भारत के एथलीट नीरज चोपड़ा ने शनिवार को टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रच दिया। नीरज ने जैवलीन थ्रो ( भाला फेंक) में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। एथलेटिक्स में पिछले 100 वर्षों से अधिक समय में भारत का यह पहला ओलंपिक मेडल है। 23 वर्षीय नीरज शुरू से ही आत्मविश्वास से भरे हुए दिखे। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंककर कामयाबी हासिल की। नीरज की सफलता का राज लगभग चार पहले किए गए एक ट्वीट से समझा सकता है। उन्होंने यह ट्वीट बड़ी उपल्बिध हासिल करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जताते हुए किया था, जिसमें वह सफल रहे।
नीरज के पुराने में ट्वीट में ये लिखा है
नीरज चोपड़ा ने अक्टूबर 2017 में अपने आधिकरिक ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर की थी। इस पोस्ट में लिखा था, 'जब सफलता की ख्वाहिश आपको सोने ना दे, जब मेहनत के अलावा कुछ और अच्छा ना लगे, जब लगातार काम करने के बाद थकावट ना हो, समझ लेना सफलता का नया इतिहास रचने वाला है।' उन्होंने इस ट्वीट को पिन्नड किया हुआ है। नीरज के ट्वीट से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने बुलंदी पर पहुंचने के लिए खुद को कितना प्रेरित किया। उनकी नजर सिर्फ लक्ष्य पर थी। नीरज जहां 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतकर सुर्खियों में आए तो अब ओलंपिक से वह भारत के नए स्टार बन गए हैं।
नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीता जबकि चेक गणराज्य के जाकुब वादलेच ने 86.67 मीटर भाला फेंककर सिल्वर अपनी झोली में डाला। वहीं, चेक ही वितेजस्लाव वेस्ली ने 85.44 मीटर की दूरी तक भाला फेंका और ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। नीरज भारत की तरफ से व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। इससे पहले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड मेडल जीता था। भारत का यह वर्तमान ओलंपिक खेलों में सातवां मेडल है, जो कि रिकार्ड है। भारत ने लंदन ओलंपिक 2012 में छह मेडल जीते थे।