मैड्रिड: दुनिया के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में से एक क्रिस्टियानो रोनाल्डो आज अपना 35वां जन्मदिन मना रहे हैं। क्रिस्टियानो रोनाल्डो खेल जगत का एक ऐसा नाम है, जिसके फैंस पूरी दुनिया में मौजूद हैं। भारत में भी रोनाल्डो की दीवानगी देखते ही बनती है। रोनाल्डो का एक कोट है- 'मैं एक ऐसा सपना जी रहा हूं, जिससे मैं कभी जागना नहीं चाहता।' इससे साबित हो जाता है कि यह फुटबॉलर अपने खेल और फैंस के प्रति कितना समर्पित है कि उन्हें कभी निराश होते देखना पसंद नहीं करता। रोनाल्डो ने अपने 35वें जन्मदिन पर फैंस के लिए एक खास तोहफा दिया है। उन्होंने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करके इसकी जानकारी दी।
पांच बार के बैलन डी ओर खिताब जीतने वाले रोनाल्डो ने आज तक अपने शरीर पर एक भी टैटू नहीं गुदवाया है। इसके पीछे की वजह भी बेहद खास है। दरअसल, रोनाल्डो नियमित अंतराल में रक्तदान करते हैं और इसलिए वह अपने शरीर पर टैटू नहीं बनवाते। उनकी इस दरियादिली और अच्छे स्वभाव के कारण भी उनके फैंस की संख्या लगातार बढ़ती जाती है। इंस्टाग्राम पर रोनाल्डो सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाली खेल हस्ती भी हैं।
चलिए क्रिस्टियानो रोनाल्डो के जन्मदिन पर उनसे जुड़ी कुछ अनसुनी बातें आपको बताते हैं:
# क्रिस्टियानो रोनाल्डो का जन्म 5 फरवरी, 1983 को पुर्तगाल में हुआ। जन्म के समय उनका नाम क्रिस्टियानो रोनाल्डो डोस सांतोस एविरो था। हालांकि, उनका नाम रोनाल्डो इसलिए पड़ा क्योंकि उनके पिता अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के फैन थे।
# रोनाल्डो जब 15 साल के थे, तब उन्हें रेसिंग हर्ट नाम की एक बीमारी हुई थी। इस वजह से उन्होंने खेल से दूरी बना ली थी। मगर सर्जरी के बाद रोनाल्डो दोबारा मैदान पर लौट आए।
# इंग्लैंड के प्रसिद्ध फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड ने साल 2003 में रोनाल्डो को 12 मिलियन पाउंड में अपने साथ जोड़ा था। इससे पहले इतनी रकम उनकी उम्र वाले किसी भी खिलाड़ी को नहीं मिली थी।
# रोनाल्डो को मशहूर 7 नंबर की जर्सी सर एलेक्स फर्ग्यूसन ने सौंपी थी। तब रोनाल्डो की उम्र सिर्फ 18 साल थी। बेहतरीन खेल के कारण रोनाल्डो की लोकप्रियता बढ़ने लगी थी।
# रोनाल्डो का मैडम तुसाद संग्रहलाय में मोम का पुतला लगा है। साल 2007 में क्रिस्टियानो रोनाल्डो की आत्मकथा भी प्रकाशित हुई, जिसका नाम है- मोमेंट्स।
# रिकॉर्ड बनाने में क्रिस्टियानो रोनाल्डो को कोई सानी नहीं है। चैंपियन लीग में 100 गोल करने वाले वो पहले खिलाड़ी बने थे। इसके अलावा भी उनकी कई उपलब्धियां हैं।