नई दिल्लीः भारत में कई बार ऐसी खबरें सामने आती रही हैं जब कोई प्रतिभावान छात्र या कोई खिलाड़ी गरीबी की जिंदगी जीने पर मजबूर है। जिस खिलाड़ी को मैदान पर अपना हुनर तराशते हुए लोग देखना चाहते हैं, अगर वही खिलाड़ी किसी तरह घर चलाने के लिए सड़क किनारे बैठा नजर आए तो जाहिर तौर पर किसी का भी दिल पसीज जाएगा। झारखंड से एक ऐसी ही खबर सामने आई है जहां एक युवा तीरंदाज सड़क किनारे सब्जी बेचने पर मजबूर है।
खबरों के मुताबिक एक समय ऐसा था जब 17 साल की सोनी खातून झारखंड की दिग्गज तीरंदाज दीपिका कुमारी की तरह बनने के लिए मेहनत कर रही थीं। साल 2011 के राष्ट्रीय स्कूल खेलों में उन्होंने कांस्य पदक भी जीता लेकिन अब वही प्रतिभावान खिलाड़ी इस समय धनबाद की सड़कों पर सब्जी बेचने को मजबूर है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर
झारखंड तीरंदाजी का हब माना जाता है और कई अच्छे तीरंदाज यहां से आते रहे हैं। सोशल मीडिया पर जब सोनी खातून की तस्वीर और खबर सामने आई तो देखते-देखते खेल प्रेमी इसको शेयर करने लगे और अब ये तस्वीर वायरल हो गई है।
एक तरफ जहां सोनी खातून की दर्द भरी कहानी और उनकी फोटो वायरल हुई, वहीं कुछ समय बाद ये भी खबर आ गई कि खुद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले में दखल देते हुए तीरंदाज की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया। बताया जा रहा है कि जोदापोखर की रहने वाली सोनी खातून का वीडियो मुख्यमंत्री सोरेन को दिखाया गया जिसके बाद मुख्यमंत्री ने धनबाद के डिप्टी कमिश्नर को तुरंत इस तीरंदाज की मदद करने का आदेश दिया। इसके बाद तुरंत प्रशासन द्वारा सोनी खातून को 20 हजार रुपये का चेक दिया गया। मामला सामने आने के बाद धनबाद जिला तीरंदाजी एसोसिएशन ने भी मामले को लेकर सक्रियता दिखाई है और सोनी खातून की और भी मदद करने का आश्वासन दिया है।
इससे पहले एथलीट प्राजक्ता का वीडियो वायरल हुआ था
कुछ ही दिन पहले ऐसा ही एक और मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। नागपुर की एथलीट प्राजक्ता गोडबोले का परिवार भुखमरी का सामना करने पर मजबूर था। लॉकडाउन के चलते उनके पास पैसे खत्म हो गए थे और आस-पास के लोगों द्वारा खाना मिल जाने से ही वो अपना गुजारा कर रहे थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकीं प्राजक्ता गोडबोले के पिता लकवाग्रस्त हैं और लॉकडाउन के बाद मां का काम भी छूट गया था। प्राजक्ता की खबर सामने आने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तुरंत एक्शन लेते हुए प्राजक्ता को राशन और 16 हजार रुपये मुहैया कराए थे।