नई दिल्ली: इस सत्र के फॉर्मूला वन खिताब की दौड़ का विवादास्पद अंत भारत के पहले एफवन ड्राइवर नरेन कार्तिकेयन को पसंद नहीं आया और उनका मानना है कि अबुधाबी ग्रां प्री में लुईस हैमिल्टन जीत के हकदार थे। अबुधाबी में रविवार को सत्र की आखिरी रेस में कई विवादास्पद रेस कंट्रोल कॉल किये गए और आखिरी लैप में रेडबुल के मैक्स वेरस्टाप्पेन ने हैमिल्टन को पछाड़कर जीत दर्ज की। हैमिल्टन का माइकल शूमाकर का सात विश्व खिताब का रिकॉर्ड तोड़ने का सपना फिलहाल अधूरा रह गया।
कार्तिकेयन ने पीटीआई से कहा, 'ऐसा लग रहा था मानों वे मैक्स को जिताना चाहते थे। यह रोमांचक मुकाबला था लेकिन कल जो हुआ, वह खेल नहीं था। एफवन में करीबी मुकाबले होने चाहिये लेकिन स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिये।' हैमिल्टन जीत की तरफ बढ रहे थे जब 58 लैप की रेस के 53वें लैप में निकोलस लतीफी की कार दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद सुरक्षा कार ट्रैक पर आई । वेरस्टाप्पेन के नये टायर हैमिल्टन के पुराने टायरों पर भारी पड़े।
नियमों के तहत सुरक्षा कार को अगली लैप में चले जाना चाहिये था लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कार्तिकेयन ने कहा, 'अगर सुरक्षा कार का वहां रहना जरूरी नहीं हो तो आखिरी कार के गुजरने के बाद उसे पिट में अगली लैप में ही लौट जाना चाहिये था।' उन्होंने कहा, 'इस विवाद को अलग रखकर भी देखें तो लुईस जीत का हकदार था। यह उसकी रेस थी। यह नतीजा सही नहीं रहा।'