जैसे को तैसाः कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 से हटा हॉकी इंडिया, एक दिन पहले इंग्लैंड ने लिया था ऐसा ही फैसला

स्पोर्ट्स
भाषा
Updated Oct 05, 2021 | 21:17 IST

Indian hockey team not to play in CWG 2022: पुरुष व महिला भारतीय हॉकी टीमें अगले साल इंग्लैंड के बर्मिंघम में खेले जाने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं खेलेगा। हॉकी इंडिया ने नाम वापस लिया।

Hockey India withdraws from CWG 2022
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 से हटा हॉकी इंडिया  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (बर्मिंघम)
  • हॉकी इंडिया ने अपना नाम वापस लिया, बर्मिंघम में नहीं दिखेगी भारतीय हॉकी टीम
  • इंग्लैंड ने कोविड-19 का हवाला देते हुए लिया है ऐसा ही फैसला

भारत कोविड-19 से जुड़ी चिंताओं और देश के यात्रियों के प्रति ब्रिटेन के भेदभावपूर्ण पृथकवास नियमों के कारण अगले साल बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की हॉकी प्रतियोगिता से मंगलवार को हट गया। इंग्लैंड भी एक दिन पहले इन्हीं कारणों का हवाला देकर भुवनेश्वर में होने वाले जूनियर पुरुष विश्व कप से हट गया था। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोबम ने महासंघ के फैसले से भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को अवगत करा दिया है।

हॉकी इंडिया ने कहा है कि बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (28 जुलाई से आठ अगस्त) और हांग्झू एशियाई खेलों (10 से 25 सितंबर) के बीच सिर्फ 32 दिन का अंतर है और वे अपने खिलाड़ियों को ब्रिटेन भेजकर जोखिम नहीं उठाना चाहता जो कोरोना वायरस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित देशों में शामिल रहा है।

निंगोबम ने लिखा, ‘‘एशियाई खेल 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए महाद्वीपीय क्वालीफिकेशन प्रतियोगिता है और एशियाई खेलों की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए हॉकी इंडिया राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान भारतीय टीमों के किसी खिलाड़ी के कोविड-19 संक्रमित होने का जोखिम नहीं ले सकता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हॉकी इंडिया अपनी पुरुष और महिला टीमों को राष्ट्रमंडल खेल 2022 के लिए नहीं भेजेगा और आपको समय रहते सूचित किया जा रहा है कि आयोजकों को जानकारी दे दी जाए कि वे रिजर्व टीमों की पहचान करें।’’

कुछ सप्ताह पहले ही इसकी संभावना व्यक्त की जा रही थी जब आईओए अध्यक्ष ने कहा था कि हॉकी इंडिया ने उन्हें संकेत दिया है कि वह एशियाई खेलों के लिये टीम को शीर्ष फॉर्म में रखना चाहता है चूंकि यह ओलंपिक क्वालीफायर भी है। खेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि हॉकी इंडिया को इस बात के लिये मनाने की कोशिश की जायेगी कि वहां दूसरे दर्जे की टीम भेज दे।

ब्रिटेन ने हाल में भारत के कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण पत्रों को मान्यता देने से इनकार कर दिया था और देश से आने वाले यात्रियों के पूर्ण टीकाकरण के बावजूद उनके लिए 10 दिन का कड़ा पृथकवास अनिवार्य किया है। आईओए अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में निंगोबम ने इस भेदभाव का प्रमुखता से जिक्र किया है जिन्होंने रिजर्व टीमों के लिए खेल की वैश्विक संचालन संस्था के साथ समन्वय के निर्देश दिए हैं। बत्रा एफआईएच के भी अध्यक्ष हैं।

निंगोबम ने लिखा, ‘‘इस तरह की भेदभावपूर्ण पाबंदियां भारतीय खिलाड़ियों और अधिकारियों पर हाल में हुए तोक्यो ओलंपिक खेलों के दौरान भी लागू नहीं थी और टीकाकरण करवाने वाले खिलाड़ियों के लिए भी 10 दिन के पृथकवास से उनका प्रदर्शन प्रभावित होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि ये पाबंदियां भारत के खिलाफ भेदभावपूर्ण हैं और काफी दुर्भाग्यशाली हैं।’’

इंग्लैंड के कोविड-19 से जुड़ी चिंताओं और भारत सरकार के ब्रिटेन के सभी नागरिकों के लिए 10 दिन का पृथकवास अनिवार्य करने का हवाला देकर भुवनेश्वर में अगले महीने होने वाले एफआईएच पुरुष जूनियर विश्व कप से हटने के एक दिन बाद हॉकी इंडिया ने यह कदम उठाया है। ब्रिटेन की पाबंदियों के बाद भारत ने भी देश में आने वाले ब्रिटेन के नागरिकों पर उसी तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे।

भारत के नए नियमों के तहत ब्रिटेन से यहां आने वाले ब्रिटेन के सभी नागरिकों के टीकाकरण की स्थिति चाहे कुछ भी हो उन्हें यात्रा के 72 घंटे के भीतर आरटी-पीसीआर परीक्षण का नतीजा दिखाना होगा। भारत पहुंचने पर हवाई अड्डे में और फिर आठवें दिन उनके दो और आरटी-पीसीआर परीक्षण होंगे।
भारत की पुरुष और महिला दोनों टीमें 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के पदक दौर में पहुंची थी लेकिन कांस्य पदक के प्ले आफ में इंग्लैंड से हार गई थी। पुरुष टीम को 1-2 जबकि महिला टीम को 0-6 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

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