त - रात 11:16 से 12:07 बजे तक है।  धनतेरस पर अभिजीत मुहूर्त, गोधूलि मुहूर्त पर खरीददारी की जाती है। 
 

Nov 02, 2021  |  01:09 PM (IST)
बीज खरीदने का विधान (Dhanteras 2021 Items)

धनतेरस के दिन धनिया के बीज को भी खरीदने का विधान होता है जिसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। बाकी बचे बीजों को दीपावली के बाद लोग अपने बाग-बगीचों में या खेतों में बोते हैं।

Nov 02, 2021  |  12:15 PM (IST)
नकारात्मकता से बचाता है सोना

पौराणिक कथाओं के अनुसार यह माना जाता है कि सोना और चांदी आपको बुरे शगुन और कुछ भी नकारात्मक से बचाते हैं, यही कारण है कि विशेष रूप से धनतेरस पर इन कीमती धातुओं को खरीदना बेहद शुभ माना जाता है।
 

Nov 02, 2021  |  11:31 AM (IST)
घर के अंदर प्रवेश नहीं कर सके यमराज

यमराज इतनी रोशनी की वजह से घर के अंदर प्रवेश नहीं कर सके और बिना उसकी जान लिए वहां से प्रस्थान कर गए। इसके बाद राजकुमार की जान बच गई। उसी समय से बुराई को भगाने के लिए घर के दरवाजे पर दीपों की रौशनी फैलाई जाती है। मान्यता यही है कि ऐसा करने से बुराई और बुरी बलाओं का नाश होता है। 

Nov 02, 2021  |  10:59 AM (IST)
गहने उतार कर रख दिए

राजा की पत्नी ने अपने सारे गहने उतार कर दीए की रौशनी को जलाकर कमरे के दरवाजे के पास रख दिया था। जब यम देवता उसे लेने के लिए आए तो वहां आकर उनकी आंखें वहां की रौशनी देखकर चौंधिया गई।

Nov 02, 2021  |  10:17 AM (IST)
सोना चांदी के गहनों ने बचाई जान (Dhanteras Vrat Katha in Hindi)

राजा हिमा के 16 वर्षीय बेटे को अपनी राशि के मुताबिक पता चलता है कि उसकी शादी की चौथी रात एक सांप के काटने से उसकी मौत हो जाएगी। शादी के चौथे दिन उसकी पत्नी पूरी रात जागकर उसकी रखवाली करती रही, और उसने अपने पति को भी जगाए रखा। 

Nov 02, 2021  |  09:45 AM (IST)
सोना खरीदने की पौराणिक कथा (Dhanteras 2021 Katha)

मान्यताओं के अनुसार जवाहरात से आने वाली तेज रोशनी और चमकदार दीयों ने यमराज को अंधा कर दिया, जो सांप के रूप में दिखाई दिए और इस तरह वह हेमा के बेटे की जान नहीं ले सके। ऐसे में सोने और चांदी के आभूषण या नए बर्तन खरीदने से आप और आपके परिवार के सदस्य किसी भी बीमारी से बच सकते हैं।
 

Nov 02, 2021  |  08:55 AM (IST)
धनतेरस का कई मायनों में महत्व (Importance of Dhanteras)

धनतेरस का महत्व धन, सोने, चांदी और गहनों से कहीं ज्यादा है। इस दिन चारों तरफ रोशनी नजर आती हैं। हर घर पर नए-नए पकवान बनते हैं। इस दिन चारों तरफ रोशनी नजर आती हैं।

Nov 02, 2021  |  08:17 AM (IST)
सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2021 Shopping time)

धनतेरस पर सोना-चांदी के आभूषण खरीदने के लिए शुभ समय शाम 06 बजकर 20 मिनट से लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक है.

