नई दिल्ली: वीडियो शेयरिंग एप टिकटॉक मंगलवार को देश में बंद हो गया। इसे देश में गूगल प्ले स्टोर और एपल एप स्टोर से भी हटा दिया गया है।
सरकार ने सोमवार को टिकटॉक सहित 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगा दिया। टिकटॉक के अलावा अन्य प्रतिबंधित एप की मौजूदा स्थिति के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं उपलब्ध हो सकी है।
कुछ उपयोक्ताओं के मुताबिक मंगलवार को कुछ समय तक वे टिकटॉक का उपयोग करने में सक्षम थे। देश में टिकटॉक के करीब 20 करोड़ उपयोक्ता थे। टिकटॉक खोलने पर एक संदेश सभी को दिखायी दे रहा है। संदेश में लिखा है, 'प्रिय उपयोक्ता, हम भारत सरकार के 59 एप पर प्रतिबंधों का पालन करने की प्रक्रिया में है। भारत में हमारे सभी उपयोक्ताओं की निजता और डेटा की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।'
देश में टिकटॉक की वेबसाइट भी बंद हो गयी है। टिकटॉक देश में करीब 2,000 लोगों को रोजगार प्रदान करती है। बाइटडांस कंपनी की टिकटॉक एप के अलावा ई-वाणिज्य समूह अलीबाबा के मालिकाना हक वाली यूसी ब्राउजर, यूसी न्यूज एप, टैनसेंट होल्डिंग्स की वीचैट और बायदू इंक के मानचित्र और अनुवाद मंच पर भी प्रतिबंध लगा है।
प्रतिबंध से लगेगा चीनी कंपनियों को झटका
भारत में लगे इस प्रतिबंध से चीन की इंटरनेट कंपनियों को झटका लगेगा, क्योंकि भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता मोबाइल बाजार है। नीति शोध समूह गेटवे हाउस के निदेशक ब्लेज फर्नाडीज का कहना है कि देश में चार प्रमुख तरह के चीनी एप काम कर रही हैं। ये एप आर्थिक गतिविधियों, सेवा, सौंदर्य और रणनीतिक क्षेत्रों से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि 'डिजिटल इंडिया' पर विश्व की नजर है। बायदू, अलीबाबा और टैंसेंट चीन के 'डिजिटल सिल्क रूट' का हिस्सा हैं। भारत में इन 59 एप पर प्रतिबंध से इनके बाजार मूल्यांकन और इनके प्रवर्तकों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
टिकटॉक का आना था आईपीओ
उन्होंने कहा कि टिकटॉक का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) आना भी प्रस्तावित है। कंपनी के 30 प्रतिशत सक्रिय उपयोक्ता भारत से आते हैं, ऐसे में कंपनी के बाजार मूल्यांकन पर विपरीत असर पड़ेगा।
भारत में टिक टॉक के प्रमुख निखिल गांधी ने एक बयान में कहा, 'भारत सरकार ने टिकटॉक सहित 59 एप को बंद करने का अंतरिम आदेश जारी किया है। हम इस आदेश का पालन कर रहे हैं। हमें संबंधित सरकारी पक्षों के समक्ष अपनी प्रतिक्रिया और स्पष्टीकरण देने के लिये आमंत्रित किया गया।'
कंपनियों ने कहा कर रही हैं सभी हितधारकों से मिलकर काम
वहीं बाइट डासं समूह की अन्य एप हेलो ने कहा कि वह स्पष्टीकरण देने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रही है। उसने जोर देकर कहा कि वह देश के सभी नियमों का कड़ाई से पालन करती है।
इस बीच भारत में विकसित टिकटॉक जैसी ही एप रोपोसो ने कहा कि प्रतिबंध के बाद कई टिकटॉक उपयोक्ता उसके मंच पर आए हैं। इसमें वह लोग भी हैं जो टिकटॉक पर काफी प्रभावशाली रहे हैं। कंपनी का दावा है कि उसके उपयोक्ताओं की संख्या 6.5 करोड़ से अधिक है।
मंगलवार को छोटे व्यापारियों के संगठन कैट ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर विभिन्न भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में चीन के निवेश की जांच कराने के लिए कहा।