नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने कहा है कि बर्फ में जमे हुए एक 18,000 साल पुराने कुत्ते का शव उन्हें मिला है जो संभवतः 'सबसे पुराना पुष्टि किया गया कुत्ता' हो सकता है। कुत्ते के शरीर को 2018 में साइबेरिया में खोजा गया था। जानवर के शरीर का विश्लेषण किया गया है और एक साल से अधिक समय तक वैज्ञानिकों लव डेलेन और डेव स्टैंटन द्वारा इसकी जांच की गई। लेकिन स्वीडन से यह जोड़ी अभी भी 100% इस नतीजे पर नहीं पहुंची है कि यह शव एक युवा कुत्ते का है या किसी भेड़िए का।
दलेन और स्टैंटन ने हाल ही में सोशल मीडिया पर जानवर की कुछ तस्वीरें भी जारी की हैं। यही फोटोज ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई हैं। यदि वैज्ञानिक जानवर की पहचान कुत्ते के रूप में करने में सफल रहते हैं, तो यह इतिहास का ऐसा सबसे पुराना कुत्ता बन सकता है जिसकी पुष्टि की गई है। डालन और स्टैंटन ने कहा कि शव का इस्तेमाल भेड़ियों के बारे में अधिक जानने के लिए के लिए किया जा सकता है। साथ ही इससे यह भी पता चल सकता है कि उन्हें कब पालतू बनाया गया।
वर्फ में जमे होने के बाद 'आश्चर्यजनक रूप से शव अच्छी तरह से संरक्षित' है। इसके रिब-केज पर दांतों का पूरा सेट भी देखा जा सकता है। इसे 'डोगर' नाम दिया गया है क्योंकि यह एक कुत्ता या भेड़िया हो सकता है।
आनुवांशिकी के प्रोफेसर डॉ. डालन ने कहा, 'यह बहुत खास है क्योंकि वास्तव में जानवर का शव हाल ही में मरे किसी जानवर की तरह लगता है। शव कितना पुराना है यह जानकर हम आश्चर्य में पड़ गए। अठारह हजार साल पहले भेड़ियों और कुत्तों दोनों के साथ आनुवंशिक रूप से बहुत से बदलाव हुए होंगे।'
वैज्ञानिकों का कहना है कि जीनोम पर परिणामों का अब तक का अध्ययन स्पष्ट रूप से इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता है कि यह एक कुत्ता था या भेड़िया। लेकिन उन्हें भरोसा है कि अंतिम परिणाम जल्द ही सामने आएंगे।