इस्लामाबाद: अफगानिस्तान की 32 महिला फुटबॉल खिलाड़ी अपने परिवारों के साथ पाकिस्तान पहुंच गयी हैं जिन्हें तालिबान से धमकियों का सामना करना पड़ रहा था। बुधवार को एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्हें निकालने के लिये सरकार द्वारा आपात मानवीय वीजा जारी किये जाने के बाद ये फुटबॉलर पाकिस्तान पहुंची।
खिलाड़ियों को कतर जाना था
राष्ट्रीय जूनियर बालिका टीम की इन खिलाड़ियों को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कतर जाना था जहां अफगान शरणार्थियों को 2022 फीफा विश्व कप के एक स्टेडियम में रखा गया है। लेकिन काबुल हवाईअड्डे पर 26 अगस्त को हुए एक बम धमाके के कारण वे ऐसा नहीं कर सकीं जिसमें 13 अमेरिकी और कम से कम 170 अफगान नागरिकों की मौत हो गयी थी।
'बचने के लिये छुपती फिर रही थीं
‘डॉन’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार इन महिला खिलाड़ियों को फुटबॉल खेलने के लिये तालिबान से धमकियों का सामना करना पड़ रहा था। इस रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद ये खिलाड़ी तालिबान से बचने के लिये छुपती फिर रही थीं। ब्रिटेन के एक गैर सरकारी संगठन ‘फुटबॉल फॉर पीस’ ने सरकार और पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ (जो फीफा से मान्यता प्राप्त नहीं है) की मदद ने इन 32 खिलाड़ियों को पाकिस्तान लाने की शुरूआत की।
फीफा की जमकर हो रही आलोचना
फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फैनटिनो पिछले हफ्ते दोहा यात्रा के दौरान अफगानिस्तानी शरणार्थियों से मिले थे। लेकिन फीफा की इस बात के लिये आलोचना की गयी थी कि उसने अफगानिस्तान में इन महिला फुटबॉलरों की मदद के लिये कोई कदम नहीं उठाया था। ये महिला फुटबॉलर पेशावर से लाहौर जायेंगी जहां उन्हें पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ के मुख्यालय में रखा जायेगा।