Nov 02, 2021  |  07:42 AM (IST)
द्वार पर बनाएं रंगोली (Dhanteras 2021 Rangoli Design)

धनतेरस के दिन आप अपने घर के मुख्य द्वार पर आप चकोर रंगोली डिजाइन बना सकते हैं। अगर आप सिंपल रंगोली बनाना चाहते हैं तो यह डिजाइन बेस्ट है। सिर्फ कुछ रंगों का इस्तेमाल करके आप अपने घर को खूबसूरत बना सकते हैं। रंग आप अपनी पसंद के भी चुन सकते हैं। 

Nov 01, 2021  |  11:48 PM (IST)
कब है धनतेरस पूजन का शुभ समय, जानें यहां

पंचांग के अनुसार, कल यानी धनतेरस पर धनतेरस पूजन के लिए शुभ समय शाम 06:30 से रात 08:30 तक है। इस समय अवधि में स्थिर लग्न रहने वाला है। मान्यताओं के अनुसार, स्थिर लग्न में होने वाली पूजा का फल हमेशा बना रहता है। ऐसे में धनतेरस के लिए यह समयावधि उत्तम मानी जा रही है। इस दिन जातक दोपहर 03:00 से 04:30 बजे तक पूजा ना करें, क्योंकि इस समयावधि में राहुकाल रहेगा।

Nov 01, 2021  |  11:29 PM (IST)
धनतेरस पर खरीदारी के लिए कब से कब तक रहेगा शुभ समय, जानें

धनतेरस से दीपावली के महापर्व की शुरुआत हो जाती है। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ धन्वंतरी भगवान की पूजा की जाती है। पौराणिक परंपराओं के अनुसार, धनतेरस के दिन लोग अपने घरों में नए वाहन, आभूषण और बर्तन खरीद कर लाते हैं। धनतेरस पर सोना और चांदी की खरीदारी आम है। ऐसे में शुभ मुहूर्त पर सोना, चांदी, आभूषण और वाहन आदि चीजें खरीदना लाभदायक माना जाता है। इस वर्ष धनतेरस के दिन खरीदारी करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 8:00 बजे से 10:00 तक, सुबह 10:40 से दोपहर 01:30 तक, दोपहर 01:50 से 03:00 तक और शाम 06:30 से 08:30 तक है।

Nov 01, 2021  |  10:41 PM (IST)
मेष और वृषभ राशि के जातक धनतेरस पर किन-किन चीजों की करें खरीदारी?

धनतेरस के पवित्र पर्व पर मेष राशि के लोग अपने स्वास्थ्य के लिए पीतल के बर्तन की खरीदारी अवश्य करें। इसके साथ मेष राशि के लोगों के लिए सोने की खरीदारी करना भी लाभदायक माना जा रहा है। वहीं, वृषभ राशि के लोग इस दिन चांदी की मूर्ति या आभूषण खरीदें। चांदी की मूर्ति या आभूषण खरीदने से वृषभ राशि के जातकों के परिवार में शांति हमेशा बनी रहेगी।

Nov 01, 2021  |  10:12 PM (IST)
धनतेरस पर जरूर करें इन 5 चीजों की खरीदी 

धनतेरस का पर्व सनातन धर्म में विशेष माना गया है। इस दिन लोग खरीदारी करते हैं और अपने घर में सोना-चांदी समेत बर्तन खरीद कर लाते हैं। सोना-चांदी के साथ लोगों को धनतेरस के दिन कुमकुम, मां लक्ष्मी के पद चिन्ह, दीपक, साबुत धनिया और बताशा अवश्य खरीद कर अपने घर में लाना चाहिए।

Nov 01, 2021  |  09:25 PM (IST)
लक्ष्मी जी ने किसान को बताई धनतेरस की विशेष पूजा विधि (Dhanteras Puja Vrat Katha in Hindi)

किसान की बात सुनकर माता लक्ष्मी ने किसान को कहा कि धनतेरस के दिन अपने घर को अच्छी तरह से लीपकर शाम को मेरी पूजा करो। पूजा के दौरान तांबे के कलश में कुछ रुपए डालकर रखना। इसके बाद रात में घी का दीपक जालाना। ऐसा करने से में एक साल तक इस कलश में निवास करूंगी। तब से हर वर्ष धनतेरस के दिन इस पूजा विधि से मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

Nov 01, 2021  |  08:31 PM (IST)
मां लक्ष्मी को भगवान विष्णु के साथ भेजने से किसान ने कर दिया मना

