वाराणसी के छात्रों का कमाल, बनाया ऐसा डिवाइस जो कोरोना संक्रमित पर रखेगा नजर और बजा देगा अलार्म

Corona tracker: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए देश में अलग-अलग तरह से नागरिक अपना योगदान दे रहे हैं। इसमें छात्र भी पीछे नहीं हैं। वाराणसी के छात्रों ने एक खास डिवाइस बनाया है जो कोरोना से जंग में काम आएगा।

Varanasi students develop Smart guard for Covid-19 device
Varanasi students develop Smart guard for Covid-19 device  |  तस्वीर साभार: IANS
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वाराणसी के छात्रों का योगदान
  • ऐसा डिवाइस बनाया जो कोरोना संक्रमित की जानकारी देगा
  • संक्रमित पर रखेगा नजर, प्रशासन को सचेत भी करेगा यंत्र

कोरोना के इस बेहद मुश्किल समय में सबसे ज्यादा जरूरी संक्रमित लोगों पर नजर रखना है। इसके लिए कई ऐप भी आए हैं। लेकिन वाराणसी के अशोका इंस्टीट्यूट के छात्रों ने ऐसा डिवाइस बनाया है, जिससे न केवल कोरोना के संक्रमित लोगों पर नजर रखी जा सकेगी, बल्कि हॉटस्पॉट इलाके में उनके घर, अस्पताल या क्वारंटीन सेंटर से निकलते ही यह वहां के कर्मियों और पुलिस को अलार्म बजाकर सूचना भी देगा।

स्मार्ट गार्ड फॉर कोविड-19 नामक इस डिवाइस के माध्यम से हस्पिटल में भर्ती या क्वारंटीन सेंटर में रहने वाले मरीजों पर विशेष नजर रखी जा सकेगी। संस्थान के रिसर्च एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के श्याम चौरसिया के निर्देशन में धनंजय पांडेय, निखिल केसरी और मोहम्मद सैफ ने इस डिवाइस को बनाया है।

स्मार्ट गार्ड फॉर कोविड-19

डिपार्टमेंट के श्याम चौरसिया ने बताया, स्मार्ट गार्ड फॉर कोविड-19 नाम से बने इस डिवाइस से पॉजिटिव मरीजों के घरों पर नजर रखा जा सकता है। इलाके के कई संक्रमित मरीज कभी-कभी लापरवाही कर घर से बाहर निकलने का प्रयास करते हैं। ऐसे में औरों में भी वायरस फैलने का खतरा हो सकता है। लेकिन यह डिवाइस उनकी गतिविधियों पर पल-पल नजर रखने में सक्षम है। इतना ही नहीं, हॉटस्पॉट एरिया में तैनात पुलिस के जवान को क्वारंटीन किए गए मरीज की जानकारी भी पहुंचाएगा।

चौरसिया ने बताया, इस डिवाइस को मरीज के घर के सामने लगाने पर होम क्वारंटीन मरीज की गतिविधियों की जानकारी भी देगा। घर से कोई बाहर निकलता है तो डिवाइस में लगा सेंसर एक्टिवेट हो जाएगा और हॉटस्पॉट एरिया में तैनात पुलिस के जवान को तुरंत मरीज की लोकेशन बताएगा। यह कॉल और मैसेज भेज कर करेगा। इससे पुलिस समय रहते कार्रवाई कर सकेगी। इसको हॉस्पिटल या घर के गेट पर लगाया जा सकता है और सेंसर की रेंज 5 से 10 मीटर है।

आसानी से बताएगा कोरोना मरीज की जानकारी

उन्होंने बताया, इस डिवाइस की खास बात यह है कि अगर कोई मरीज बिना किसी सूचना के बाहर निकलता है तो डिवाइस के माध्यम से इसकी जानकारी वहां तैनात पुलिसकर्मियों के साथ ही अन्य लोगों को मिल जाएगी। इसे बनाने में खर्च और समय ज्यादा नहीं लगा। इस डिवाइस में पीआईआर सेंसर रिले 5 वोल्ट, बैटरी 9 वोल्ट कीपैड मोबाइल, सीसीटीवी कैमरा का प्रयोग हुआ है।

चौरसिया बताते हैं, इस डिवाइस में मोशन काउंटिंग सेंसर कैमरे के साथ हमने कीपैड मोबाइल फोन को अटैच किया है। इस डिवाइस के सेंस करने का रेंज तकरीबन 5 से 10 मीटर है, जो किसी भी हॉस्पिटल या घर के गेट के रास्ते पर नजर रखने के लिए काफी है। इस डिवाइस को हॉटस्पॉट एरिया में क्वारंटीन किए गए मरीजों के घरों के दरवाजों के उपर एक कैमरे की तरह लगाया जा सकता है। इसे बनाने में 8,500 रुपये का खर्च आया है।

कॉलेज में पड़ी वस्तुओं से बनाया

वे बताते हैं कि इसे बनाने में उन्होंने अपने कॉलेज में पड़े कैमरा, मोशन सेंसर, मोबाइल, जीपीएस सिस्टम, बैटरी, कैलकुलेटर 5 वोल्ट रिले का प्रयोग किया है। क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया, कोरोना काल के अलावा इस डिवाइस की आने वाले समय में जरूरत रहेगी। आम सोसायटी की भीड़ को नियंत्रण करने में काफी सहयोगी करेगी।

अगली खबर