नई दिल्ली। जैसा कि भारत 5जी युग की शुरुआत करने की योजना बना रहा है, 5जी- संगत उपकरणों की मांग दक्षिण पूर्व एशिया में कम हो गई है, क्योंकि बढ़ती मुद्रास्फीति के बीच 5जी के व्यावहारिक उपयोग अभी तक देखे नहीं गए हैं। सोमवार को एक नई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। कैनालिस की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण पूर्व एशियाई बाजारों के विकास में 5जी की तैनाती बहुत ही कम रही है, जिससे 5जी के लिए प्रचार कम हो गया है और मांग स्मार्टफोन के अधिक व्यावहारिक पहलुओं जैसे बैटरी लाइफ, स्टोरेज, प्रोसेसर स्पीड और कैमरा गुणवत्ता में स्थानांतरित हो गई है।
शिपमेंट में 18 प्रतिशत की गिरावट
शोध विश्लेषक चीव ले जुआन ने कहा, "5जी उपकरणों की मांग ठप हो गई है। 5जी उपकरणों ने दूसरी तिमाही में स्मार्टफोन की कुल शिपमेंट में 18 प्रतिशत की गिरावट का अनुभव किया।" बढ़ती मुद्रास्फीति के परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को 5जी जैसे कम व्यावहारिक गुणों पर लंबे समय तक चलने वाले उपकरणों की तलाश है।
5जी का व्यावहारिक उपयोग अभी तक देखा जाना बाकी है और कम-मध्य उपकरणों के लिए विशेष रूप से अनावश्यक है, जब दिन-प्रतिदिन के उपयोग में 4जी की स्पीड पर्याप्त होती है। जुआन ने कहा, "लाभप्रदता को बढ़ाते हुए डिवाइस की सामथ्र्य बनाए रखना विक्रेताओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।"
दूसरी तिमाही में, दक्षिण पूर्व एशियाई स्मार्टफोन शिपमेंट 2.45 करोड़ यूनिट तक पहुंच गया, जो पिछली तिमाही से 7 प्रतिशत कम है। सैमसंग ने अपनी मध्य-से-उच्च-अंत ए सीरीज की अनुमानित मांग से कम होने के कारण पहली तिमाही से 19 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद अपनी अग्रणी स्थिति बरकरार रखी।
सबसे बड़ा बाजार बना रहा इंडोनेशिया
37 प्रतिशत हिस्सेदारी और 91 लाख शिपमेंट के साथ इंडोनेशिया सबसे बड़ा बाजार बना रहा, इसके बाद 4.4 करोड़ शिपमेंट के साथ फिलीपींस का स्थान रहा।
6 फीसदी बढ़ा मलेशिया का स्मार्टफोन बाजार
थाईलैंड का स्मार्टफोन बाजार क्रमिक रूप से 14 प्रतिशत घटकर 40 लाख यूनिट रह गया और वियतनाम स्मार्टफोन बाजार तिमाही-दर-तिमाही 32 प्रतिशत घटकर 31 लाख शिपमेंट हो गया, जो वैश्विक अनिश्चितताओं और बढ़ती कमोडिटी की कीमतों से कमजोर उपभोक्ता मांग के परिणामस्वरूप हुआ। मलेशिया का स्मार्टफोन बाजार 6 फीसदी बढ़कर 24 लाख शिपमेंट हो गया।