इंदौर की झुग्‍गी में रहने वाले पहलवान सनी जाधव की बेहद प्रेरणादायक कहानी

स्पोर्ट्स
आईएएनएस
Updated Feb 20, 2021 | 19:02 IST

Sunny Jadhav: जाधव जालंधर में प्रेरणा बनने के लिए उत्साहित होंगे क्योंकि इस महीने खेल मंत्रालय ने उन्हें अपने प्रशिक्षण के लिए 2.5 लाख रुपये नकद प्रोत्साहन दिया था।

sunny jadhav
सनी जाधव 
मुख्य बातें
  • इंदौर के पहलवान सनी जाधव की प्रेरणादायी कहानी
  • सनी जाधव ने विपरीत परिस्थितियों को मात देकर पहलवानी की
  • जाधव जालंधर में शुरू होने वाले नेशनल ग्रीको-रोमन चैंपियनशिप में 60 किग्रा में पदक के दावेदार हैं

नई दिल्ली: खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के पदक विजेता पहलवान सनी जाधव (60 किग्रा) अभी भी इंदौर की एक झुग्गी में रहते हैं। उनके जीवन में कई रातें ऐसी रही हैं, जब वह रात के खाने के लिए सिर्फ चाय और बिस्किट लेते थे या फिर खाली पेट सो जाते थे। जुलाई 2017 में ब्रेन हैमरेज के बाद अपने पिता के गुजरने के बाद वह खुद और अपने परिवार को खिलाने के लिए और अपनी आजीविका कमाने के लिए कारों को साफ करते थे।

अपनी ट्रेनिंग जारी रखने के लिए मजदूरी करने और दूसरों के वाहनों की सफाई करने को मजबूर हुए जाधव को सुबह में इस तरह का काम करने से महज 150 रुपये मिलते थे और दिन में वह अपनी ट्रेनिंग करते थे। जब जाधव के पिता जिंदा थे, तो वे प्रतिदिन 500 रुपये से लेकर 600 रुपये तक कमाते थे। इसके अलावा, जाधव की मां भी उनकी मदद करती थी। जाधव की मदद के लिए हाल में खेल मंत्रालय आगे आया था। मंत्रालय ने पहलवान जाधव को 2.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की थी।।

पहलवान जाधव ने आईएएनएस से कहा, 'मेरे पिता स्वस्थ थे, लेकिन 2017 में उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ। चूंकि वह परिवार चलाने वाले एकमात्र सदस्य थे, इसलिए मुझे गुजर-बसर करने के लिए नौकरी करनी पड़ी। जब मैं काम करता था, तो मेरी मां भी दिन में केयर सेंटर में काम करती थी। कभी-कभी मैं भूखा सो जाता था क्योंकि मैं कमा नहीं सकता था, या रात के खाने के लिए मेरे पास सिर्फ चाय और बिस्किट होते थे।'

जाधव बने प्रेरणा

जाधव सीनियर राष्ट्रीय स्तर के पूर्व पहलवान थे और वह एक छोटा ढाबा चलाते थे। जुलाई 2017 के बाद से यह जिम्मेदारी जाधव पर आ गई, जिन्होंने काम करना शुरू कर दिया और साथ ही साथ प्रशिक्षण के लिए समय भी निकाला। फ्रीस्टाइल पहलवान के रूप में शुरूआत करने के बाद, ग्रीको रोमन शैली में उनका स्विच करना भाग्य में एक नाटकीय बदलाव लाया और अब वह जालंधर में शनिवार से शुरू होने वाले नेशनल ग्रीको-रोमन चैम्पियनशिप में 60 किग्रा में पदक के दावेदार हैं।

जाधव जालंधर में प्रेरणा बनने के लिए उत्साहित होंगे क्योंकि इस महीने खेल मंत्रालय ने उन्हें अपने प्रशिक्षण के लिए 2.5 लाख रुपये नकद प्रोत्साहन दिया था। उस पैसे से वह अपने कोच सहित कई लोगों से उधार लिए गए पैसे वापस करने जा रहे है।

जाधव ने इंदौर से प्रशिक्षण सत्र लेने के बाद कहा, 'पिछले कुछ हफ्तों से मैं रात में चैन से सो नहीं पा रहा था क्योंकि अपनी ट्रेनिंग को पूरा करने के लिए दोस्तों और कोचों से उधार लिया गए पैसे 1 लाख रुपये को पार कर गया था। मैं उन कोचों और दोस्तों को चुकाऊंगा जिनसे मैंने हाल ही में प्रशिक्षण के लिए पैसे उधार लिए थे। उनके कर्जे देने के बाद मैं अपने दैनिक आहार के पूरक के लिए शेष राशि रखूंगा।'

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