7 दिन में 1700 किलोमीटर साइकिल चलाकर पहुंचा घर- 'बस एक ही डर था कि रास्ते में कहीं भूत न मिल जाए'

Lockdown: अगर 20 साल के महेश जेना की कहानी सुनी जाए तो दशरथ मांझी जैसे इंसान के पहाड़ तोड़कर रास्ता बना देने की कहानी इतनी भी नामुमकिन नहीं लगती। एक दिन 240 किलोमीटर साइकिल चलाकर 7 दिन में शख्स घर पहुंच गया।

1700 km journey from bicycle
साईकिल से 1700 किलोमीटर का सफर (प्रतीकात्मक तस्वीर) 

नई दिल्ली: लॉकडाउन के बीच लगातार कई तरह की दिलचस्प कहानियां सामने आ रही हैं। सारे यातायात साधन ठप हो जाने के बाद कोई रिक्शा से घर जा रहा है, कोई पैदल तो साईकिल का इस्तेमाल कर रहा है। हाल ही में एक मामला सामने आया है जहां एक शख्स 1700 किलोमीटर साइकिल चलाकर अपने घर पहुंचा। बीते 1 अप्रैल को संकट के माहौल के बीच 20 वर्षीय महेश जेना लगातार चिंता में था और बीती रात ठीक से नींद भी नहीं आई थी, ऐसे में उसने एक ऐसा फैसला किया जिसकी हिम्मत कम ही लोग कर पाते हैं, उसने साइकिल चलाकर घर पहुंचने का फैसला किया।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सुबह 4 बजे जींस, टीशर्ट, स्लीपर चप्पल और पीठ पर एक बैग टांगकर साइकिल पर सवाल होकर निकल पड़ा। उड़ीसा में जजपुर के भनरा गांव में उसकी यात्रा खत्म होने वाली थी जोकि महाराष्ट्र के सांग्ली से 1700 किलोमीटर की लंबी दूरी पर मौजूद था। उसके बैग में एक कंबल, पहनने के लिए कपड़े, कुछ बिस्किट, टिफिन, साबुन और 3000 हजार रुपए के करीब मौजूद थे। न कोई नक्शा और न ही कोई स्मार्टफोन।

अनिश्चितता का माहौल: सांग्ली इंडस्ट्रियल एरिया में काम करने वाला शख्स अनिश्चितता के माहौल को देखकर अपने घर की ओर निकला था। अफवाहें थीं कि फैक्ट्री कम से कम 5 महीने तक बंद रहेगी और इस बीच रहने के लिए कोई इंतजाम नहीं था। पहले महेश ने पैदल जाने का फैसला किया लेकिन ऐसा करने पर एक महीने के करीब समय लगने की संभावना थी इसलिए उसने बाद में साइकिल को चुना।

कैसे लगाया अंदाजा: जेना ने याद किया कि वह महाराष्ट्र में किस रास्ते से होकर आया था, कहां से ट्रेन या बस पकड़ी थी और बीच में कौन कौन से पड़ाव आए थे। इन्हीं सब बातों को याद रखते हुए अब उल्टी दिशा में यात्रा करनी थी और उसने बिना ज्यादा सोचे यह यात्रा शुरु कर दी।

पहले दिन 150 किलोमीटर: पहले दिन उसने करीब 150 किलोमीटर से ज्यादा साइकिल चलाई और इस दौरान एक बार साइकिल भी पंचर हुई। रात में एक मंदिर में रुका। इसी तरह धीरे धीरे पड़ाव पार करते हुए आगे बढ़ता चला गया। घर की ओर पहुंचने के बाद महेश जेना ने अपने चाचा को बुलाया उनसे पुलिस को जानकारी देने के लिए कहा ताकि उसे क्वारंटाइन के लिए कुछ दिन तक रखा जा सके। इस दौरान उसने अपने परिवार से दूर से ही बात की।

भूत का था डर: 20 वर्षीय शख्स को 1700 किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब 7 दिन का समय लगा इसका मतलब हुआ एक दिन में करीब 242 किलोमीटर। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जब जेना से पूछा गया कि उसे यात्रा में किसी बात का डर नहीं लगा तो उसने कहा कि उसे भूत मिलने का डर था लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

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