Commonwealth Games 2022: सातवें दिन भारतीय मुक्केबाजों ने मचाया धमाल, पक्के किए छह पदक

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भाषा
Updated Aug 04, 2022 | 23:13 IST

बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों का सातवां दिन भारतीय मुक्केबाजों के लिए बेहद शानदार रहा। मुक्केबाजों ने गुरुवार को भारत के लिए छह पदक पक्के किए।

Amit-Panghal
अमित पंघाल  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • बॉक्सिंग में भारतीय खिलाड़ियों ने तय किए छह पदक
  • सेमीफाइनल में प्रवेश करते ही बॉक्सिंग में पक्का हो जाता है कांस्य पदक
  • स्वर्ण पदक से अब केवल 2 कदम दूर हैं भारतीय बॉक्सर

बर्मिंघम: राष्ट्रमंडल खेलों की मुक्केबाजी प्रतिस्पर्धा में भारत के पदकों की संख्या में इजाफा होना जारी है जिसमें पदार्पण करने वाले सागर अहलावत और जैसमीन नये सितारों के तौर पर उभरे जो अमित पंघाल के साथ गुरुवार को यहां अपने वर्ग की स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंच गये।

सागर अहलावत ने मचाया धमाल 
हरियाणा के 22 साल के सागर अहलावत ने पुरुषों के सुपर हेवीवेट (+91 किग्रा) वर्ग के क्वार्टरफाइनल में सेशेल्स के केडी इवांस एग्नेस पर 5-0 की जीत से मुक्केबाजी रिंग में भारत के छह पदक पक्के कर दिये। इस 22 साल के मुक्केबाज ने अपने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण में स्वप्निल प्रदर्शन जारी रखा और अब वह अंतिम चार में नाईजीरिया के इफीनी ओनयेकवेरे के सामने होंगे।

शुरूआती दौर में पूर्व ओलंपियन कैमरून के मैक्समे निजेयो को सर्वसम्मत फैसले में हराने वाले सागर ने पांच साल पहले ही मुक्केबाजी शुरू की थी। हरियाणा के झज्जर जिले में किसान के बेटे अहलावत के प्रदर्शन से उनकी लगन और जज्बे का अंदाजा हो जाता है। उन्होंने कहा, 'हमारे पास केवल दो एकड़ की जमीन है और मैं पूरे दिन अपने पिता के साथ खेत में काम करता था। काफी परेशानियां थीं तो किस्मत बदलने के लिये मुझे मुक्केबाजी से जुड़ना पड़ा।'

जैसमीन ने दी न्यूजीलैंड की ट्राय गार्टन को मात
फिर जैसमीन ने महिलाओं के लाइटवेट (60 किग्रा) वर्ग के क्वार्टर फाइनल में न्यूजीलैंड की ट्राय गार्टन को 4-1 के विभाजित फैसले में हराया। हालांकि यह मुकाबला कड़ा रहा, लेकिन भारतीय मुक्केबाज ने पहले राउंड में दबदबा बनाया। पर दूसरे राउंड में गार्टन ने वापसी की जिससे भारतीय मुक्केबाज हैरान हो गयी। राष्ट्रमंडल खेलों में पदार्पण कर रही जैसमीन के पिता भिवानी में सुरक्षाकर्मी हैं। एशियाई चैम्पियनशिप 2021 की कांस्य पदक विजेता जैसमीन ने कहा, 'मुझे तीसरे दौर में वापसी करनी थी और मैंने मुक्के लगाने से पहले उसके खिलाफ खुद का बचाव किया।'

निकहत जरीन (50 किग्रा), नीतू गंघास (48 किग्रा) और मोहम्मद हुसामुद्दीन (57 किग्रा) के अपने वर्गों में पदक पक्के करने के एक दिन बाद गोल्ड कोस्ट में पिछले चरण के रजत पदक विजेता पंघाल ने फ्लाईवेट (48-51 किग्रा) क्वार्टर फाइनल में स्कॉटलैंड के लेनोन मुलीगन के खिलाफ सर्वसम्मत फैसले में जीत दर्ज की।

पंघान ने दी स्कॉटलैंड के मुलीगन को मात 
विश्व चैम्पियनशिप के पूर्व रजत पदक विजेजा पंघाल और मुलीगन के बीच मुकाबला ज्यादा चुनौतीपूर्ण नहीं था। 26 साल के भारतीय मुक्केबाज ने अपने से युवा स्कॉटिश प्रतिद्वंद्वी को अपने मजबूत रक्षण से थका दिया। पंघाल ने तेज तर्रार जवाबी हमले से बीच बीच में अंक जुटाये। पहले दो राउंड में पंघाल ने ‘गार्ड डाउन’ (हाथ नीचे रखकर खेलते हुए) रखते हुए मुलीगन को आक्रामक होने के लिये उकसाया लेकिन फुर्ती से उनकी पहुंच से बाहर हो गये। बीच-बीच में उन्होंने बायें हाथ से मुक्के जड़कर 20 साल के प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज को पछाड़ा।

पंघाल ने पक्का किया अपना दूसरा पदक
अंतिम राउंड में उन्होंने ‘वन-टू’ (एक के बाद एक) के संयोजन से मुक्के जड़े और राष्ट्रमंडल खेलों में अपना दूसरा पदक पक्का किया। पर सेमीफाइनल उनके लिये कड़ा साबित होगा जिसमें वह तोक्यो ओलंपियन जाम्बिया के पैट्रिक चिनयेम्बा के सामने होंगे। लेकिन भारतीय मुक्केबाज मुकाबले से पहले आत्मविश्वास से लबरेज है। पंघाल ने कहा, 'मुझे स्वर्ण पदक जीतने का भरोसा है, विशेषकर इस प्रदर्शन के बाद। मैं अपनी सहनशक्ति और फुटवर्क पर काफी काम कर रहा हूं और काफी मजबूत भी महसूस कर रहा हूं। मैं जानता हूं कि मैं प्रत्येक मुकाबला जीत सकता हूं।'
 

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