गजब: गाजे-बाजे के साथ दूल्हा बनकर निकला 102 साल का बुजुर्ग, तख्ती पर लिखाया- थारा फूफा अभी जिंदा है..

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आदित्य साहू
Updated Sep 09, 2022 | 14:59 IST

Haryana Rohtak 102 Year Old Man: हरियाणा के 102 साल के बुजुर्ग पिछले् 6 महीने से अपनी पेंशन के लिए सरकारी ऑफिसों के चक्कर लगा रहे थे। इसके बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई तो बुजुर्ग ने विरोध का अनोखा तरीका निकाला।

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बुजुर्ग का अनोखा विरोध  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • 102 साल के बुजुर्ग ने बग्गी में बैठकर निकाली बारात
  • बुढ़ापा पेंशन बंद हुई तो बुजुर्ग ने निकाली बारात
  • तख्ती पर लिखा- थारा फूफा अभी जिंदा है

Haryana Rohtak 102 Year Old Man: हरियाणा से बहुत ही दिलचस्प मामला सामने आया है। हरियाणा के रोहतक में 102 साल के बुजुर्ग की पेंशन बंंद हो गई थी। इसके साथ ही बुजुर्ग को मृत बता दिया गया था। बुजुर्ग पिछले 6 महीने से पेंशन के लिए सरकारी ऑफिसों के चक्कर लगा रहा था। इसके बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई तो बुजुर्ग ने विरोध का अनोखा तरीका निकाला। 102 साल के बुजुर्ग दूल्हे की तरह तैयार होकर बग्गी पर बैठकर बारात लेकर निकल पड़े।

बुजुर्ग गाजे-बाजे के साथ बारात लेकर निकले थे। उनके साथ कई सारे बाराती भी थे। बाराती ठुमके लगाते हुए जब सड़कों पर निकले तो लोग हैरान रह गए। सड़क पर गुजर रहे लोगों को जब मामले के बारे में पता चला तो उन्होंने जमकर ठहाके लिए। इस दौरान सबसे खास बात यह रही कि जो लोग बुजुर्ग के साथ बाराती बनकर निकले थे। उनके हाथों में एक तख्ती नजर आ रही थी। इस तख्ती पर लिखा था, ‘थारा फूफा अभी जिंदा है…मैं अभी जिंदा हूं।’

दिया जिंदा होने का सबूत

बता दें कि रोहतक जिले के गांधार गांव के रहने वाले दुलीचंद नामक 102 साल के बुजुर्ग को बाबुओं ने कागजों में मृत घोषित करके उनकी बुढ़ापा पेंशन बंद कर दी थी। इसके बाद वह अपनी पेंशन बहाल करवाने के लिए पिछले 6 महीनों से ज्यादा समय से सरकारी ऑफिसों के चक्कर काट रहे थे। जब वहां पर उनकी बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने अपनी बात सुनाने का एक अनोखा तरीका निकाला। 

गुरुवार 8 सितंबर को बुजुर्ग ने खुद को जिंदा बताने के लिए दूल्हा बनकर गाजे-बाजे के साथ अपनी बारात निकाली। उन्होंने नोटों की माला पहनी हुई थी। बुजुर्ग ने मानसरोवर पार्क से रोहतक शहर के नहर विश्राम गृह तक अपनी बारात निकाली और खुद को जिंदा होने का सबूत दिया। इसके साथ ही सरकार से उनकी पेंशन बहाल करने की मांग की। बुजुर्ग ने बताया कि उनकी आखिरी पेंशन 2 मार्च को आई थी। इसके बाद कागजों में उनको मरा घोषित कर दिया गया और बुढ़ापा पेंशन काट दी गई।

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