12 वर्षों के बाद जब मां लक्ष्मी को अपने साथ ले जाने भगवान विष्णु किसान के घर पहुंचे, तब किसान ने मां लक्ष्मी को भेजने से मना कर दिया। जिसके बाद भगवान विष्णु ने कहा कि मां लक्ष्मी बहुत चंचल हैं और वह ज्यादा दिनों तक किसी के यहां नहीं ठहरतीं। बड़े से बड़े लोग भी मां लक्ष्मी को रोकने में नाकाम रहते हैं। इतने वर्षों तक मां लक्ष्मी तुम्हारे पास इसीलिए रहीं क्योंकि मैंने उन्हें श्राप दिया था। भगवान विष्णु की बात सुनने के बाद भी वह किसान अड़ा रहा।

Nov 01, 2021  |  07:47 PM (IST)
देवी लक्ष्मी ने किसान की पत्नी को बताया उपाय

भगवान विष्णु की आज्ञा मानकर मां लक्ष्मी किसान के घर में रहने लगीं। एक दिन मां लक्ष्मी ने किसान की पत्नी को खुद से बनाई हुई देवी लक्ष्मी की पूजा करने का उपाय बताया। महालक्ष्मी की बात मानकर किसान की पत्नी ने वैसा ही किया। इस पूजा का फल किसान व उसकी पत्नी को मिला। किसान धनवान हो गया। धीरे-धीरे 12 वर्ष कटते गए।

Nov 01, 2021  |  06:38 PM (IST)
12 वर्षों तक मां लक्ष्मी ने किसान की करी सेवा (Dhanteras Puja Vrat Katha)

भगवान विष्णु माता लक्ष्मी पर क्रोधित हुए और उन्होंने किसान के खेतों से चोरी करने पर माता लक्ष्मी को दंड दिया। भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी को 12 वर्षों तक किसान की सेवा करने के लिए कहा। भगवान विष्णु की बात मानकर माता लक्ष्मी किसान की सेवा करने के लिए चली गईं। वहीं, भगवान विष्णु माता लक्ष्मी को छोड़कर छीरसागर चले गए।

Nov 01, 2021  |  05:52 PM (IST)
भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी को दिया श्राप (Dhanteras Vrat Katha in Hindi)

जब मां लक्ष्मी ने खूबसूरत सरसों के फूलों को देखा तब वह अत्यंत प्रसन्न हो गईं। जिसके बाद वह इन फूलों को तोड़कर अपना श्रृंगार करने लग गईं। थोड़ा आगे चलने पर मां लक्ष्मी को गन्ने का खेत दिखाई दिया, जहां वह गन्ना तोड़कर उसे चूसने लगीं। जब भगवान विष्णु वहां आए और उन्होंने मां लक्ष्मी को अपने दिए गए आदेश का उल्लंघन करते हुए देखा तब वह बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने मां लक्ष्मी को श्राप दे दिया।

Nov 01, 2021  |  04:52 PM (IST)
माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु के आदेश का किया उल्लंघन 

विचरण करते हुए भगवान विष्णु एक जगह रुक गए और दक्षिण दिशा की ओर जाने लगे। उन्होंने माता लक्ष्मी को अपने पीछे आने से मना कर दिया। जिसके बाद माता लक्ष्मी को शंका होने लगी और वह इस रहस्य को जानने की कोशिश करने लगीं। माता लक्ष्मी से रहा नहीं गया और वह भगवान विष्णु के पीछे आने लगीं। थोड़ी देर बाद माता लक्ष्मी को एक सरसों का खेत दिखाई दिया जहां ढेर सारे फूल खिले थे।

Nov 01, 2021  |  03:51 PM (IST)
धनतेरस की व्रत कथा  (Dhanteras vrat katha)

पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान विष्णु मृत्युलोक में विचरण करने के लिए आ रहे थे तभी मां लक्ष्मी ने भी उन्हें अपने साथ ले जाने के लिए आग्रह किया। तब भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी से कहा कि यदि तुम मैं जो कहूं वैसा ही करोगी तब मैं तुम्हें अपने साथ ले जाऊंगा।  भगवान विष्णु की यह बात सुनकर लक्ष्मी माता ने उनकी बात मान ली और भगवान विष्णु के साथ भूमंडल पर विचरण करने के लिए आई।