अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने नये एक्स-रे मिशन के तहत प्राप्त पहली तस्वीर जारी की है। दरअसल नासा ने इटली की अंतरिक्ष एजेंसी आईएक्सपीई के साथ मिलकर यह अभियान शुरू किया है। इसी के तहत गत साल 9 दिसंबर को फाल्कन-9 रॉकेट के जरिये इमेजिंग एक्सरे पोलिरेमेटरी एक्सप्लोरर आईएक्सपीई को लॉन्च किया गया था।
यह ऐसी पहली अंतरिक्ष वेधशाला है, जो विस्फोट के बाद तारों और ब्लैकहोल के एक्स-रे के पोलराइजेशन का अध्ययन करती है। अंतरिक्ष में एक्स-रे लाइट जिस तरह उन्मुख होती है, उसे पोलराइजेशन कहते हैं।
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नासा का कहना है कि वेधशाला में उसके सभी उपकरण ठीक काम कर रहे हैं। आईएक्सपीई ने सबसे पहले अपनी एक्स-रे आई को कैसियोपिया ए पर फोकस किया था। कैसियोपिया ए में 17वीं शताब्दी में विस्फोटित तारे का मलबा है।
नासा ने कहा कि इस विस्फोट के कारण उत्पन्न तरंगों से आसपास का गैस हट गया और उच्चतम तापमान पर गर्म हो गया। इसने साथ ही कॉस्मिक रे पार्टिकल का ऐसा बादल बना दिया, जो एक्स-रे की लाइट में चमकता है।
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अन्य दूरबीनों से भी कैसियोपिया ए का अध्ययन किया गया है लेकिन आईएक्सपई शोधकर्ताओं को नये तरीके से इसकी जांच करने में सहयोग करेगा।नासा ने कहा है कि उसके द्वारा जारी कैसियोपिया ए की तस्वीर में मैजेंटा रंग एक्स-रे लाइट की तीव्रता को बताता है।